चंडीगढ़, 10 जून: राजधानी दिल्ली एक बार फिर तपती लू और आग उगलते सूरज की चपेट में है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि अगले तीन दिनों तक दिल्लीवासियों को भीषण गर्मी से कोई राहत नहीं मिलने वाली। तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार जा सकता है, जिससे शहर के हालात और अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। इसी को देखते हुए भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने हीटवेव के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है।
यह रेड अलर्ट न सिर्फ गर्मी की तीव्रता को दर्शाता है, बल्कि यह भी इशारा करता है कि अब सामान्य एहतियात से काम नहीं चलेगा—लोगों को विशेष सावधानियां बरतनी होंगी, वरना स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है।
गर्मी की भयावहता: क्या है रेड अलर्ट का मतलब?
रेड अलर्ट तब जारी किया जाता है जब तापमान सामान्य से काफी अधिक होता है और शरीर पर सीधा असर डालने लगता है। दिल्ली में आने वाले दिनों में दोपहर के वक्त तापमान 45°C से ऊपर पहुंचने की संभावना है। इस दौरान गर्म हवाएं (लू) चलेंगी, जो डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक और चक्कर आने जैसी स्थितियों को जन्म दे सकती हैं।
विशेष रूप से दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक का समय सबसे अधिक जोखिम भरा माना जा रहा है। ऐसे में मौसम विभाग ने लोगों को इस समय के दौरान घरों में रहने की सलाह दी है।
सबसे अधिक खतरा किन लोगों को?
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छोटे बच्चे, जिनका शरीर जल्दी गर्मी को सहन नहीं कर पाता
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बुजुर्ग, जिनका शरीर तापमान के बदलाव के प्रति संवेदनशील होता है
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पहले से बीमार या अस्वस्थ लोग
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खुले में काम करने वाले मजदूर या सफर कर रहे लोग
बारिश की खबर: राहत की उम्मीद
जहां एक ओर अगले तीन दिन लू से बेहाल करने वाले हैं, वहीं राहत की एक उम्मीद भी मौसम विभाग ने जताई है। सप्ताह के अंत यानी शनिवार और रविवार को दिल्ली-एनसीआर में धूल भरी आंधी और हल्की बारिश हो सकती है। इससे तापमान में कुछ हद तक गिरावट आएगी और लोगों को राहत मिलेगी।
हालांकि, यह बारिश बहुत भारी नहीं होगी, लेकिन इतनी जरूर हो सकती है कि पारा कुछ डिग्री नीचे आए और गर्म हवाओं की रफ्तार थमे।
कैसे बचें इस भीषण गर्मी से? – जरूरी सुझाव
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ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं – शरीर को हाइड्रेट रखना इस समय सबसे जरूरी है।
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हल्के और सूती कपड़े पहनें – ताकि शरीर को सांस लेने में मदद मिले और पसीना जल्दी सूख सके।
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घर से बाहर निकलने से बचें, खासकर दोपहर 12 से 4 बजे के बीच।
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अगर बाहर जाना ही पड़े, तो सिर ढकने के लिए टोपी, छाता या गमछे का इस्तेमाल करें।
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नींबू पानी, शिकंजी, नारियल पानी जैसे पेय पदार्थों का सेवन करें, जो शरीर को ठंडा रखें।
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बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें, और उन्हें अनावश्यक रूप से बाहर न जाने दें।
गर्मी एक प्राकृतिक परिस्थिति जरूर है, लेकिन हीटवेव जैसी स्थिति जानलेवा बन सकती है। यह समय सिर्फ तकनीकी भविष्यवाणियों पर नहीं, बल्कि अपनी समझ और सतर्कता पर भी निर्भर करता है। सावधानी, सजगता और मौसम से जुड़ी सूचनाओं पर लगातार नज़र बनाए रखना बेहद जरूरी है।