चंडीगढ़, 11 जून: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा संघर्ष अब अपने सबसे खतरनाक दौर में प्रवेश कर चुका है। युद्ध को शुरू हुए 39 महीने बीत चुके हैं, लेकिन शांति की कोई किरण अब तक नज़र नहीं आई है। और अब, जब हाल ही में तुर्की में शांति वार्ता की एक नई कोशिश की गई थी, तो उससे कोई सार्थक परिणाम निकलने की बजाय हालात और ज़्यादा बिगड़ते दिख रहे हैं।
पिछली रात रूस ने यूक्रेन के कई शहरों पर भीषण हमला कर दिया। यूक्रेनी अधिकारियों के मुताबिक, रूस ने एक साथ 315 ड्रोन और 7 मिसाइलें दागीं। इस भयावह हमले में कम से कम 5 लोगों की जान चली गई, और 70 से अधिक लोग घायल हो गए, जिनमें कई मासूम बच्चे भी शामिल हैं।
खारकीव बना सबसे बड़ा निशाना – रिहायशी इलाकों में 17 ड्रोन हमले
यूक्रेन का खारकीव शहर इस हमले का सबसे बड़ा शिकार बना। खारकीव के मेयर इहोर तेरेखोव ने बताया कि शहर के दो घनी आबादी वाले रिहायशी इलाकों पर कुल 17 ड्रोन हमले हुए। ये इलाके वे स्थान हैं जहाँ आम नागरिक, महिलाएँ, बच्चे और बुजुर्ग शांतिपूर्वक अपना जीवन बिता रहे थे।
तेरेखोव ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया में लिखा, “ये जगहें कोई सैन्य ठिकाने नहीं थीं। वहाँ आम लोग रहते हैं। इन्हें निशाना बनाना मानवीयता के खिलाफ है।”
स्थानीय प्रशासन के प्रमुख ओलेह सिनिहुबोव के मुताबिक, खारकीव में 2 लोगों की मौत हो गई, और 60 से अधिक लोग घायल हुए हैं। घायलों में 2 से 15 साल की उम्र के 9 बच्चे भी शामिल हैं, जिनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
कीव और ओडेसा में भी तबाही – अस्पताल और इमारतें नष्ट
रूसी हमलों की आग सिर्फ खारकीव तक सीमित नहीं रही। कीव और ओडेसा, जो यूक्रेन के सबसे महत्वपूर्ण शहरों में गिने जाते हैं, वहाँ भी रूसी ड्रोन और मिसाइलों का कहर टूटा।
ओडेसा के गवर्नर ओलेह किपर ने जानकारी दी कि हमले में शहर का एक मातृत्व अस्पताल और कई आवासीय इमारतें गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गईं। ओडेसा में 2 लोगों की मौत और 9 अन्य घायल होने की पुष्टि हुई है। वहीं, कीव के ओबोलोन जिले में 1 व्यक्ति की मौत और 4 लोग घायल हुए।
यूक्रेन के राष्ट्रपति की चेतावनी: “दुनिया को अब बोलने की नहीं, कुछ करने की ज़रूरत है”
इस हमले के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कड़ा बयान देते हुए कहा कि यह हमला रूस की तरफ से अब तक के “सबसे बड़े और योजनाबद्ध हमलों में से एक” है। उन्होंने कहा कि रूसी मिसाइलों और ड्रोन की आवाज़ें उन सभी प्रयासों पर भारी पड़ रही हैं जो दुनिया शांति बहाल करने के लिए कर रही है।
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने साफ़ शब्दों में कहा कि, “अब अमेरिका और यूरोप को सिर्फ बयानबाज़ी नहीं, ठोस कदम उठाने चाहिए। यह हमला सिर्फ यूक्रेन नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए चेतावनी है।”
तुर्की की शांति वार्ता विफल, युद्ध और तेज़ होने की आशंका
गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले तुर्की में रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता हुई थी, जिसमें दुनिया को थोड़ी उम्मीद जगी थी कि शायद इस लंबे युद्ध का कोई हल निकल सके। लेकिन वार्ता में कोई सहमति नहीं बन सकी और इसके उलट अब दोनों देशों ने अपने-अपने हमलों को और तेज़ कर दिया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध फरवरी 2022 में शुरू हुआ था और अब तक इसने हजारों लोगों की जान ले ली है, लाखों लोगों को बेघर कर दिया है और यूक्रेन के अधिकांश शहरों को खंडहर में बदल दिया है।