Kalka Vidhan Sabha क्षेत्र में आगामी मतदान के लिए चयनित पीठासीन, सहायक पीठासीन, और पोलिंग अधिकारियों की दूसरी रिहर्सल में 46 कर्मचारियों के अनुपस्थित रहने पर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
अगर ये कर्मचारी नोटिस का जवाब नहीं देते हैं,
तो उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
01-Kalka Vidhan Sabha निर्वाचन क्षेत्र में मतदान की तैयारी
सहायक विकास अधिकारी और रिटर्निंग अधिकारी कालका, राजेश पुनिया ने जानकारी दी
कि 01-कालका विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में मतदान की तैयारी के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन इन्द्रधनुष आडिटोरियम में 24 सितंबर 2024 को किया गया था।
इस प्रशिक्षण में उपस्थित होने वाले सभी अधिकारियों के लिए यह अनिवार्य था,
ताकि वे चुनावी प्रक्रिया को सुचारू रूप से चला सकें।
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Kalka Vidhan Sabha: 46 कर्मचारी अनुपस्थित रहे
हालांकि, प्रशिक्षण में 46 कर्मचारी अनुपस्थित रहे, जो कि चुनावी प्रक्रिया के लिए चिंता का विषय है।
मतदान अधिकारियों का प्रशिक्षण बेहद महत्वपूर्ण होता है,
क्योंकि इससे उन्हें मतदान के विभिन्न चरणों, प्रक्रियाओं और नियमों के बारे में जानकारी मिलती है।
अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों की लापरवाही से न केवल चुनावी प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है,
बल्कि इससे निर्वाचन आयोग की योजनाओं पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है।
राजेश पुनिया: नोटिस जारी करने की प्रक्रिया नियमानुसार की गई
राजेश पुनिया ने बताया कि नोटिस जारी करने की प्रक्रिया नियमानुसार की गई है।
हर कर्मचारी को अपने अनुपस्थित रहने के कारण स्पष्ट रूप से बताने के लिए कहा गया है।
यदि कर्मचारी उचित कारण नहीं बताते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि सभी कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों को समझें और समय पर उपस्थित रहें।
इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि चुनावी प्रक्रिया में सभी अधिकारियों की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है।
चुनाव एक संवैधानिक प्रक्रिया है, जिसमें प्रत्येक अधिकारी की जिम्मेदारी सुनिश्चित करना आवश्यक है।
अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों को अब अपने कार्य के प्रति गंभीरता से सोचना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
इस तरह की कार्रवाई से यह संदेश भी जाता है कि चुनावी अधिकारियों के प्रति गंभीरता और जिम्मेदारी का पालन न करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
इससे यह सुनिश्चित होगा कि चुनाव प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो और सभी कर्मचारी अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सकें।
मतदान अधिकारियों की अनुपस्थिति पर की गई कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है
कि निर्वाचन आयोग अपनी प्रक्रियाओं को लेकर कितनी गंभीर है और सभी अधिकारियों से उनकी भूमिका निभाने की उम्मीद करता है।