मुख्य बिंदु :
* युवा मूर्तिकारों की कला को मिली सराहना
* 21 फरवरी तक जारी रहेगा शिल्प प्रतियोगिता
* विलुप्त होती कला को पुनर्जीवित करने का प्रयास
चंडीगढ़, 18 फरवरी: सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला 2025 के आर्ट एंड कल्चरल गैलरी में आयोजित मूर्तिकला प्रतियोगिता में युवा शिल्पकारों का हुनर देखने को मिला। इस प्रतियोगिता का अवलोकन हरियाणा पर्यटन निगम की प्रधान सचिव कला रामचंद्रन ने किया और प्रतिभागियों की मेहनत और रचनात्मकता की सराहना की।
यह प्रतियोगिता 21 फरवरी तक जारी रहेगी, जिसमें देशभर से आए युवा मूर्तिकार अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। इस आयोजन का उद्देश्य मूर्तिकला की विलुप्त होती परंपरा को संरक्षित करना और नए कलाकारों को प्रोत्साहित करना है।
कला रामचंद्रन: युवाओं में कला के प्रति जुनून देखकर खुशी हुई
मेला परिसर में मूर्तिकला कृतियों का अवलोकन करते हुए कला रामचंद्रन ने कहा,
“युवा प्रतिभागियों का कला के प्रति जुनून देखकर बेहद खुशी हो रही है। ये कलाकार न केवल पत्थरों को आकार दे रहे हैं, बल्कि हमारे सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवंत कर रहे हैं। सूरजकुंड मेला इन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी कला को प्रदर्शित करने का सुनहरा अवसर देता है।”
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार युवा कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए लगातार प्रयासरत है और इस तरह की प्रतियोगिताएं कला को संरक्षित रखने में मदद करती हैं।
प्रतिभागियों की लगन को मिली तारीफ
प्रतियोगिता का आयोजन कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के आयुक्त डॉ. अमित अग्रवाल और महानिदेशक के.एम. पांडूरंग के मार्गदर्शन में हो रहा है।
अतिरिक्त निदेशक विवेक कालिया ने बताया कि प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे युवा शिल्पकारों के लिए विशेष कार्यशालाओं का आयोजन भी किया गया, ताकि वे अपनी तकनीकी दक्षता को और निखार सकें।
कला अधिकारी (मूर्तिकला) ह्रदय कौशल ने जानकारी दी कि प्रतियोगिता में भाग ले रहे युवा प्रतिदिन 8 से 10 घंटे कड़ी मेहनत कर रहे हैं। वे बड़ी ही बारीकी से पत्थरों को तराशकर ऐतिहासिक, धार्मिक और आधुनिक जीवनशैली से जुड़ी मूर्तियों का निर्माण कर रहे हैं।