Womens Power का आगाज़: 604 सिपाहियों ने ली शपथ

Womens Power का आगाज़: आईटीबीपी वेस्टर्न कमांड चंडीगढ़ के एडीजी श्री संजीव रैना ने भानू (पंचकूला) में 489वें जीडी महिला बैच के 604 हिम वीरांगनाओं के दीक्षांत एवं शपथ ग्रहण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह पल देश की आखिरी चौकी तक पहुंचेगा

और इस परेड की धमक आईटीबीपी तक महसूस की जा रही है।

उन्होंने महिला सिपाहियों से आग्रह किया कि वे अपनी सफलता की कहानी को गांव, मोहल्ले और देहातों में साझा करें,

ताकि उन्हें गर्व महसूस हो सके।

Womens Power: शपथ और परेड ने साबित कर दिया

श्री रैना ने कहा कि आज की शपथ और परेड ने साबित कर दिया है कि महिलाएं और पुरुष समान हैं।

उन्होंने बताया कि वे भी इस ग्राउंड पर परेड कर चुके हैं और आज उन्हें रिव्यू करने का अवसर मिला।

एडीजी ने कहा, “यदि आप मजबूत बने रहेंगी, तो कोई भी शक्ति आपको रोक नहीं पाएगी।”

परेड के बाद, नव आरक्षियों ने राष्ट्रीय ध्वज एवं बल के निशान के नीचे अपने धर्म ग्रंथों को साक्षी मानकर शपथ ग्रहण की।

इस शपथ को सीवी ओ डॉ. वेजू ने दिलवाया। इसके बाद इन नव आरक्षियों ने अपने कौशल का प्रदर्शन किया।

महानिरीक्षक श्री आनंद पाल सिंह निंबाड़िया ने बताया कि इस बैच का प्रशिक्षण 44 सप्ताह तक चला,

जिसमें हथियार चलाने, युद्ध कौशल, मैप रीडिंग, आत्मरक्षा, आतंकवाद विरोधी अभियान

और आंतरिक सुरक्षा के विषय सिखाए गए। उन्होंने कहा, “मेरे पास एक बेटी है, और हर महिला सिपाही मेरी बेटी है।”

बैच में कुल 604 प्रशिक्षणार्थियों 9 महिला सिपाहियां शामिल

बैच में कुल 604 प्रशिक्षणार्थियों में से हरियाणा की 9 महिला सिपाहियां शामिल हैं।

इस बैच में विभिन्न राज्यों से सिपाहियों का योगदान देखने को मिला,

जैसे कि उत्तराखंड से 95, उत्तर प्रदेश से 53, और बिहार से 49।

सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए कई महिला कांस्टेबलों को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया।

इनमें हरियाणा की टीना सांगवान, मुस्कान यादव, रमनजीत कौर, नेहा कुमारी, निकिता बिष्ट

और अनुकंपा के आधार पर भर्ती मनीषा शामिल हैं। अंत में, उपमहानिरीक्षक ब्रिगेडियर जीएस गिल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

परेड के बाद जांबाज टीम के बाइकर्स ने अपने प्रदर्शन से खूब वाहवाही बटोरी।

यह टीम गणतंत्र दिवस परेड सहित कई अवसरों पर अपनी कला का प्रदर्शन कर चुकी है।

पाइप बैंड द्वारा मधुर धुनों की प्रस्तुति ने समारोह को और भी रोचक बना दिया।

इसके अलावा, आत्मरक्षा के लिए हिमवीर एवं हिमवीरांगनाओं द्वारा युद्ध कला का प्रदर्शन किया गया।

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल में जूडो और कराटे जैसी युद्ध कलाओं का प्रशिक्षण भी दिया जाता है।

अंत में, मानव अधिकारों की रक्षा करते हुए हाउस क्लियरिंग ड्रिल का प्रदर्शन किया गया,

जो विशेष रूप से तब उपयोग की जाती है जब कोई आतंकवादी किसी घर में छिपा हो।

इस प्रकार, आज का कार्यक्रम न केवल महिला सिपाहियों की कड़ी मेहनत का प्रतीक है,

बल्कि यह दर्शाता है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में अपनी पहचान बना सकती हैं

और देश की सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

Sakshi Dutt:

This website uses cookies.