पंजाब सरकार द्वारा छुट्टी का ऐलान, स्कूल और सरकारी दफ्तर रहेंगे बंद !

पंजाब सरकार द्वारा जारी किए गए सरकारी छुट्टियों के कैलेंडर के अनुसार, 2 October और 3 अक्टूबर को सरकारी दफ्तरों, स्कूलों, कॉलेजों और बैंकों में छुट्टी रहेगी।

2 October : महात्मा गांधी की जयंती

मशहूर इंडियन क्रिकेटर मुशीर खान का हुआ भयानक एक्सीडेंट! ईरानी कप से बाहर

2 अक्टूबर को देशभर में महात्मा गांधी की जयंती मनाई जाती है,

इस अवसर पर सभी सरकारी संस्थानों में छुट्टी की घोषणा की गयी है।

वहीं, 3 अक्टूबर को महाराजा अग्रसेन जयंती के मौके पर छुट्टी होगी, खासकर पंजाब और राजस्थान राज्यों में।

इसके साथ ही, 3 अक्टूबर को नवरात्रि के शुभ अवसर पर कलश स्थापना भी की जाएगी,

जो हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। पूरे अक्टूबर के महीने में कई प्रमुख त्योहार आने वाले हैं,

जिनमें दशहरा, वाल्मीकि जयंती, करवा चौथ, और दिवाली जैसे बड़े त्योहार शामिल हैं।

इन त्योहारों के चलते अक्टूबर का महीना उत्सवों से भरा रहेगा।

इसलिए, इन दोनों दिनों के दौरान सरकारी कामकाज और बैंकिंग सेवाओं पर असर पड़ेगा।

पंजाब सरकार द्वारा जारी किए गए सरकारी छुट्टियों के कैलेंडर के अनुसार, 2 और 3 अक्टूबर को सरकारी दफ्तरों, स्कूलों, कॉलेजों और बैंकों में छुट्टी रहेगी।

2 अक्टूबर को देशभर में महात्मा गांधी की जयंती मनाई जाती है,

इस अवसर पर सभी सरकारी संस्थानों में छुट्टी की घोषणा की गयी है।

वहीं, 3 अक्टूबर को महाराजा अग्रसेन जयंती के मौके पर छुट्टी होगी, खासकर पंजाब और राजस्थान राज्यों में।

इसके साथ ही, 3 अक्टूबर को नवरात्रि के शुभ अवसर पर कलश स्थापना भी की जाएगी,

जो हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। पूरे अक्टूबर के महीने में कई प्रमुख त्योहार आने वाले हैं,

जिनमें दशहरा, वाल्मीकि जयंती, करवा चौथ, और दिवाली जैसे बड़े त्योहार शामिल हैं।

इन त्योहारों के चलते अक्टूबर का महीना उत्सवों से भरा रहेगा।

इसलिए, इन दोनों दिनों के दौरान सरकारी कामकाज और बैंकिंग सेवाओं पर असर पड़ेगा।

पंजाब में सजोबा रैली 2024: ADVENTURE और CULTURE का अद्भुत संगम!

Sajoba Rally 2024: पंजाब के पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री, स. तरुनप्रीत सिंह सौंद ने शुक्रवार शाम को सेंट जॉन हाई स्कूल में 20वीं सजोबा टी.एस.डी. रैली 2024 का उद्घाटन किया।

यह रैली तीन दिनों तक चलने वाली है और इसमें देश के विभिन्न हिस्सों से 46 टीमें हिस्सा ले रही हैं,

जैसे कोलकाता, मुंबई, शिलांग और उत्तराखंड।

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Sajoba Rally 2024:  कैबिनेट मंत्री ने इस Event के आयोजन

कैबिनेट मंत्री ने इस Event के आयोजन के लिए सेंट जॉन्स ओल्ड बॉयज एसोसिएशन (सजोबा) की सराहना की।

उन्होंने बताया कि यह रैली पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों के विभाग द्वारा सह-प्रायोजित है।

