चंडीगढ़, 18 जून: देशभर में तेजी से फैलते अवैध ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स के नेटवर्क पर शिकंजा कसने की कार्रवाई अब तेज होती नजर आ रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के दायरे में अब ऐसे नाम आ रहे हैं, जिनकी लोकप्रियता देशभर में जबरदस्त है। हाल ही में अभिनेता सोनू सूद और अभिनेत्री उर्वशी रौतेला से ईडी ने पूछताछ की है, जिससे बॉलीवुड गलियारों में हलचल मच गई है।
क्या है पूरा मामला?
देश में बैन हो चुके ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स को फिर से नए नामों और प्लेटफॉर्म्स के जरिए लॉन्च कर प्रचारित किया गया।
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इन ऐप्स के जरिये काले धन की हेराफेरी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर अपराधों को अंजाम देने का शक है।
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जांच एजेंसियों का कहना है कि इन ऐप्स का प्रचार सोशल मीडिया और बड़े सितारों के माध्यम से कराया गया, ताकि लोगों का भरोसा जीता जा सके और पैसा लगाया जा सके।
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इन सितारों को इसके बदले भारी रकम दी गई, जिसकी कानूनी वैधता अब जांच के घेरे में है।
सोनू सूद और उर्वशी रौतेला की चुप्पी सवालों में
प्रवर्तन निदेशालय ने हाल में सोनू सूद और उर्वशी रौतेला से घंटों पूछताछ की है।
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ED को शक है कि इन सितारों ने विवादित बेटिंग ऐप्स का विज्ञापन या प्रमोशन किया है।
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दोनों कलाकारों की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, जिससे अटकलों को और बल मिल रहा है।
सोनू सूद, जो महामारी के दौरान ‘मसीहा’ की छवि में सामने आए थे, उनकी इस जांच में संलिप्तता ने लोगों को चौंका दिया है। वहीं उर्वशी रौतेला, जो कई अंतरराष्ट्रीय इवेंट्स का हिस्सा रही हैं, उनकी चुप्पी अब सवाल बनती जा रही है।
दूसरे सितारों की सफाई: प्रकाश राज और राणा दग्गुबाती ने दी सफाई
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प्रकाश राज ने खुलकर कहा कि उन्होंने 2015 में एक बेटिंग ऐप का प्रचार किया था, लेकिन जब उन्हें उसके विवादास्पद स्वरूप का अहसास हुआ तो उन्होंने वह डील एक साल के भीतर रद्द कर दी।
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वहीं, राणा दग्गुबाती की टीम ने एक बयान जारी कर कहा कि उनका ब्रांड एंडोर्समेंट पूरी तरह कानूनी था, और उनका किसी अवैध गतिविधि से कोई संबंध नहीं रहा है।
इन बयानों से यह साफ है कि कुछ सितारे अपनी छवि बचाने के लिए तुरंत प्रतिक्रिया दे रहे हैं, जबकि कुछ अब भी चुप हैं — जिससे संदेह की सुई और गहरी हो रही है।
काला धन और ईडी की गहरी पड़ताल
ED की जांच इस बात पर केंद्रित है कि:
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क्या इन कलाकारों को प्रमोशन के बदले कैश या संदिग्ध ट्रांसफर से भुगतान किया गया?
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क्या इन ऐप्स की कानूनी वैधता के बारे में चेताया गया था?
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क्या इन सितारों ने प्रमोशन से पहले कानूनी जांच या अनुबंध की समीक्षा की थी?
यदि कोई भी पक्ष लापरवाही या जानबूझकर गलत प्रचार का दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग, काले धन से लाभ उठाने और सूचना छुपाने जैसे मामलों में केस दर्ज हो सकता है।
क्या हो सकती हैं संभावित सज़ाएं?
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अगर दोष सिद्ध होता है, तो कलाकारों को जेल की सज़ा, भारी जुर्माना या करियर पर स्थायी दाग का सामना करना पड़ सकता है।
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प्रमोशन से कमाई गई राशि को जब्त किया जा सकता है और आयकर विभाग की ओर से पुनः जांच की जा सकती है।
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डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर इन सितारों के प्रचार सामग्री को हटाने का निर्देश भी दिया जा सकता है।