चंडीगढ़, 6 जून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह जम्मू-कश्मीर दौरा सिर्फ एक आधिकारिक यात्रा नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक और विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित हुआ। इस दौरे के दौरान पीएम मोदी ने लगभग ₹46,000 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात दी, जिनमें देश का गौरव बन चुका चिनाब ब्रिज, अत्याधुनिक वंदे भारत ट्रेन और अंजी ब्रिज प्रमुख हैं।
दुनिया का सबसे ऊंचा चिनाब ब्रिज – अब देश को समर्पित
चिनाब ब्रिज, जो अब भारतीय रेलवे के इतिहास में एक मील का पत्थर बन चुका है, को पीएम मोदी ने राष्ट्र को समर्पित कर दिया। यह पुल केवल एक इंजीनियरिंग चमत्कार नहीं, बल्कि ‘नई कनेक्टेड कश्मीर’ का आधार बन रहा है।
चिनाब ब्रिज की प्रमुख विशेषताएं:
-
ऊंचाई: 359 मीटर (एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा)
-
लंबाई: 1.3 किलोमीटर
-
लागत: लगभग ₹1,500 करोड़
-
स्थान: कटरा-बनिहाल रेलवे सेक्शन, जम्मू-कश्मीर
🔸 यह पुल भारत को कश्मीर से हर मौसम में जोड़ने में सक्षम है।
🔸 इसे भूकंप, भारी बर्फबारी, तेज हवाओं और अन्य आपदाओं को सहने के लिए डिजाइन किया गया है।
🔸 इसका निर्माण भारतीय इंजीनियरिंग, साहस और तकनीकी दक्षता का परिचायक है।
कटरा से श्रीनगर: वंदे भारत एक्सप्रेस को मिली हरी झंडी
आज से कटरा से श्रीनगर के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस सेवा शुरू हो गई है। पीएम मोदी ने खुद इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
वंदे भारत एक्सप्रेस के लाभ:
-
कम समय में यात्रा: जम्मू से श्रीनगर की दूरी अब और तेजी से तय की जा सकेगी।
-
हर मौसम में संचालन: अब ट्रेन सेवा बर्फबारी या खराब मौसम में बाधित नहीं होगी।
-
सुविधा और आराम: यात्रियों को आधुनिक और सुविधाजनक रेल सफर का अनुभव मिलेगा।
-
पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा: ट्रेन सेवा शुरू होने से घाटी में टूरिज्म, लोकल ट्रैवल और कारोबार को गति मिलेगी।
अंजी ब्रिज का भी उद्घाटन
इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कटरा-बनिहाल रेल खंड के एक अन्य महत्वपूर्ण हिस्से अंजी ब्रिज का भी उद्घाटन किया। यह पुल रेलवे नेटवर्क को और मजबूत करने में मदद करेगा, खासकर पहाड़ी और संवेदनशील इलाकों में।
विकास और सुरक्षा का संदेश
यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब हाल ही में पहलगाम में एक आतंकी हमला हुआ था, जिसमें निर्दोष लोगों की जान गई। पीएम मोदी का यह दौरा यह संदेश देता है कि:
“कश्मीर को भय नहीं, भरोसे और विकास के रास्ते पर आगे ले जाना हमारी प्राथमिकता है।”
भारत की तकनीकी ताकत का प्रतीक
चिनाब ब्रिज का निर्माण न केवल भारत की तकनीकी और इंजीनियरिंग प्रतिभा को दर्शाता है, बल्कि यह दुनिया को यह बताने का भी संकेत है कि:
-
भारत दुर्गम क्षेत्रों में भी विश्व स्तरीय संरचना बना सकता है।
-
इस परियोजना में हज़ारों इंजीनियरों, मजदूरों और तकनीकी विशेषज्ञों की मेहनत लगी।
-
यह पुल केवल एक संरचना नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण और कश्मीर के पुनर्गठन का प्रतीक है।