चंडीगढ़, 1 मई: 1 मई को भारत की सांस्कृतिक और रचनात्मक दुनिया एक नई ऊँचाई छूने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुंबई के भव्य जिओ वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में “WAVES 2025” (विश्व श्रव्य-दृश्य एवं मनोरंजन सम्मेलन) का शुभारंभ करेंगे। यह ऐतिहासिक आयोजन 1 से 4 मई तक चलेगा और इसमें भारत के साथ-साथ दुनियाभर के कलाकार, रचनात्मक विचारक, फिल्मकार, संगीतज्ञ, तकनीकी विशेषज्ञ और सांस्कृतिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।
इस चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय समिट का उद्देश्य न केवल भारत की कला और संस्कृति को वैश्विक मंच देना है, बल्कि देश को एक उभरते हुए कंटेंट हब के रूप में स्थापित करना भी है। इस बार सम्मेलन की विषयवस्तु “रचनाकारों को जोड़ना, देशों को जोड़ना” रखी गई है, जो इसकी वैश्विक सोच और सहयोगात्मक दृष्टिकोण को दर्शाती है।
भारत की रचनात्मक लहरों का उत्सव
सम्मेलन के दौरान ‘वेव्स सांस्कृतिक कार्यक्रम’ और एक विशेष ‘संगीत समारोह’ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें भारत की पारंपरिक कलाएं, आधुनिक प्रदर्शन शैलियाँ और वैश्विक प्रस्तुतियां शामिल होंगी।
‘भारत की तरंगें’ नामक संगीत संग्रह का लोकार्पण प्रसिद्ध संगीतकार एम.एम. कीरवाणी के नेतृत्व में किया जाएगा। इसमें श्रेया घोषाल, शंकर महादेवन जैसी देश की जानी-मानी आवाजें शिरकत करेंगी। इस आयोजन के माध्यम से भारतीय शास्त्रीय संगीत और आधुनिक संगीत का मेल विश्व समुदाय के सामने प्रस्तुत किया जाएगा।
संस्कृति और तकनीक का संगम
इस आयोजन की खास बात यह है कि यह केवल एक सांस्कृतिक महोत्सव नहीं, बल्कि तकनीक, नवाचार और सहयोग का मंच भी है। इस समिट में AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और अन्य उभरती तकनीकों के माध्यम से कंटेंट निर्माण और वैश्विक वितरण के नए तरीके प्रस्तुत किए जाएंगे। इसमें फिल्म, टेलीविजन, गेमिंग, एनीमेशन और डिजिटल मीडिया जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञ अपनी सोच साझा करेंगे।
जीवंत प्रदर्शन और सांस्कृतिक विविधता
शरद केलकर की प्रस्तुति ‘संकल्प: एक दृढ़ निश्चय’ वैदिक परंपरा और समकालीन फिल्म जगत का अद्भुत संगम होगा। इसी प्रकार, तेत्सेओ सिस्टर्स और ए. आर. रहमान की ‘झाला’ प्रस्तुति आधुनिकता और परंपरा का अद्भुत मेल प्रस्तुत करेगी।
इस मंच पर अनुपम खेर द्वारा निर्देशित एक विशेष नृत्य-नाटिका भी दिखाई जाएगी, जबकि दृष्टिहीन बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कलाएं भारत की समावेशी और विविधतापूर्ण कला संस्कृति का परिचय कराएंगी। केरल की कलारिपयट्टु और महाराष्ट्र की डांडपट्टा जैसी युद्ध कलाएं भारत की परंपरागत वीरता और अनुशासन को जीवंत करेंगी।
नवाचार और युवाओं की भागीदारी
‘वाह उस्ताद’ और ‘ईडीएम चैलेंज’ जैसी गतिविधियां भारत की युवा रचनात्मकता को आगे बढ़ाने में मदद करेंगी। ‘भारत में रचना करें’ अभियान के अंतर्गत इन पहलों का उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना है ताकि भारत वैश्विक रचनात्मकता की अगली राजधानी बन सके।
वैश्विक विचार और नेतृत्व संवाद
WAVES समिट में Thought Leaders Track नामक एक विशेष सत्र भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें दुनिया भर के नीति-निर्माता, मीडिया विशेषज्ञ और रचनात्मक क्षेत्र के पथप्रदर्शक भाग लेंगे। वे न केवल मनोरंजन के भविष्य पर चर्चा करेंगे, बल्कि वैश्विक सहयोग और संस्कृति की साझा विरासत को लेकर विचार भी साझा करेंगे।
इसके अलावा, CreatoSphere नामक एक इंटरएक्टिव हब भी स्थापित किया जाएगा, जिसमें लाइव प्रतियोगिताएं, मास्टरक्लासेस और सहयोगी परियोजनाएं आयोजित होंगी। यह मंच युवा रचनाकारों को अपने कौशल दिखाने और विशेषज्ञों से सीखने का अवसर देगा।
भारत को वैश्विक मंच पर चमकाने की पहल
WAVES 2025 न केवल मनोरंजन जगत के लिए, बल्कि भारत की सृजनात्मक पहचान के लिए भी मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस आयोजन के माध्यम से भारत वैश्विक मंच पर एक मजबूत, रचनात्मक और सांस्कृतिक नेतृत्वकर्ता के रूप में उभर सकता है। यह सम्मेलन भारत को एक ऐसे राष्ट्र के रूप में प्रस्तुत करता है, जहाँ परंपरा और आधुनिकता, विचार और अभिव्यक्ति, तकनीक और कला – सब एक साथ विकसित हो रहे हैं।