तिरुपति मंदिर भगदड़ : 6 की मौत और बड़े प्रशासनिक बदलाव!

Stampede Tirupati Temple

Stampede Tirupati Temple – क्या हुआ था उस दिन श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में? कैसे एक साधारण सा दिन हड़बड़ी में बदल गया? एक खौ़फनाक घटना में छह लोगों की जान चली गई और पूरे प्रशासन में हड़कंप मच गया।

यह घटना हुई बुधवार रात, जब तिरुपति के पास स्थित प्रसिद्ध तिरुमाला मंदिर के पद्मावती पार्क में एक बड़ा मेला था।

वहां लोग वैकुंठ एकादशी महोत्सव के लिए टिकट लेने पहुंचे थे, लेकिन इस दौरान जब गेट खोले गए,

तो अफरा-तफरी मच गई और एक भीषण भगदड़ ने छह लोगों की जान ले ली, जबकि कई लोग घायल हो गए।

Stampede Tirupati Temple – इसके बाद क्या हुआ?

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तुरंत कार्यवाही करते हुए कुछ बड़े अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया और कुछ को ट्रांसफर भी कर दिया।

उन अधिकारियों में तिरुपति के DSP राम कुमार, और तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के SV डेयरी फार्म के डायरेक्टर हरिनाथ रेड्डी शामिल थे।

साथ ही तिरुपति पुलिस के SP एल. सुब्बारायुडु, जॉइंट एग्जीक्यूटिव ऑफिसर एम. गौतमि, और TTD के चीफ विजिलेंस और सिक्योरिटी ऑफिसर S श्रीधर को ट्रांसफर कर दिया गया।

मुख्यमंत्री ने इस घटना की पूरी जांच करने का आदेश भी दिया।

उन्होंने कहा कि यह घातक घटना उन अधिकारियों की लापरवाही का परिणाम है।

दरअसल, डिप्टी एसपी राम कुमार को ही पद्मावती पार्क में भीड़ को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी दी गई थी,

लेकिन जब उन्होंने गेट खोलने का आदेश दिया, तो उन्होंने हालात का सही अंदाजा नहीं लगाया।

इसका नतीजा यह हुआ कि जो लोग पीछे खड़े थे,

उन्हें लगा कि टिकट मिल रहे हैं और वे झूमते हुए बाहर आ गए, जिससे भगदड़ मच गई।

मुख्यमंत्री नायडू – टिकट काउंटर लगाने की जगह बिल्कुल गलत

मुख्यमंत्री नायडू ने यह भी कहा कि कुछ जगहों पर टिकट काउंटर लगाने की जगह बिल्कुल गलत थी

और प्रशासन ने भीड़ की सही तरह से निगरानी नहीं की और सबसे चौंकाने वाली बात?

मुख्यमंत्री ने यह साफ कहा कि कोई भी गलती, जानबूझकर या अनजाने में, जो मौत का कारण बने,

उसे माफ नहीं किया जा सकता।

अब सवाल यह उठता है कि क्या इस तरह की घटनाओं से सरकार और प्रशासन सही तरीके से सबक लेंगे?

अब देखना यह है कि आगे क्या कदम उठाए जाते हैं, ताकि ऐसा कभी दोबारा न हो।