रैली 28 और 29 सितंबर को होगी, जिसमें प्रतिदिन लगभग 250 किलोमीटर की यात्रा तय की जाएगी

और अंत में शाम 6 बजे सेंट जॉन्स हाई स्कूल में सभी टीमों का स्वागत किया जाएगा।

स. तरुनप्रीत सिंह ने कहा कि यह रैली पंजाब के खूबसूरत दृश्यों से गुजरेगी और राज्य को एडवेंचर टूरिज्म का हब बनाएगी।

रैली का मार्ग होशियारपुर, एस.बी.एस. नगर, रोपड़ और एस.ए.एस. नगर (मोहाली) से होकर गुजरेगा।

उन्होंने इसे उत्तर भारत के सबसे लंबे मोटरस्पोर्ट इवेंट में से एक बताया।

इस साल की रैली में विशेष जरूरतों वाले व्यक्तियों, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों की भागीदारी करने वाली 46 टीमें शामिल हैं।

इनमें से 3 टीमें विशेष जरूरतों वाले व्यक्तियों की हैं, 12 महिला टीमें, और 22 पेशेवर टीमें शामिल हैं।

मंत्री ने कहा कि यह रैली न सिर्फ मोटरस्पोर्ट प्रेमियों के उत्साह को बढ़ाएगी,

बल्कि पंजाब की अद्वितीय संस्कृति और सुंदरता को भी उजागर करेगी।

इस इवेंट के माध्यम से क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा

सचिव श्री मालविंदर सिंह जग्गी ने कहा कि पर्यटन विभाग इस इवेंट के माध्यम से क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि सजोबा टी.एस.डी. रैली पंजाब की समृद्ध विरासत को दर्शाते हुए

एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने का लक्ष्य रखती है।

इस इवेंट में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों और दर्शकों के लिए यह एक बेहतरीन अनुभव साबित होने वाला है।

यह न केवल मोटरस्पोर्ट प्रशंसकों के लिए, बल्कि उन सभी लोगों के लिए एक रोमांचक अवसर है जो एडवेंचर स्पोर्ट्स का आनंद लेते हैं।

सभी ने इस आयोजन के लिए सजोबा के अध्यक्ष हरपाल सिंह मलवई और अन्य प्रमुख हस्तियों को भी धन्यवाद दिया।

इस रैली के जरिए पंजाब के पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास किया जा रहा है,

जिससे राज्य एक बार फिर से एडवेंचर और स्पोर्ट्स का केंद्र बन सके।

आइए, इस रोमांचक सफर का हिस्सा बनें और पंजाब की सांस्कृतिक धरोहर का आनंद लें!

Punjab की मशहूर University में हुआ बवाल, छात्रों का प्रदर्शन

Punjab  की एक बड़ी University पर सरकार ने कड़ा एक्शन लिया है। बता दे की पटियाला स्थित राजीव गांधी नैशनल लॉ यूनिवर्सिटी को पंजाब सरकार ने अगले आदेश तक बंद करने का फैसला किया है।

Punjab University: जयशंकर सिंह पर छात्राओं द्वारा गंभीर आरोप

दरअसल, यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर, जयशंकर सिंह पर छात्राओं द्वारा गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिसके चलते यह सख्त कदम उठाया गया।

घटना रविवार बाद दोपहर की है, जब वाइस चांसलर ने बिना किसी नोटिस के छात्राओं के होस्टल में जाकर कमरों की तलाशी शुरू की।

छात्राओं का कहना है कि उन्होंने ना केवल कमरे चेक किए, बल्कि उनके पहनावे पर भी आपत्ति जताई,

जिससे छात्राओं में काफी गुस्सा फैल गया है।

इस कार्रवाई के बाद रात में छात्राओं ने वाइस चांसलर की रिहायश के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।

