चंडीगढ़, 20 फरवरी:हरियाणा सरकार ने राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ‘हरियाणा साक्षी संरक्षण योजना, 2025’ को लागू करने की घोषणा की है। इस योजना का उद्देश्य गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें धमकियों से बचाना है। गृह विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है।
इस योजना के तहत, उन मामलों के गवाहों को संरक्षण दिया जाएगा, जिनमें अधिकतम सजा मृत्यु दंड, आजीवन कारावास या सात वर्ष से अधिक का कारावास है। इसके अलावा, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (POCSO) के तहत आने वाले गंभीर अपराधों के गवाहों को भी यह सुरक्षा मिलेगी।
गवाहों की तीन श्रेणियां – खतरे के स्तर के आधार पर वर्गीकरण
योजना के अनुसार, गवाहों को संभावित खतरे के आधार पर तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है:
1.श्रेणी-ए – जब गवाह या उनके परिवार के सदस्य की जान को जांच या सुनवाई के दौरान या उसके बाद गंभीर खतरा हो।
2.श्रेणी-बी – जब गवाह, उनके परिवार के सदस्यों या किसी अन्य करीबी व्यक्ति की सुरक्षा, प्रतिष्ठा या संपत्ति को नुकसान पहुंचने की आशंका हो।
3.श्रेणी-सी – जब धमकी का स्तर मध्यम हो और गवाह या उनके परिवार को उत्पीड़न, शोषण या संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का जोखिम हो।
गवाहों की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय
योजना में गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कड़े प्रावधान किए गए हैं, जिनमें शामिल हैं:
•गवाह और आरोपी को आमने-सामने नहीं लाने की व्यवस्था।
•गवाहों के ईमेल और टेलीफोन की निगरानी।
•गवाहों को नया टेलीफोन नंबर जारी करना और उनकी पहचान छिपाना।
•गवाहों के घरों और कार्यस्थलों पर सुरक्षा उपकरण जैसे सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा दरवाजे और अलार्म लगाने की सुविधा।
•गवाहों के लिए आपातकालीन हेल्पलाइन और सुरक्षा गार्ड की तैनाती।
•पीसीआर वैन की नियमित गश्त।
गवाहों को बंद कमरे में सुनवाई की सुविधा मिलेगी, जिससे उनकी पहचान पूरी तरह गोपनीय बनी रहेगी। इसके अलावा, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गवाही देने का भी विकल्प उपलब्ध होगा।
प्रत्येक जिले में बनेगा ‘साक्षी संरक्षण सेल’
हरियाणा सरकार ने प्रत्येक जिले में साक्षी संरक्षण सेल (Witness Protection Cell) गठित करने का फैसला किया है।
•इस सेल की अध्यक्षता पुलिस उपायुक्त (DCP) या पुलिस अधीक्षक (SP) करेंगे।
•गवाह संरक्षण आदेशों को लागू करने की पूरी जिम्मेदारी इस सेल की होगी।
•गवाहों की पहचान और उनके स्थानांतरण से जुड़े मामलों की गोपनीयता बनाए रखने का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
कैमरे में होगी सभी सुनवाई, पूरी गोपनीयता रहेगी बरकरार
गवाह संरक्षण आवेदनों से संबंधित सभी सुनवाई कैमरे में रिकॉर्ड की जाएगी, जिससे किसी भी जानकारी का दुरुपयोग न हो।
•साक्षी की पहचान गुप्त रखी जाएगी और सुनवाई के दौरान उसका नाम सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।
•धमकी से संबंधित विश्लेषण रिपोर्ट को गोपनीय रखते हुए पांच कार्य दिवसों के भीतर सक्षम प्राधिकरण को सौंपा जाएगा।
•गवाहों को स्थानांतरण, वित्तीय सहायता और पुनर्वास की सुविधा भी दी जाएगी, जो साक्षी संरक्षण निधि से वहन की जाएगी।
साक्षी को दी जाएगी नई पहचान और सुरक्षित स्थान
अगर किसी गवाह को गंभीर खतरा महसूस होता है, तो सरकार उसे नई पहचान देने और सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने का प्रावधान करेगी।
•गवाह को नया नाम, नया पेशा और सरकारी दस्तावेजों में नई पहचान दी जा सकती है।
•गवाह के लिए नए निवास स्थान का प्रबंध किया जाएगा।
•यह स्थानांतरण पूर्ण गोपनीयता के साथ किया जाएगा।
हरियाणा सरकार की ‘साक्षी संरक्षण योजना, 2025’ राज्य में न्यायिक प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इस योजना के लागू होने से:
✅ गवाहों की सुरक्षा मजबूत होगी।
✅ अपराधों की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित होगी।
✅ आपराधिक मामलों में दोषियों को सजा दिलाने की दर बढ़ेगी।
✅ गवाहों पर दबाव डालने या उन्हें धमकाने की घटनाओं में कमी आएगी।
हरियाणा सरकार का यह निर्णय कानूनी व्यवस्था में सुधार और गवाहों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है