मौसम विभाग की बड़ी भविष्यवाणी, जमकर बरसेंगे इस बार बादल!

चंडीगढ़, 16 अप्रैल: भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने देशवासियों, खासकर किसानों और खेती-किसानी से जुड़े लोगों को बड़ी राहत देने वाली जानकारी साझा की है। विभाग के अनुसार, साल 2025 का मानसून सामान्य से बेहतर रहने वाला है। इसका सीधा मतलब है कि इस साल देश के अधिकतर हिस्सों में अच्छी और भरपूर बारिश होगी।

मानसून की शुरुआत कब से?

मौसम विभाग के मुताबिक, मानसून की शुरुआत जून के पहले हफ्ते में होगी। हर साल की तरह इस बार भी केरल के तट पर मानसून सबसे पहले दस्तक देगा, और फिर धीरे-धीरे पूरे देश में फैल जाएगा। यह सिलसिला जून से शुरू होकर सितंबर के मध्य तक चलता है।

कितना पानी बरसेगा?

IMD का अनुमान है कि इस साल मानसून के दौरान देश में औसतन 105% बारिश होगी, जो कि लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) से अधिक है। भारत में जून से सितंबर के बीच औसतन 868.6 मिलीमीटर (यानी लगभग 86.86 सेंटीमीटर) बारिश होती है। लेकिन इस बार यह आंकड़ा बढ़कर करीब 87 सेंटीमीटर तक पहुंच सकता है। यह खबर न सिर्फ किसानों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए खुशी की वजह है।

किन राज्यों में ज्यादा बारिश होगी?

इस बार कुछ राज्यों में बादल खासे मेहरबान रहने वाले हैं। राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मराठवाड़ा, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना जताई गई है। इसका मतलब है कि इन क्षेत्रों में खेती-बाड़ी के लिए यह मौसम काफी अनुकूल रहने वाला है।

कहां हो सकती है कम बारिश?

जहां कुछ हिस्सों में अच्छी बारिश की उम्मीद है, वहीं कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां मानसून थोड़ा कमजोर रह सकता है। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, बिहार, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर भारत के कुछ इलाके ऐसे हैं जहां सामान्य से कम वर्षा होने की आशंका जताई गई है।

लू से कब राहत मिलेगी?

हालांकि मानसून की खबर राहत देने वाली है, लेकिन गर्मी से फिलहाल कोई बड़ी राहत नहीं मिलने वालीमई और जून में तेज लू और गर्म हवाओं का असर बना रहेगा। लेकिन राहत की बात ये है कि इस साल अल-नीनो जैसी मौसम की बाधाएं नहीं दिख रही हैं, जो अक्सर मानसून को कमजोर बना देती हैं।

क्यों है यह मानसून अहम?

भारत की करीब 52% कृषि भूमि और देश के लगभग 70% किसानों की फसलें मानसून की बारिश पर निर्भर होती हैं। अच्छी बारिश का सीधा असर फसलों की पैदावार, किसानों की आमदनी और देश की खाद्य सुरक्षा पर होता है। इसके साथ-साथ यह देश की अर्थव्यवस्था को भी गति देता है क्योंकि आज भी देश की आधी आबादी कृषि क्षेत्र में काम करती है

 पिछले वर्षों की बारिश का लेखा-जोखा

वर्ष IMD का अनुमान स्काईमेट का अनुमान वास्तविक बारिश (%)
2024 106% 102% 108%
2023 96% 94% 94%
2021 98% 99%

इन आंकड़ों से साफ है कि पिछले कुछ वर्षों में मौसम ने कभी निराश किया है, तो कभी जमकर साथ भी दिया है। लेकिन 2025 की भविष्यवाणी के अनुसार, इस बार देश की धरती को अच्छी बारिश की सौगात मिलने वाली है।