हरियाणा के जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री श्री रणबीर गंगवा ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि भविष्य में गांव और शहरों के लिए तैयार किए जा रहे प्रोजेक्ट्स को आने वाले 20-25 वर्षों तक पूरी सुविधाएं प्रदान करने के दृष्टिकोण से तैयार किया जाए। उनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि समय के साथ बढ़ती आबादी के बावजूद नागरिकों को सीवर और पानी की आपूर्ति में कोई समस्या न हो।
पंचकूला के सेक्टर-1 स्थित रेड बिशप में आयोजित एक बैठक में श्री गंगवा ने विभाग के अधिकारियों से विस्तार से जानकारी प्राप्त की और प्रदेश में जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे कार्यों का जायजा लिया। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री एके सिंह, ईआईसी असीम खन्ना, डायरेक्टर देवेन्द्र दहिया समेत कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
सिवर सफाई और मानसून की तैयारियां
बैठक के दौरान मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि प्रदेश में हर साल बरसात के मौसम में सीवर सिस्टम की समस्या उभरती है, जिससे नागरिकों को परेशानी होती है। उन्होंने इस बार बरसात के मौसम से पहले सीवरों की सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। श्री गंगवा ने कहा कि इस काम के लिए जो मशीनें ली गई हैं, उनका सही और प्रभावी उपयोग किया जाए ताकि सीवरों की सफाई में कोई लापरवाही न हो।
भ्रष्टाचार पर सख्त रुख
श्री गंगवा ने कहा कि उनकी सरकार बिना भेदभाव के काम कर रही है, और प्रदेश के प्रत्येक जिले को उनके संसाधनों के आधार पर बजट दिया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी की लापरवाही सामने आई, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “यदि किसी व्यक्ति को अपनी शिकायत दर्ज करानी है, तो वह 7 दिनों के भीतर समाधान सुनिश्चित करवाए जाने की उम्मीद कर सकता है। अगर 7 दिन के अंदर समाधान नहीं हुआ तो शिकायतकर्ता को संतुष्ट किया जाएगा।”
महाग्राम योजना और जल आपूर्ति परियोजनाएं
श्री गंगवा ने कहा कि जनस्वास्थ्य विभाग प्रदेश के हर नागरिक से जुड़ा हुआ है क्योंकि यह विभाग पीने के पानी की आपूर्ति का कार्य करता है। उन्होंने महाग्राम योजना के तहत 10,000 से ज्यादा आबादी वाले गांवों को शामिल करने की बात की। इस योजना के तहत 144 गांवों के लिए सीवर-पानी की योजना तैयार की जा रही है, जिसमें से 14 गांवों में काम पूरा हो चुका है, और 30 गांवों में काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को दिसंबर 2027 तक पूरा किया जाएगा।
इसके साथ ही, उन्होंने अमरूत-2 योजना के तहत प्रदेश में जल आपूर्ति के लिए 1443 करोड़ रुपये की लागत से 48 जल आपूर्ति परियोजनाओं को मंजूरी देने की जानकारी दी। इस वर्ष के लिए 656 करोड़ रुपये जल आपूर्ति और 144 करोड़ रुपये सीवरेज सुविधाओं के लिए आवंटित किए गए हैं।
प्रोजेक्ट्स की उच्च गुणवत्ता पर जोर
रणबीर गंगवा ने यह भी सुनिश्चित किया कि जो भी प्रोजेक्ट्स लागू किए जाएं, उनकी गुणवत्ता में कोई कमी न हो। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि हर घर में नल हो और हर नल में जल हो। इसके तहत पुरानी पाइप लाइनों को बदलने की योजना बनाई गई है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में जहां सीवर डाले जाएं, वहां गलियों में कोई अव्यवस्था न हो, और हर प्रोजेक्ट का काम निर्धारित समय और गुणवत्ता के अनुसार पूरा किया जाए।
प्रदेश में चल रही परियोजनाओं की जानकारी
मंत्री गंगवा ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 1695 करोड़ रुपये की 73 परियोजनाओं पर काम चल रहा है। ये परियोजनाएं जल आपूर्ति, सीवरेज और अन्य जनस्वास्थ्य संबंधी सेवाओं से जुड़ी हुई हैं।
इस बैठक में विभागीय अधिकारियों ने मंत्री को विभिन्न योजनाओं और उनके कार्यान्वयन की स्थिति से अवगत कराया, और मंत्री ने उन्हें बेहतर तरीके से काम करने के लिए प्रेरित किया।