मतदाता सूची में सुधार की नई पहल: डिजिटल मृत्यु डेटा और BLO को पहचान पत्र!

चंडीगढ़, 1 मई: हरियाणा राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री पंकज अग्रवाल ने बताया कि भारत के चुनाव आयोग ने मतदाता सूची की शुद्धता बढ़ाने और नागरिकों को बेहतर मतदान अनुभव देने के उद्देश्य से कुछ महत्त्वपूर्ण और व्यावहारिक बदलावों की शुरुआत की है। इन पहलों का मुख्य उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, प्रभावी और नागरिकों के अनुकूल बनाना है।

मृत्यु पंजीकरण डेटा अब मिलेगा डिजिटल रूप में

श्री अग्रवाल ने कहा कि मतदाता सूचियों को अद्यतन और त्रुटिरहित बनाए रखने के लिए सबसे जरूरी है कि उसमें ऐसे नाम न रहें जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। इस प्रक्रिया को अधिक सुगम बनाने के लिए चुनाव आयोग अब भारत के रजिस्ट्रार जनरल से सीधे, डिजिटल माध्यम से मृत्यु पंजीकरण संबंधी जानकारी प्राप्त करेगा। यह व्यवस्था मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 9 और जन्म-मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 (2023 में संशोधित) की धारा 3(5)(बी) के तहत की जा रही है।

इस डिजिटल व्यवस्था के लागू हो जाने से निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) समय पर यह जान सकेंगे कि किसी मतदाता की मृत्यु हो चुकी है। इस सूचना के आधार पर संबंधित बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) फील्ड विजिट के दौरान बिना किसी अलग आवेदन या फॉर्म 7 के इंतजार के, उस जानकारी की पुष्टि कर सकेंगे। इससे मतदाता सूची से मृत व्यक्तियों के नाम हटाने की प्रक्रिया तेज, आसान और सटीक हो जाएगी।

मतदाता सूचना पर्चियों का होगा पुनः डिज़ाइन

आयोग ने मतदाता सूचना पर्चियों (वीआईएस) को और अधिक उपयोगकर्ता-मित्र बनाने के लिए इनके स्वरूप में बदलाव करने का निर्णय लिया है। अब इन पर्चियों में मतदाता की क्रम संख्या और मतदान क्षेत्र की भाग संख्या को बड़े और स्पष्ट अक्षरों में छापा जाएगा। फ़ॉन्ट का आकार भी पहले से बड़ा किया जाएगा। इसका उद्देश्य यह है कि मतदाता अपने मतदान केंद्र को आसानी से पहचान सकें और मतदान अधिकारी भी मतदाता सूची में नाम ढूँढने में कठिनाई न महसूस करें।

बीएलओ को मिलेगा मानक फोटो पहचान पत्र

जनता से संपर्क करने वाले बूथ लेवल ऑफिसर यानी बीएलओ, चुनाव प्रक्रिया में जमीनी स्तर पर काम करने वाली सबसे महत्त्वपूर्ण कड़ी होते हैं। उन्हें मतदाता पंजीकरण, सत्यापन और सूची अपडेट जैसे कार्यों में सीधे नागरिकों से बातचीत करनी होती है। इसलिए अब चुनाव आयोग ने यह निर्देश दिया है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 13बी(2) के तहत नियुक्त सभी बीएलओ को एक मानक फोटो पहचान पत्र प्रदान किया जाए। इससे मतदाता उन्हें आसानी से पहचान सकेंगे और बिना किसी संदेह या हिचकिचाहट के आवश्यक जानकारी साझा कर सकेंगे।

चुनाव प्रक्रिया में विश्वास और पारदर्शिता की ओर कदम

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि बीएलओ को पहचान योग्य और विश्वसनीय बनाना जरूरी है क्योंकि वे मतदाता और चुनाव आयोग के बीच प्रथम संपर्क बिंदु होते हैं। घर-घर जाकर काम करने वाले इन अधिकारियों के प्रति लोगों में भरोसा हो, इसके लिए उनका समुचित परिचय आवश्यक है।