World Environment Day 2025: जानिए क्यों मनाया जाता है 5 जून को, और क्या है इसका असली उद्देश्य!

चंडीगढ़, 3 जून: जब हम “प्रकृति” कहते हैं, तो हमारे मन में पेड़-पौधे, नदी-झीलें, जंगल, पहाड़ और शुद्ध हवा की छवि उभरती है। लेकिन क्या वाकई हम इन प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा कर पा रहे हैं? आज जब दुनिया जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और प्राकृतिक आपदाओं के गंभीर दौर से गुजर रही है, तब हर साल 5 जून को मनाया जाने वाला विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) हमारे लिए एक चेतावनी और संकल्प दोनों बनकर सामने आता है।

विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को ही क्यों मनाया जाता है?

इस दिवस की शुरुआत 1972 में हुई, जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में एक वैश्विक पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया। इस ऐतिहासिक सम्मेलन में 119 देशों ने हिस्सा लिया और पृथ्वी की रक्षा के सिद्धांतों को स्वीकार करते हुए एक संयुक्त संकल्प पत्र पर हस्ताक्षर किए।

इसके दो साल बाद, यानी 5 जून 1974, को पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। तब से हर साल 5 जून को यह दिन मनाया जाता है – न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सोचने के लिए, बल्कि जनजागृति और सामूहिक कार्रवाई की प्रेरणा देने के लिए।

प्रकृति से छेड़छाड़ का नतीजा – भारी विनाश

तेजी से होते शहरीकरण, वृक्षों की अंधाधुंध कटाई, पहाड़ों में निर्माण, नदियों पर बांध, और प्लास्टिक जैसे ज़हरीले कचरे से हमारा पर्यावरण बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इसका नतीजा हम सबने देखा है:

  • भूस्खलन और भूकंप,

  • बाढ़ और सूखा,

  • तेजी से बढ़ते तापमान,

  • और वायु प्रदूषण, जिससे सांस लेना भी मुश्किल होता जा रहा है।

प्रकृति को जब बार-बार चोट दी जाती है, तो वह प्रतिकार करती है – और वह प्रतिकार इंसानों के लिए त्रासदी बन जाता है।

क्या है विश्व पर्यावरण दिवस का उद्देश्य?

इस दिन को मनाने का मकसद है:

  • पर्यावरण के संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक बनाना।

  • नीतियों और कानूनों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाना।

  • आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण देना।

  • और सबसे जरूरी – हर व्यक्ति को जिम्मेदारी का अहसास कराना कि “पर्यावरण की रक्षा सिर्फ सरकार या संगठनों की नहीं, हम सबकी जिम्मेदारी है।”

हम क्या कर सकते हैं? – छोटे-छोटे कदम, बड़ा बदलाव

अगर हम ईमानदारी से प्रयास करें, तो पर्यावरण की रक्षा कोई कठिन काम नहीं। कुछ संकल्प ऐसे हैं, जो हम सभी अपने जीवन में उतार सकते हैं:

  1. अपने जन्मदिन पर एक पौधा लगाएं।

  2. घर में पानी की बर्बादी रोकें, टपकते नल बंद करें।

  3. प्लास्टिक का उपयोग कम करें, और दूसरों को भी प्रेरित करें।

  4. नदी, झीलों और तालाबों को प्रदूषण मुक्त रखें।

  5. बिजली का उपयोग समझदारी से करें।

  6. बारिश के पानी को इकट्ठा कर दोबारा उपयोग में लाएं।

  7. पशु-पक्षियों की सुरक्षा और देखभाल करें।

  8. कचरा निर्धारित स्थान पर फेंकें, खुले में नहीं।

  9. अपने घर, मोहल्ले और सार्वजनिक स्थलों की सफाई में भाग लें।

  10. प्राकृतिक संसाधनों का सम्मान करें और उनका अंधाधुंध उपयोग न करें।

विश्व पर्यावरण दिवस सिर्फ एक दिन नहीं – एक सतत चेतावनी है

हम सभी को यह समझना होगा कि पर्यावरण कोई पराया विषय नहीं, बल्कि हमारे जीवन का आधार है। जब तक हवा शुद्ध नहीं, पानी साफ नहीं, और मिट्टी उपजाऊ नहीं – तब तक कोई भी विकास अधूरा और अस्थायी है।

“विकास ज़रूरी है, लेकिन वह प्रकृति की कीमत पर नहीं हो सकता।”

2025 का संदेश: “Restore our Earth” – पृथ्वी को फिर से संवारें

इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की थीम प्रकृति के पुनरुद्धार (Restoration) को समर्पित है। यह हम सभी से अपील है कि जो बिगड़ चुका है, उसे फिर से ठीक करने की कोशिश करें – चाहे वह ग्रीन स्पेस हो, प्रदूषित नदी हो, या खत्म होते जंगल।