छात्राओं ने इसे अपनी निजता पर हमला बताया और वाइस चांसलर के इस्तीफे की मांग की।

प्रदर्शन कर रही छात्राओं का कहना है कि यह कार्रवाई उनके निजी जीवन में दखल देने की है

और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

वाइस चांसलर के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं

उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर वाइस चांसलर के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो वे अपना आंदोलन जारी रखेंगी।

छात्राओं का आरोप है कि वाइस चांसलर ने उनके कपड़ों पर अनुचित टिप्पणियां कीं, जिससे उनको काफी ठेस पहुंची है।

छात्राओं ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए उनके तुरंत इस्तीफे की मांग की है।

वहीं, दूसरी तरफ वाइस चांसलर जयशंकर सिंह ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया है।

उनका कहना है कि उन्हें होस्टल में क्षमता से अधिक छात्राओं के रहने की शिकायत मिली थी,

जिसके चलते वह जांच के लिए वहाँ गए थे।

वाइस चांसलर का दावा है कि उन्होंने किसी भी तरह की अनुचित टिप्पणी नहीं की

और जो आरोप उन पर लगाए जा रहे हैं, वे सच्चाई से परे हैं।

इस पूरे मामले ने यूनिवर्सिटी में तनावपूर्ण माहौल पैदा कर दिया है। छात्राओं का आंदोलन जारी है,

और पंजाब सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए यूनिवर्सिटी को अस्थायी रूप से बंद करने का फैसला लिया है।

अब यह देखना ये होगा कि आगे इस मामले में क्या कार्रवाई होती है

और वाइस चांसलर पर लगे आरोपों की सच्चाई क्या है।

पंजाब सरकार की आशीर्वाद स्कीम: 2581 परिवारों को मिली राहत!

Ashirwad Scheme: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार लगातार प्रत्येक वर्ग के कल्याण के लिए काम कर रही है।

विशेष रूप से पिछड़ी श्रेणियों और आर्थिक तौर पर कमजोर वर्गों के लिए सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं।

इस बात की जानकारी सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक मंत्री डा. बलजीत कौर ने दी।

डा. बलजीत कौर:  Ashirwad Scheme के तहत

डा. बलजीत कौर ने बताया कि पंजाब सरकार ने आशीर्वाद स्कीम के तहत चालू वित्त वर्ष में 13.16 करोड़ रुपए की राशि जारी की है।

यह राशि विशेष रूप से पिछड़ी श्रेणियों और आर्थिक तौर पर कमजोर वर्गों के लाभार्थियों के लिए है।

उन्होंने बताया कि यह राशि 2023-24 और 2024-25 के दौरान प्राप्त आवेदनों के आधार पर जारी की गई है।

इस योजना के तहत अमृतसर, बरनाला, बठिंडा, फरीदकोट, फतेगहड़ साहिब, फाजिल्का, गुरदासपुर, होशियारपुर, कपूरथला,

लुधियाना, मानसा, मोगा, श्री मुक्तसर साहिब, पटियाला, पठानकोट, रूपनगर, एस.बी.एस नगर, संगरूर और मलेरकोटला जिलों के 2581 लाभार्थियों को इसका लाभ मिला है।

आशीर्वाद स्कीम के अंतर्गत विवाह के लिए 51,000 रुपए तक

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि आशीर्वाद स्कीम के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा कम आमदनी वाले परिवारों से संबंधित लड़कियों के विवाह के लिए 51,000 रुपए तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

यह सहायता उन परिवारों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं।

इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक

आवेदकों के लिए कुछ शर्तें भी हैं। मंत्री ने बताया

कि इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को पंजाब राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए।

इसके अलावा, उसका परिवार गरीबी रेखा से नीचे होना चाहिए।

अनुसूचित जाति, पिछड़ी श्रेणियों और आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों के आवेदक इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

