मां शैलपुत्री की कृपा – नवरात्रि के पहले दिन करें पूजा, पाएं शुभ फल

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Navratri 1st Day 2024: आज शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि है, और इस खास दिन कलश स्थापना की जाती है।

नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है,

जिनसे साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। ऐसा माना जाता है

कि मां दुर्गा की पूजा से घर में सुख और समृद्धि का वास होता है।

Navratri 1st Day 2024:  पहले दिन तीन दुर्लभ और शुभ योग

शारदीय नवरात्रि के इस पहले दिन तीन दुर्लभ और शुभ योग का संयोग बना है।

इन योगों में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की आराधना की जाती है, जो हिमालयराज की पुत्री हैं।

धार्मिक मान्यता है कि मां शैलपुत्री की पूजा से व्यक्ति को सुख-समृद्धि प्राप्त होती है और चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है।

अब बात करते हैं कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त की।

कलश स्थापना का शुभ समय कन्या लग्न के दौरान है, जो आज सुबह 6:15 बजे से 7:21 बजे तक है।

इसके अलावा, अभिजित मुहूर्त भी है, जो दोपहर 11:46 बजे से 12:33 बजे तक रहेगा।

मां शैलपुत्री का स्वरूप बेहद शांत और करुणामय है। वे वृषभ पर सवार होती हैं, और श्वेत वस्त्र धारण किए होती हैं।

उनके एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमल का पुष्प होता है।

मां शैलपुत्री की पूजा में सफेद फूल, सफेद वस्त्र, और सफेद मिष्ठान का अर्पण विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

मां शैलपुत्री की पूजा विधि सरल है। सुबह स्नान के बाद कलश स्थापना करें

और मां का ध्यान करते हुए उनकी मूर्ति या चित्र स्थापित करें।

मां को कुमकुम और अक्षत अर्पित करें, सफेद पुष्प चढ़ाएं, आरती करें और भोग लगाएं।

अब बात करें मां शैलपुत्री के मंत्रों की। तो वो कुछ इस प्रकार है –

बीज मंत्र है – ह्रीं शिवायै नम:

प्रार्थना मंत्र – वन्दे वांच्छित लाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्, वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।
और स्तुति मंत्र है – या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।

इस नवरात्रि, मां शैलपुत्री की आराधना करके अपने जीवन में सुख-समृद्धि और शांति की कामना करें।