चंडीगढ़, 2 जून: भारतीय शेयर बाजार में सप्ताह की शुरुआत भारी गिरावट के साथ हुई, जिससे निवेशकों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। सोमवार को बाजार ने कमजोरी के साथ कारोबार की शुरुआत की और पूरे दिन बिकवाली के दबाव में बना रहा। सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों प्रमुख सूचकांक लाल निशान में बंद हुए, जिससे यह साफ हो गया कि बाजार में फिलहाल सतर्कता और अनिश्चितता का माहौल कायम है।
कहां तक लुढ़के सेंसेक्स और निफ्टी?
-
सेंसेक्स (BSE) आज के कारोबारी सत्र में 674.83 अंक यानी 0.83% की गिरावट के साथ 80,776.18 पर खुला।
-
निफ्टी (NSE) ने भी कमजोरी दिखाई और 176.85 अंक यानी 0.71% की गिरावट के साथ 24,573.85 पर कारोबार शुरू किया।
इन गिरावटों के बाद निवेशकों को यह समझ आ रहा है कि बाजार की मौजूदा चाल में स्थिरता की कमी है और जोखिम का स्तर बढ़ गया है।
गिरावट की प्रमुख वजहें:
1. वैश्विक बाजारों से मिले कमजोर संकेत:
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में गिरावट और अनिश्चितता की स्थिति का सीधा असर भारतीय बाजार पर देखने को मिला। अमेरिका और यूरोप के बाजारों में आर्थिक मंदी की आहट, कमजोर आंकड़े और निवेशकों की सतर्कता ने भारतीय बाजार को प्रभावित किया।
2. अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति को लेकर आशंका:
ब्याज दरों में संभावित बढ़ोतरी की चिंता, डॉलर की मजबूती और वैश्विक आर्थिक नीति को लेकर निवेशकों में असमंजस बना हुआ है। इसका असर विदेशी निवेश और घरेलू सेंटीमेंट पर पड़ा है।
3. विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की बिकवाली:
पिछले कुछ सत्रों से FIIs बाजार से पैसे निकाल रहे हैं, जिससे लिक्विडिटी पर दबाव पड़ा है। यह लगातार बिकवाली बाजार के लिए नकारात्मक संकेत है।
4. बड़े सेक्टर्स में दबाव:
आईटी, बैंकिंग और ऑटो सेक्टर जैसे भारी भरकम इंडस्ट्रीज़ में बिकवाली का दबाव देखा गया। निवेशकों ने प्रॉफिट बुकिंग और सेक्टरल अनिश्चितताओं के चलते इन शेयरों से दूरी बनाना शुरू किया।
5. घरेलू राजनीतिक अस्थिरता:
राजनीतिक वातावरण में असमंजस और कुछ राज्यों में चुनावी हलचल के चलते बाजार के भाव में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
वर्तमान हालात में निवेशकों को जल्दबाज़ी में निर्णय लेने से बचना चाहिए। बाजार में अस्थिरता बनी हुई है, इसलिए:
-
लॉन्ग टर्म निवेश पर ध्यान दें
-
मजबूत फंडामेंटल वाले शेयरों को प्राथमिकता दें
-
छोटे निवेशकों को सटीक रिसर्च और एक्सपर्ट सलाह लेकर ही कदम उठाना चाहिए
-
किसी भी गिरावट को निवेश के अवसर के रूप में देखने की कोशिश करें, मगर पूरी सतर्कता के साथ