इसके लिए परिवार की सभी साधनों से वार्षिक आमदनी 32,790 रुपए से कम होनी चाहिए,

और एक परिवार की दो बेटियाँ इस योजना का लाभ ले सकती हैं।

डा. बलजीत कौर ने आगे कहा कि सरकार अनुसूचित जातियों, पिछड़ी श्रेणियों और आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग के लोगों के कल्याण के प्रति पूरी तरह वचनबद्ध है।

वित्तीय सहायता सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजी जाती है,

ताकि उन्हें किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

इस प्रकार, पंजाब सरकार ने पिछड़ी श्रेणियों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए कई सकारात्मक कदम उठाए हैं,

जिससे उनकी जिंदगी में सुधार लाने का प्रयास किया जा रहा है।

यह स्कीम न केवल आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है,

बल्कि समाज में समानता और समृद्धि के लिए भी एक अहम भूमिका निभा रही है।

जानिए 5 नए मंत्रियो को मिली कौन-कौन सी जिम्मेदारी….

punjab cabinet: पंजाब की भगवंत मान सरकार में आज एक बार फिर से बड़ा बदलाव किया गया है।

सरकार के ढाई साल के कार्यकाल में यह चौथी बार है जब मंत्रिमंडल में फेरबदल हुआ है।

इस बार चार मंत्रियों को कैबिनेट से हटा दिया गया है, जिनमें बलकार सिंह, चेतन सिंह जौड़ामाजरा, ब्रह्म शंकर जिम्पा और अनमोल गगन मान शामिल हैं।

विपक्ष ने लगातार मंत्रिमंडल में हो रहे बदलावों पर सवाल उठाए हैं।

आइए जानते हैं कि जो पांच नेताओं को इस बार कैबिनेट में जगह मिली है उनको पार्टी ने कौन कौन सी जिम्मेदारी सौंपी है।

punjab cabinet: जानिए 5 नए मंत्रियो को मिली कौन-कौन सी जिम्मेदारी….

punjab cabinet: हरदीप सिंह मुंडिया

लुधियाना, पंजाब का सबसे बड़ा जिला है, और मौजूदा सरकार का वहां कोई मंत्री नहीं था।

मुंडिया को कैबिनेट में शामिल करके आम आदमी पार्टी लुधियाना में अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रही है।

विभाग: 1. राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन

2. जल आपूर्ति और स्वच्छता

3. आवास और शहरी विकास

जिम्मेदारी: पंजाब में राजस्व संग्रह और भूमि रिकॉर्ड का प्रबंधन, प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत और पुनर्वास कार्यों का संचालन।

स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता से जुड़ी योजनाओं को लागू करना,

शहरी विकास को सुचारू रूप से प्रबंधित करना और पर्यावरणीय स्थिरता को सुनिश्चित करना।

महेंद्र पाल भगत:

मोहिंदर भगत को कैबिनेट में शामिल करके मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जालंधर के लोगों से किए अपने वादे को पूरा किया है।

जालंधर की उपचुनावों के दौरान उन्होंने वादा किया था कि भगत को विधायक बनाने पर उन्हें मंत्री पद दिया जाएगा।

विभाग: 1. रक्षा सेवा कल्याण

2. स्वतंत्रता सेनानी

3. बागवानी

जिम्मेदारी: पंजाब में सैनिकों और उनके परिवारों की भलाई के लिए कल्याणकारी योजनाओं का संचालन करना।

स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले सेनानियों और उनके परिवारों के लिए सम्मान और कल्याणकारी योजनाओं को लागू करना।

राज्य में बागवानी (फल, सब्जी, फूल और औषधीय पौधों) के विकास को प्रोत्साहित करना।

बरिंदर कुमार गोयल:

बरिंदर संगरूर के लहरा से विधायक हैं और वैश्य समाज से आते हैं।

उन्होंने कांग्रेस और अकाली दल के दिग्गज नेताओं को हराकर जीत हासिल की थी।

विभाग: 1. खान एवं भूविज्ञान

2. जल संसाधन

3. भूमि एवं जल संरक्षण

जिम्मेदारी: राज्य में खनिज संसाधनों का प्रबंधन और उनकी जिम्मेदार खुदाई सुनिश्चित करना।

