चंडीगढ़, 6 मई: भगवान शिव के रौद्र रूपों में से एक अवतार माने जाते हैं, जिन्हें ‘रुद्रावतार’ के रूप में पूजा जाता है। हिन्दू धर्मग्रंथों में वर्णित है कि अगर कोई भक्त सच्चे मन, श्रद्धा और भक्ति के साथ हनुमान जी की उपासना करता है, तो उसके जीवन में जितनी भी परेशानियाँ, संकट और बाधाएं हैं, वे सब दूर हो जाती हैं। हनुमान जी की भक्ति से बिगड़े काम संवरते हैं और जीवन में स्थिरता तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
हनुमान जी को ‘अंजनीपुत्र’ या ‘अंजनी नंदन’ के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि उनका जन्म माता अंजनी की गोद में हुआ था। उनकी उपासना से व्यक्ति को हर प्रकार के भय, रोग, मानसिक अशांति और शत्रुओं से मुक्ति मिलती है। ऐसा माना जाता है कि उनके दर्शन और नाम स्मरण मात्र से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और मन में अद्भुत शांति तथा शक्ति का संचार होता है।
कलियुग में हनुमान जी की महत्ता अत्यंत विशेष है। उन्हें इस युग का सबसे जागृत और शीघ्र फल देने वाला देवता माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी की उपासना से न केवल आध्यात्मिक बल की प्राप्ति होती है, बल्कि भौतिक जीवन में आने वाली कठिनाइयों से भी मुक्ति मिलती है।
विशेष रूप से मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित माना जाता है। इस दिन व्रत रखने और पूजा अर्चना करने से व्यक्ति के जीवन में आ रही सभी तरह की समस्याएं दूर हो जाती हैं। जिन भक्तों के लिए व्रत रखना संभव नहीं होता, उनके लिए एक अन्य सरल उपाय बताया गया है—आज के दिन बजरंगबली के 108 पवित्र नामों का जाप करें। इस जाप से मन शुद्ध होता है, चिंताओं का अंत होता है और आत्मबल बढ़ता है।
हनुमान जी के कई नाम प्रचलित हैं, परन्तु धार्मिक ग्रंथों में उनके 12 प्रमुख नामों का विशेष उल्लेख मिलता है, जिनका स्मरण करना अति फलदायक माना गया है। इन नामों का जाप करने से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और साधक के जीवन में सुख, शांति और सफलता का वास होता है।