CANADA में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार लगातार वीजा और विदेशी workers को नौकरी देने के नियमों में बदलाव कर रही है, जिससे वहां काम और बसने के हालात तेजी से बदल रहे हैं।
हाल ही में ट्रूडो सरकार ने ‘Temporary Foreign Worker Program’ (TFW) में काफी सुधार किया है,
ताकि इस प्रोग्राम का दुरुपयोग और इस से होने वाली धोखाधड़ी को रोका जा सके।
CANADA की कंपनियां तभी विदेशी workers को नियुक्त
आपको बता दे कि TFW प्रोग्राम के जरिए कनाडा की कंपनियां तभी विदेशी workers को नियुक्त कर सकती हैं,
जब उन्हें देश में योग्य नागरिक नहीं मिल रहे हों। लेकिन सरकार का कहना है
कि कुछ कंपनियों ने इस प्रोग्राम का गलत फायदा उठाते हुए
विदेशी workers पर ज्यादा भरोसा किया और देश के टैलेंट को नजरअंदाज किया है।
26 सितंबर से लागू हुए नए नियमों
26 सितंबर से लागू हुए नए नियमों के तहत, अब कंपनियों को विदेशी workers की नियुक्ति से पहले ‘Labor Market Impact Assessment’ (LMIA) कराना जरूरी होगा।
इसके तहत उन्हें यह साबित करना होगा कि जिस नौकरी के लिए वे विदेशी workers को रखना चाहती हैं,
उसे करने के लिए कनाडा में कोई योग्य नागरिक उपलब्ध नहीं है।
इसके अलावा, सरकार चाहती है कि कंपनियां TFW प्रोग्राम पर अपनी निर्भरता को कम करें
और घरेलू टैलेंट को पहल पर रखें ।
नए नियमों के अनुसार, काम देने वाला वयक्ति अपने कुल वर्कफोर्स में 10% से ज्यादा विदेशी workers को नहीं रख सकते।
साथ ही, जिन क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 6% या उससे अधिक है,
वहां LMIA प्रोसेस नहीं किया जाएगा, हालांकि खाद्य सुरक्षा, कृषि, कंस्ट्रक्शन, और हेल्थकेयर जैसे क्षेत्रों में यह छूट जारी रहेगी।
इसके अलावा, TFW प्रोग्राम के तहत नौकरी की अवधि दो साल से घटाकर एक साल कर दी गई है।
इन बदलावों का असर भारतीय workers पर भी पड़ने वाला है,
खासकर पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों से कनाडा जाने वाले लोगों पर।
इन क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग कनाडा जाकर खेतों में काम करते हैं या अन्य लो-स्किल नौकरियों में लगते हैं,
और अधिकतर लोग TFW प्रोग्राम के तहत ही नौकरी पाते थे।
नए नियमों के चलते कनाडा में इन workers के लिए नौकरी पाना अब पहले से कहीं ज्यादा मुश्किल हो सकता है।