HERC की 31वीं राज्य सलाहकार समिति बैठक 19 फरवरी को: बिजली टैरिफ और राजस्व घाटे पर अहम चर्चा!

HERC Meeting 19 February

HERC Meeting 19 February: हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (HERC) 19 फरवरी को अपनी 31वीं राज्य सलाहकार समिति (SAC) की बैठक आयोजित करेगा।

बैठक की अध्यक्षता आयोग के चेयरमैन नंद लाल शर्मा करेंगे।

इसका मुख्य उद्देश्य वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बिजली टैरिफ को अंतिम रूप देना है।

इसके अलावा, राजस्व घाटे, वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिति और उपभोक्ता हितों की सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी।

HERC Meeting 19 February : SAC की भूमिका और गठन

राज्य सलाहकार समिति (SAC) का गठन विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 87 और 88 के तहत किया गया है।
इसका कार्य राज्य में बिजली सेवा की गुणवत्ता, उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा और वितरण कंपनियों के प्रदर्शन पर नीतिगत सुझाव देना है।
इस समिति में 21 सदस्य शामिल हैं, जिनमें शामिल हैं:
•उद्योग जगत के प्रतिनिधि
•कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञ
•गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के प्रतिनिधि
•शैक्षणिक संस्थानों के सदस्य
•उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (UHBVN) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) के प्रबंध निदेशक

बिजली टैरिफ पर 15 जनवरी को हुई थी सार्वजनिक सुनवाई

आयोग ने 15 जनवरी 2025 को बिजली टैरिफ प्रस्ताव पर एक सार्वजनिक सुनवाई आयोजित की थी।
इसमें उपभोक्ताओं और विभिन्न हितधारकों से फीडबैक लिया गया था।
इसके बाद बिजली वितरण कंपनियों (DISCOMs) ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹45,978.93 करोड़ की कुल राजस्व आवश्यकता (ARR) की मांग रखी थी।
हालांकि, HERC ने कंपनियों को ₹4,520.24 करोड़ के राजस्व घाटे को दूर करने के लिए एक ठोस कार्य योजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

बैठक में इन अहम बिंदुओं पर होगी चर्चा

1.AT&C हानि को कम करने की रणनीति
•AT&C (Aggregate Technical & Commercial) हानि को कम करने के उपायों पर चर्चा होगी।
•बिजली वितरण में होने वाले तकनीकी नुकसान और राजस्व की कमी को रोकने के लिए नई तकनीक
और आधुनिक उपकरणों को अपनाने की योजना बनाई जाएगी।
2.स्मार्ट मीटरिंग को मिलेगा बढ़ावा
•उपभोक्ताओं को सटीक और वास्तविक समय में खपत की जानकारी देने के लिए स्मार्ट मीटरिंग सिस्टम को राज्यभर में बढ़ाने की योजना
• इससे बिजली चोरी की रोकथाम और राजस्व संग्रहण में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकेगी।
3.नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा
•प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (केंद्रीय सौर छत योजना) की प्रगति की समीक्षा होगी।
•इस योजना के तहत घरेलू छतों पर सोलर पैनल इंस्टॉलेशन को प्रोत्साहित किया जाएगा।
•बैठक में राज्य की सौर ऊर्जा क्षमता को बढ़ाने और वितरण कंपनियों की नवीकरणीय ऊर्जा खरीद प्रतिबद्धताओं (RPO) की प्रगति की भी जांच की जाएगी।
4.थर्मल पावर प्लांट की दक्षता में सुधार
•हरियाणा के थर्मल पावर प्लांट्स की प्रदर्शन समीक्षा की जाएगी।
•साथ ही, प्लांट लोड फैक्टर (PLF) में सुधार और कार्बन उत्सर्जन में कमी के लिए आधुनिक तकनीकों को अपनाने पर विचार होगा।
5.उपभोक्ता शिकायत निवारण प्रणाली में सुधार
•उपभोक्ता शिकायतों के समाधान को अधिक प्रभावी बनाने के लिए आईटी आधारित समाधान अपनाने की रणनीति बनेगी।
•आयोग का लक्ष्य समयबद्ध शिकायत निवारण और उपभोक्ता संतुष्टि को बढ़ाना है।

HERC Meeting 19 February : हरियाणा के बिजली क्षेत्र में बदलाव की उम्मीद

HERC के चेयरमैन नंद लाल शर्मा, जिन्होंने 2 फरवरी 2024 को कार्यभार संभाला था, ने कहा,
“हम उपभोक्ता-केंद्रित नीतियों को प्राथमिकता देंगे और तकनीकी नवाचारों को अपनाकर बिजली वितरण में सुधार करेंगे।
हमारा लक्ष्य है कि हरियाणा में बिजली आपूर्ति निर्बाध और किफायती हो, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिले।”
उन्होंने आगे कहा कि राजस्व घाटे को कम करने, बिजली वितरण में पारदर्शिता लाने
और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं देने के लिए यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण है।

बिजली उपभोक्ताओं की नजरें बैठक के फैसलों पर

इस बैठक से हरियाणा के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी उम्मीदें हैं।
बिजली टैरिफ में संभावित बदलाव और नवीकरणीय ऊर्जा को लेकर होने वाले फैसले घरेलू, व्यावसायिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को सीधे प्रभावित करेंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि बिजली वितरण कंपनियां राजस्व घाटे को नियंत्रित करने में सफल होती हैं, तो भविष्य में टैरिफ स्थिर रह सकता है।
इसके अलावा, स्मार्ट मीटरिंग और सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विस्तार से राज्य को क्लीन एनर्जी की ओर ले जाने में मदद मिलेगी।
आने वाले दिनों में बैठक के निर्णयों से यह साफ हो जाएगा कि हरियाणा के बिजली उपभोक्ताओं को अगले वित्तीय वर्ष में कितनी राहत या बोझ का सामना करना पड़ेगा।