उपायुक्त ने कहा कि अवैध निर्माण की सूचना पहले से प्राप्त होनी चाहिए, ताकि उसे समय रहते रोका जा सके। इसके साथ ही उन्होंने नगर निगम को अपनी बाउंडरी वॉल को मजबूत करने के निर्देश दिए और टीसीपी अधिकारियों से कहा कि नियम सभी के लिए समान हैं, भेदभाव की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।
इसके अलावा, उपायुक्त ने लोक निर्माण विभाग, नगर निगम पंचकूला और नगर परिषद कालका से कहा कि वे पेरिफेरी नियंत्रण अधिनियम और अन्य संबंधित कानूनों के तहत किए गए अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई का ब्योरा नियमित रूप से प्रस्तुत करें।
उपायुक्त ने पुलिस विभाग से भी यह सुनिश्चित करने को कहा कि जहां अवैध निर्माण और कॉलोनियों को गिराया गया है, वहां बिना अनुमति के दोबारा निर्माण न हो। इसके अलावा, उन्होंने संबंधित विभागों को अवैध अतिक्रमण के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में किसी भी प्रकार की देरी न करने के निर्देश दिए।
बैठक में जिला नगर योजनाकार संजय नारग ने उपायुक्त को अवगत करवाया कि जनवरी से मार्च 2024 तक छह अवैध कॉलोनियों की पहचान की गई, जिनमें से एक को ध्वस्त किया गया और पांच कॉलोनियों के मामलों में पुलिस में शिकायत भेजी गई है।
उपायुक्त ने अवैध कॉलोनियों और निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखने का संकल्प व्यक्त किया और जिला वासियों से अपील की कि वे अवैध कॉलोनियों में कोई भी प्लॉट न खरीदें।
इस बैठक में एसडीएम पंचकूला चंद्रकांत कटारिया, नगर निगम संयुक्त आयुक्त सिमरनजीत, जिला नगर योजनाकार संजय नारग और अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित थे।