भाई दूज 2024 : अलग – अलग राज्यों मे अनोखी परंपराओं का त्योहार?

Bhai Dooj 2024

Bhai Dooj 2024: भाई दूज, एक प्रमुख हिंदू त्यौहार है, जो विक्रम संवत पंचांग के शुक्ल पक्ष की दूसरी तिथि को मनाया जाता है।

क्या आप जानते है की इसे ‘भाई फोंटा’, ‘भाई टीका’, ‘भाऊ बीज’, और ‘यमद्वितीया’ नामो से भी जाना जाता है

और भारत के हर राज्य मे भाई दूज का अलग अलग तरीका और नाम है ।

Bhai Dooj 2024 : अलग – अलग राज्यों मे अनोखी परंपराओं का त्योहार?

यह त्यौहार दिवाली के समय भारत में उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है।

2024 में, भाई दूज 3 नवंबर, रविवार को मनाया जाएगा।

यह त्यौहार भाई की अपनी बहन की रक्षा करने की प्रतिज्ञा और बहन की भाई की भलाई की कामना का प्रतीक है।

भाई दूज का उत्सव

भाई दूज का उत्सव देशभर में पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है।

इस अवसर पर बहनें चावल के आटे से अपने भाइयों के लिए एक आसन बनाती हैं।

जब भाई उस आसन पर बैठ जाते हैं, तो बहनें उनके माथे पर कुमकुम, दही और चावल का मिश्रण लगाती हैं।

इसके बाद बहनें भाई के हाथों में कद्दू के फूल, सुपारी, चूने और सिक्के रखती हैं

और मंत्रों का उच्चारण करते हुए उन पर जल छिड़कती हैं।

इसके बाद भाई के हाथ में कलावा बांधा जाता है और आरती की जाती है।

अंत में, भाई-बहन एक-दूसरे को उपहार देते हैं और बुजुर्गों का आशीर्वाद लेते हैं।

भाई दूज का जश्न विभिन्न राज्यों में

भाई दूज का त्यौहार भारत में विभिन्न राज्यों में थोड़े अलग तरीके से मनाया जाता है। आइए जानते हैं कुछ राज्यों में इसे मनाने के तरीके:

महाराष्ट्र: यहां इसे ‘भव बीज’ के नाम से जाना जाता है।

इस दिन बहनें अपने भाइयों को फर्श पर बैठाती हैं,

जहां वे कड़वा फल ‘करठ’ का सेवन करते हैं। इसके बाद बहनें भाइयों को टीका करती हैं और आरती कर उन्हें भलाई की प्रार्थना करती हैं।

पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल में इसे ‘भाई फोंटा’ कहते हैं। इस दिन बहनें उपवास करती हैं

और भाई के माथे पर चंदन, काजल और घी का टीका लगाकर उनकी भलाई की प्रार्थना करती हैं।

इस अवसर पर एक भव्य भोज का आयोजन किया जाता है।

बिहार: बिहार में भाई दूज का जश्न अन्य स्थानों से भिन्न है।

यहां बहनें अपने भाइयों पर शाप और गालियां देती हैं, फिर अपने जीभ को चुभाकर माफी मांगती हैं।

इसके बदले में, भाई उन्हें आशीर्वाद देते हैं और उपहार देते हैं।

इस प्रकार, भाई दूज का त्यौहार भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाने और प्रेम और स्नेह का आदान-प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।