राज्य में जल संकट से निपटने के लिए जल प्रबंधन और संरक्षण के उपायों को लागू करना।

भूमि का संरक्षण और बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने के उपायों का संचालन।

तरुणप्रीत सिंह सौंध:

तरुणप्रीत खन्ना से विधायक हैं। उन्होंने कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते को हराकर जीत दर्ज की थी।

विभाग: 1. पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामले

2. निवेश प्रोत्साहन

3. श्रम

4. आतिथ्य

5. उद्योग एवं वाणिज्य

6. ग्रामीण विकास एवं पंचायत

जिम्मेदारी: राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देना और सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण।

राज्य में निवेश आकर्षित करने और आर्थिक विकास के लिए नीतियों को लागू करना।

श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा और रोजगार के अवसरों में वृद्धि।

राज्य के आतिथ्य क्षेत्र का विकास और पर्यटन से जुड़े सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार।

उद्योगों के विकास को बढ़ावा देना, व्यापार के अनुकूल माहौल बनाना और उद्यमिता को समर्थन देना।

ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और पंचायतों के सशक्तिकरण के लिए योजनाओं का संचालन।

डॉ रवजोत सिंह:

रवजोत सिंह श्याम चौरासी विधानसभा से विधायक हैं और अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखते हैं।

वे पेशे से डॉक्टर हैं और पार्टी ने अनुसूचित जाति के वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए उन्हें मंत्री बनाया है।

विभाग: 1. स्थानीय सरकार

2. संसदीय मामले

जिम्मेदारी: शहरी और ग्रामीण निकायों की सेवाओं का प्रबंधन और विकास।

विधानसभा और विधायी कार्यों का सुचारू संचालन और सरकार-विपक्ष समन्वय।

नए मंत्रियों ने भरोसा जताया है कि वे जनता और मुख्यमंत्री भगवंत मान की उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करेंगे।

उन्हें जो भी विभाग दिए गए है, वे उन्हें अच्छे से संभालने का वादा कर रहे हैं।

जानिए कौन से नए चेहरे हुए पंजाब कैबिनेट में शामिल !

Punjab : दिल्ली के बाद अब पंजाब (Punjab) में आम आदमी पार्टी ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए कैबिनेट में बड़ा फेरबदल करने का ऐलान किया है।

बता दे की मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मिलकर कैबिनेट विस्तार के लिए समय मांगा है।

यह फेरबदल आने वाले सोमवार को चंडीगढ़ स्थित राजभवन में एक समारोह के दौरान हो रहा है ,

जिसमें नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जा रही है।

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Punjab: आम आदमी पार्टी की कैबिनेट में फेरबदल

आम आदमी पार्टी की ढाई वर्ष पुरानी सरकार में यह चौथा मौका होगा जब कैबिनेट में फेरबदल किया जा रहा है।

इस बार के फेरबदल में 4 मंत्रियों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है और 5 नए मंत्रियों को शामिल किया जा रहा है।

यह फेरबदल काफी समय से चर्चाओं में था, और अब आखिरकार इसे अमल में लाया जा रहा है।

कौन है ये नए चेहरे?

आइए जानते हैं, ‘आप’ सरकार के ढाई साल से ज्यादा के कार्यकाल में एक और बड़ा फेरबदल हुआ है।

पंजाब कैबिनेट में पांच नए चेहरों को शामिल किया गया है। कुछ मंत्रियों की छुट्टी हो गई है,

जिसमें चेतन सिंह जोड़ा माजरा, अनमोल गगन मान, ब्रह्म शंकर जिंपा, और बलकार सिंह के नाम शामिल हैं।

नए चेहरों में लहरागागा के विधायक बरिंदर कुमार गोयल, शाम चुरासी से डॉ. रवीजोत सिंह, खन्ना से तरुणप्रीत सिंह सौंद,

