Praggnanandhaa Beats Gukesh: नीदरलैंड के विज्क आन जी में खेले गए टाटा स्टील मास्टर्स 2025 में भारतीय ग्रैंडमास्टर आर. प्रज्ञानंद ने शानदार प्रदर्शन करते हुए वर्ल्ड चैंपियन डी. गुकेश को हराकर खिताब जीत लिया।
इस जीत के साथ उन्होंने न केवल खुद को एक बेहतरीन खिलाड़ी साबित किया, बल्कि भारतीय शतरंज में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई।
Praggnanandhaa Beats Gukesh : आठ घंटे तक चला रोमांचक मुकाबला
फाइनल मैच बेहद चुनौतीपूर्ण रहा और करीब आठ घंटे तक चला।
पहला क्लासिकल मुकाबला साढ़े छह घंटे तक खेला गया, जिसमें दोनों खिलाड़ियों के बीच जबरदस्त टक्कर देखने को मिली।
इसके बाद ब्लिट्ज टाईब्रेकर मुकाबले में भी दोनों खिलाड़ियों के बीच कांटे की टक्कर हुई।
अंततः प्रज्ञानंद ने टाईब्रेकर में 2-1 से जीत हासिल कर खिताब अपने नाम किया।
कैसा रहा टाईब्रेकर का खेल?
टाईब्रेकर में गुकेश ने पहला मुकाबला जीतकर बढ़त बनाई, लेकिन प्रज्ञानंद ने दूसरी बाजी जीतकर जोरदार वापसी की।
निर्णायक बाजी में उन्होंने रक्षात्मक खेल के साथ कुछ शानदार मूव्स खेले, जिससे गुकेश दबाव में आ गए और गलतियां कर बैठे।
इस मौके का फायदा उठाते हुए प्रज्ञानंद ने मुकाबला जीत लिया और पहली बार टाटा स्टील मास्टर्स चैंपियन बन गए।
Praggnanandhaa Beats Gukesh : जीत के बाद क्या बोले प्रज्ञानंद?
जीत के बाद प्रज्ञानंद ने कहा,
“मेरे हाथ अब भी कांप रहे हैं। यह बहुत ही रोमांचक दिन था। मैंने इस जीत की उम्मीद नहीं की थी, लेकिन चीजें मेरे पक्ष में जाती रहीं।”
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने टूर्नामेंट के लिए अपनी रणनीतियों में कुछ बदलाव किए, जो इस जीत में कारगर साबित हुए।
गुकेश को लगातार दूसरी बार टाईब्रेकर में हार
यह दूसरा साल है जब गुकेश को टाईब्रेकर में हार का सामना करना पड़ा है।
पिछले साल भी वह फाइनल में पहुंचे थे, लेकिन चीन के वेई यी के खिलाफ हार गए थे।
हालांकि, इस बार भी वह शानदार फॉर्म में थे और फाइनल तक पहुंचे, लेकिन अंत में प्रज्ञानंद के खिलाफ जीत दर्ज नहीं कर सके।
कौन हैं आर. प्रज्ञानंद?
आर. प्रज्ञानंद भारतीय शतरंज के तेजी से उभरते सितारे हैं। उनका जन्म 10 अगस्त 2005 को चेन्नई में हुआ था।
उनके पिता रमेश बाबू और मां नागलक्ष्मी हैं। उनकी बड़ी बहन आर. वैशाली भी एक ग्रैंडमास्टर हैं
और उन्हीं से प्रेरित होकर प्रज्ञानंद ने शतरंज खेलना शुरू किया।
प्रज्ञानंद की प्रमुख उपलब्धियां
•2013: वर्ल्ड यूथ चेस चैंपियनशिप अंडर-8 चैंपियन
•2015: वर्ल्ड यूथ चेस चैंपियनशिप अंडर-10 विजेता
•2022: नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन को हराकर दुनिया को चौंकाया
•2023: फीडे वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय बने
•2024: नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट में मैग्नस कार्लसन को दोबारा हराया
•2025: टाटा स्टील मास्टर्स चैंपियन बने
Praggnanandhaa Beats Gukesh: कार्लसन को भी दी थी मात
प्रज्ञानंद का करियर कई शानदार उपलब्धियों से भरा है। 2022 में उन्होंने दुनिया के नंबर-1 खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को हराकर तहलका मचा दिया था।
इसके बाद 2024 में नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट में क्लासिकल गेम में भी कार्लसन को मात दी।
Gukesh और भारतीय शतरंज की नई लहर
गुकेश और प्रज्ञानंद जैसे युवा भारतीय शतरंज में नई पीढ़ी का नेतृत्व कर रहे हैं।
गुकेश हाल ही में वर्ल्ड चैंपियन बने थे, जबकि प्रज्ञानंद भी लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।
आर. प्रज्ञानंद की इस जीत ने एक बार फिर भारतीय शतरंज का परचम दुनिया में लहरा दिया है।
उन्होंने न केवल टाटा स्टील मास्टर्स 2025 का खिताब जीता, बल्कि साबित किया कि वह भविष्य में वर्ल्ड चैंपियन बनने के मजबूत दावेदार हैं।
उनकी इस जीत से भारतीय शतरंज प्रेमियों में नई उम्मीद जगी है और अब सभी की नजरें उनके अगले टूर्नामेंट पर टिकी हैं।