DC Mohali : एसएएस नगर जिले में उर्वरक की जमाखोरी, अधिक कीमत वसूलने या अन्य कृषि इनपुट टैगिंग की समस्या पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उपायुक्त श्रीमती आशिका जैन ने उर्वरक डीलरों को सख्त निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि डीलरों को अपने स्टॉक को हर दिन नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा
और किसी भी स्थिति में डीएपी के साथ अतिरिक्त शुल्क या अन्य कृषि उत्पाद जोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
DC Mohali : कृषि अधिकारियों को निर्देश दिया
आज एक समीक्षा बैठक में डिप्टी कमिश्नर ने कृषि अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर डीलरों के स्टॉक का नियमित निरीक्षण करें।
साथ ही, उन्होंने किसानों को यह भी बताया कि जिले में 3033 मीट्रिक टन वैकल्पिक उर्वरक उपलब्ध है,
और डीएपी की कमी को लेकर चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
उपायुक्त ने किसानों को डीएपी के विकल्प के रूप में एनपीके (12:32:16, 15:15:15), एसएसपी (सिंगल सुपर फास्फेट),
और टीएसपी (ट्रिपल सुपर फास्फेट) का उपयोग करने की सलाह दी।
इन उर्वरकों में फास्फोरस और अन्य पोषक तत्वों का अच्छा मिश्रण होता है, जो डीएपी का प्रभावी विकल्प बन सकते हैं।
श्रीमती जैन : कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना द्वारा दी गई सलाह
श्रीमती जैन ने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना द्वारा दी गई सलाह के आधार पर यह भी बताया
कि सिंगल सुपर फास्फेट और एनपीके जैसे वैकल्पिक उर्वरक किसानों के लिए अधिक फायदेमंद हो सकते हैं,
क्योंकि ये अतिरिक्त सल्फर और पोटाश भी प्रदान करते हैं।
उन्होंने किसानों से अपील की कि वे इन उपलब्ध विकल्पों का सही तरीके से उपयोग करें
और किसी भी उर्वरक की “कमी” के बारे में चिंता न करें।