जालंधर पश्चिम से महिंदर भगत और साहनेवाल से हरदीप सिंह मुण्डियां शामिल हैं।

ये पांचों पहली बार बने विधायक

ये पांचों पहली बार विधायक बने हैं और अब कैबिनेट में जगह मिली है।

इन नए विधायकों ने पंजाब राजभवन में शपथ ली है।

कैबिनेट फेरबदल के बाद मुख्यमंत्री समेत अब कुल 16 मंत्री हो गए हैं।

अनमोल गगन मान के हटने के बाद डॉ. बलजीत कौर अकेली महिला मंत्री रह गई हैं।

तरुणप्रीत सिंह सौंद और हरदीप सिंह मुण्डियां, दोनों को पहली बार लुधियाना जिले से कैबिनेट में जगह मिली है।

1. तरुणप्रीत सिंह सौंद 2022 में खन्ना से विधायक बने थे। उनका जन्म 1983 में हुआ था

और उनके पिता भूपिंदर सिंह एक सफल कारोबारी हैं। सौंद 12वीं पास हैं और मशीनों का व्यापार करते हैं।

उनके परिवार में एक बेटी और एक बेटा है।

2. हरदीप सिंह मुण्डियां, साहनेवाल विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और 2022 में चुने गए थे। वह 10वीं पास हैं

और खेती का काम करते हैं। इसके साथ ही कुछ अन्य धंधे भी करते हैं। उनकी उम्र करीब 48 साल है।

3. महिंदर पाल भगत, पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री भगत चूनी लाल के बेटे हैं।

महिंदर पाल 10वीं पास हैं और आरएसएस से जुड़े हुए थे।

2023 में बीजेपी छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए और जालंधर पश्चिम की सीट से चुनाव जीता।

4. बरिंदर कुमार गोयल, लहरागागा से विधायक हैं। वह पेशे से वकील और कारोबारी हैं।

5. डॉ. रावजोत सिंह, हल्का शाम चौरासी से विधयाक है।

जिन्हे आज मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।

 

अब देखना ये होगा की इस बदलाव का पंजाब की राजनीति में क्या असर पड़ता है।

पंजाब में स्वास्थ्य सेवाओं में एक और कदम: 30 नए आम आदमी क्लीनिक!

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज 30 और आम आदमी क्लीनिक जनता (aam aadmi clinics) को समर्पित किए हैं,

जिससे राज्य में कुल 872 क्लीनिक कार्यशील हो गए हैं। ये क्लीनिक लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने नए aam aadmi clinics का उद्घाटन किया

मुख्यमंत्री ने बठिंडा में पाँच, होशियारपुर में दो, मानसा में सात, मोगा में तीन, पटियाला में छह, एसएएस नगर मोहाली में पाँच और श्री मुक्तसर साहिब में दो नए क्लीनिकों का उद्घाटन किया।

उन्होंने कहा कि ये क्लीनिक बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं का महत्वपूर्ण केंद्र बन गए हैं।

भगवंत सिंह मान ने बताया कि इन क्लीनिकों में मरीजों को 80 प्रकार की दवाइयाँ और 38 तरह के टेस्ट मुफ्त में उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

अब तक, इन क्लीनिकों से 2.07 करोड़ मरीज इलाज के लिए लाभ उठा चुके हैं।

उन्होंने बताया कि 72 लाख से अधिक मुफ्त टेस्ट किए जा चुके हैं,

जिससे राज्य के लोगों के स्वास्थ्य खर्च में 1050 करोड़ रुपये की बचत हुई है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार ने

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार ने सेकेंडरी स्वास्थ्य सेवाओं में सभी निर्धारित दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान चलाया है।

उन्होंने सीएमओज और एसएमओज को स्थानीय स्तर पर दवाइयों की खरीद के लिए अधिकृत किया है।

