Punjab: इस बार इस सीट पर BJP से सेवानिवृत्त राजदूत तरनजीत सिंह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सदस्य श्वेत मलिक और राजिंदर मोहन सिंह छीना दावेदार हैं. आम आदमी पार्टी से Mandeep Singh Manna, मंत्री Kuldeep Singh Dhaliwal और अन्य दावेदारों में शामिल हैं.
Punjab की 13 संसदीय सीटों में अमृतसर लोकसभा सीट बेहद अहम और हॉट सीट रही है. इस सीट का धार्मिक और राजनीतिक तौर पर अलग महत्व है. सिखों का सबसे बड़ा गुरुधाम श्री हरमंदिर साहिब मंदिर यहीं स्थित है। इसी समय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का सबसे बड़ा नरसंहार अमृतसर के जलियांवाला बाग में हुआ। इसके बाद भारत विभाजन के बाद सबसे ज्यादा नरसंहार भी इसी शहर ने देखा. पढ़ें पंकज शर्मा की रिपोर्ट
राजनीतिक तौर पर इस सीट पर Congress का प्रभाव ज्यादा रहा है. Congress के रघुनंदन लाल भाटिया यहां से छह बार सांसद रहे. नवजोत सिंह सिद्धू ने BJP में रहते हुए Congress का दबदबा तोड़ा था. इस लोकसभा सीट पर 1952 से 1962 तक Congress के गुरमुख सिंह मुसाफिर विजयी रहे. 1967 में भारतीय जनसंघ के यज्ञदत्त शर्मा विजयी रहे.
1971 में Congress के दुर्गादास भाटिया जीते। उनके बाद 1972 में हुए उपचुनाव में Congress से दुर्गादास के भाई रघुनंदनलाल भाटिया जीते। 1977 में जनता पार्टी के बलदेव प्रकाश जीते। 1980 और 1984 में इस सीट पर एक बार फिर Congress के रघुनंदन लाल भाटिया चुने गए. 1991 में निर्दलीय प्रत्याशी कृपाल सिंह जीते. 1991 और 1996 में Congress के रघुनंदन लाल भाटिया फिर जीते.
अमृतसर लोस सीट फिलहाल Congress के पास है. 2019 में यहां से Congress के गुरजीत सिंह औजला ने 4,45,032 वोट हासिल कर जीत हासिल की थी और BJP उम्मीदवार हरदीप सिंह पुरी को 99626 वोटों के अंतर से हराया था. पुरी को 345456 वोट मिले थे.
इस बार कौन है दावेदार?
इस बार इस सीट पर BJP से सेवानिवृत्त राजदूत तरनजीत सिंह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सदस्य श्वेत मलिक और राजिंदर मोहन सिंह छीना दावेदार हैं. Congress से गुरजीत औजला और ओमप्रकाश सोनी टिकट चाहते हैं, जबकि आम आदमी पार्टी से मंदीप सिंह मन्ना, मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल, पूर्व मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू, आर्टिस्ट अरविंदर भट्टी, इकबाल सिंह भुल्लर दावेदारों में शामिल हैं. अकाली दल से अनिल जोशी को मैदान में उतारा गया है.