शादियों का Season, महंगाई की मार – क्या हर कोई Afford कर पाएगा Dream Wedding?

Wedding Season : क्या इस महंगाई के चलते अब शादी करना भी एक मुश्किल काम हो गया है।

आपको बता दें कि इस साल शादियों का खर्च लगभग 25% तक बढ़ गया है।

इसके बावजूद, देवोत्थान एकादशी से शुरू हो रहे वेडिंग सीजन में लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ है।

महंगी वेडिंग डेस्टिनेशन, महंगा खान-पान, सजावट और अन्य व्यवस्थाओं के बावजूद, लोग शादियों को और भी शानदार बनाने के लिए तैयार हैं।

महंगाई के बावजूद अगले दो महीनों में देशभर में 48 लाख से ज्यादा शादियों की उम्मीद है,

जिससे लगभग छह लाख करोड़ रुपये का व्यापार होने की संभावना है।

उच्च मध्यम वर्ग से लेकर एलीट क्लास तक के लोग इवेंट मैनेजमेंट की सेवाएं ले रहे हैं

और शादियों पर खान-पान, सोशल मीडिया, और संगीत पर खास जोर दे रहे हैं।

डेस्टिनेशन वेडिंग का क्रेज:

महंगी विदेशी और घरेलू डेस्टिनेशन जैसे उदयपुर, जयपुर, गोवा, थाईलैंड और दुबई में शादियों का चलन बढ़ गया है।

इन डेस्टिनेशन वेडिंग्स का कुल खर्च कई बार 1 करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है,

जहां सिर्फ लोकेशन बुकिंग ही लाखों रुपये में होती है।

प्रोफेशनल फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी : Wedding Season

प्रोफेशनल फोटोग्राफर और सिनेमैटिक वीडियोग्राफी के लिए टीम हायर करना भी महंगा हो गया है।

प्री-वेडिंग शूट से लेकर मेहंदी, संगीत और विदाई तक के कस्टम फोटो और वीडियो पैकेज की कीमतें 2 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक हो सकती हैं।

बड़े पैमाने पर कैटरिंग सेटअप और कस्टमाइज्ड मेन्यू:

शादी में अब केवल पारंपरिक भोजन ही नहीं, बल्कि मल्टी-कुजिन और लाइव फूड स्टेशन्स का चलन है।

खाने में इटैलियन, थाई, कॉन्टिनेंटल, जापानी, और चाइनीज फूड आइटम्स शामिल किए जा रहे हैं।

इससे कैटरिंग का खर्च प्रति प्लेट 2,000 से 5,000 रुपये तक बढ़ जाता है।

लाइव म्यूजिक और सेलिब्रिटी परफॉरमेंस : Wedding Season

संगीत और शादी में बॉलीवुड सेलेब्रिटी या लाइव बैंड को बुलाने का ट्रेंड भी तेजी से बढ़ रहा है।

इनकी फीस 20 लाख रुपये से लेकर कई बार 1 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है, जिससे शादी का खर्च और बढ़ जाता है।

प्री और पोस्ट वेडिंग फंक्शन्स:

शादी के अलावा, अब प्री-वेडिंग (जैसे बैचलरेट, कॉकटेल पार्टी) और पोस्ट-वेडिंग फंक्शन्स का ट्रेंड भी है।

इन सभी फंक्शन्स के लिए अलग से स्थान, सजावट, और खानपान की व्यवस्था की जाती है,

जो कुल बजट में कई लाख रुपये और जोड़ता है।

इस प्रकार, शादियों के खर्च में लगातार वृद्धि ने परंपरागत रीति-रिवाजों को बदलते हुए आधुनिकता को एक नई दिशा दी है,

लेकिन यह बढ़ती लागत आम लोगों के लिए चिंता का विषय बन गई है।

उच्च मध्यम वर्ग से लेकर एलीट क्लास तक के लोग अब भी अपने खास दिन को यादगार बनाने के लिए बड़ी खर्चीली तैयारियों में जुटे हैं,

जो आर्थिक दबाव को बढ़ा रहा है। तो आपने अपनी शादी में कौन से Arrangements करेंगे।

Isha Chauhan:

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