पंजाब की जेलों में तकनीकी क्रांति: मंत्री भुल्लर का सुरक्षा सुधार का नया संकल्प!

पंजाब के जेल मंत्री स. Laljit Singh Bhullar ने राज्य की जेलों को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई.) आधारित और अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया है।

चंडीगढ़ में आयोजित बैठक में, जिसमें जेल विभाग के उच्च अधिकारी और सभी जेलों के अधीक्षक शामिल हुए,

मंत्री ने कहा कि जेलों को पूरी तरह अपराध मुक्त बनाने के लिए नवीनतम तकनीक की आवश्यकता है।

मोबाइल जैसे उपकरणों के उपयोग

Laljit Singh Bhullar ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जेलों में उन्नत निगरानी उपकरणों को जल्द से जल्द स्थापित करने की कार्रवाई करें।

उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता यह है कि हम मोबाइल जैसे उपकरणों के उपयोग को पूरी तरह रोक सकें।

इसके लिए हमें तकनीकी नवाचारों को अपनाना होगा।”

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मंत्री ने बताया कि वह मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान से जल्द मुलाकात करेंगे ताकि जेल विभाग के लिए आवश्यक फंड की व्यवस्था की जा सके।

उन्होंने आश्वासन दिया कि जेलों के आधुनिकीकरण और बुनियादी सुविधाओं के लिए फंड की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी।

राज्य में कैदियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उन्होंने नए जेलों के निर्माण और

नई बैरक बनाने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।

Laljit Singh Bhullar : जेलों में सुधार

स. लालजीत सिंह भुल्लर ने जेलों में सुधार के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा

कि जेल अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे जेलों को पूरी तरह अपराध मुक्त करने के लिए तत्परता से कार्य करें।

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जेलों में विभिन्न उत्पादों का निर्माण किया जाए ताकि जेलें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।

बैठक के दौरान मंत्री ने कैदियों और हवालातियों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने और

उनके लिए बनाई गई भलाई योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन की आवश्यकता पर भी बल दिया।

इस विस्तृत समीक्षा बैठक में, भुल्लर ने जेलों के ढांचे में सुधार, मौजूदा चुनौतियों के समाधान,

स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में सुधार, और पुनर्वास कार्यक्रमों को और बेहतर बनाने पर चर्चा की।

उन्होंने कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर जोर दिया ताकि कैदियों को समाज में पुनर्वास किया जा सके।

जेल अधीक्षकों ने अपनी-अपनी जेलों से संबंधित चुनौतियां साझा कीं,

जिनमें कैदियों की बढ़ती संख्या और स्टाफ एवं संसाधनों की कमी शामिल थी।

मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार इन समस्याओं के समाधान के लिए दीर्घकालिक उपायों को लागू करेगी।

कैदियों के शैक्षिक कार्यक्रमों के विस्तार

भुल्लर ने कैदियों के शैक्षिक कार्यक्रमों के विस्तार, निगरानी और प्रशासनिक कार्यों में तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने,

और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी पहलों को प्रोत्साहित करने की योजनाओं की भी रूपरेखा प्रस्तुत की।

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव (जेल) श्री आलोक शेखर, ए.डी.जी.पी. (जेल) श्री अरुण पाल सिंह,

आई.जी. (जेल) श्री आर.के. अरोड़ा, डी.आई.जी. (जेल मुख्यालय) श्री सुरिंदर सिंह,

और सभी जेल अधीक्षक एवं मुख्यालय के अधिकारी मौजूद थे।

स. लालजीत सिंह भुल्लर ने इन प्रयासों से यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया

कि पंजाब की जेलें आधुनिक मानकों के अनुरूप हों और समाज के व्यापक ताने-बाने में सकारात्मक योगदान देने योग्य बनें।

Sakshi Dutt:

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