दवाइयों की खरीद और सप्लाई चेन के केंद्रीकरण को मजबूत करने की दिशा में भी कदम उठाए जा रहे हैं,

जिससे मरीजों को लगभग 102.98 करोड़ रुपये की अतिरिक्त बचत हुई है।

इसके साथ ही, सभी सेकेंडरी स्वास्थ्य सुविधाओं पर मुफ्त एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड सेवाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि 512 निजी एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड केंद्रों को मामूली सरकारी दरों पर सेवाएं प्रदान करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

इसके अलावा, मौजूदा सरकारी सुविधाओं को भी और मजबूत किया जा रहा है।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि बड़ी संख्या में मरीज इन सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं।

प्रतिदिन किए जाने वाले अल्ट्रासाउंड की संख्या 650 से बढ़कर 1350 हो गई है,

और राज्य में एक्स-रे सेवाओं की संख्या 3000 से बढ़कर 4200 हो गई है।

अब तक, कुल 7.52 लाख मरीज (5.67 लाख एक्स-रे और 1.85 लाख यूएसजी सेवाओं का लाभ उठाने वाले) इन सेवाओं का उपयोग कर चुके हैं।

सभी क्लीनिकों को भरपूर समर्थन मिलने की बात कही

इस पहल से पंजाब के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं।

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सभी क्लीनिकों को भरपूर समर्थन मिलने की बात कही और आश्वासन दिया

कि सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में और सुधार लाने के लिए लगातार प्रयासरत है।

ये नए क्लीनिक न केवल बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बना रहे हैं,

बल्कि राज्य के स्वास्थ्य खर्च को भी कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

पंजाब की स्वास्थ्य सेवाओं में ये कदम एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में अग्रसर हैं।

नई रणनीति, नए चेहरे -AAP के 4 मंत्री बाहर, 5 नए मंत्री शपथ लेने को तैयार!

Aap Ministers: दिल्ली के बाद अब पंजाब में आम आदमी पार्टी ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए कैबिनेट में बड़ा फेरबदल करने का ऐलान किया है।

बता दे की मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मिलकर कैबिनेट विस्तार के लिए समय मांगा है।

यह फेरबदल आने वाले सोमवार को चंडीगढ़ स्थित राजभवन में एक समारोह के दौरान होगा, जिसमें नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी।

आम आदमी पार्टी की ढाई वर्ष पुरानी सरकार में यह चौथा मौका होगा जब कैबिनेट में फेरबदल किया जा रहा है।

इस बार के फेरबदल में 4 मंत्रियों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है और 5 नए मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है।

यह फेरबदल काफी समय से चर्चाओं में था, और अब आखिरकार इसे अमल में लाया जा रहा है।

Aap Ministers कौन होंगे नए चेहरे?

पंजाब सरकार के सूत्रों के अनुसार, इस फेरबदल में बलकार सिंह, ब्रह्म शंकर गिम्पा, चेतन सिंह जौरामाजरा और अनमोल गगनमान को मंत्रिमंडल से हटाया जा सकता है।

इनकी जगह हरदीप सिंह मुंडियां, बरिंदर कुमार गोयल, डॉ. रवजोत सिंह, तरनप्रीत सिंह सौंद और मोहिंदर भगत को कैबिनेट में जगह मिलने की संभावना है।

सूत्रों के मुताबिक, शपथ समारोह सोमवार शाम 5 बजे चंडीगढ़ में होगा।

हालांकि, पार्टी के नेता अभी इस विषय पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

लेकिन कैबिनेट के ये नए चेहरे पंजाब की राजनीति में नए बदलाव का संकेत दे रहे हैं।

कैबिनेट बदलाव की ज़रूरत क्यों?

पिछले कुछ समय से कैबिनेट में फेरबदल की चर्चा ज़ोरों पर थी।

इसका एक मुख्य कारण बरनाला से विधायक गुरमीत सिंह मीत हेयर का सांसद बनना है।

लोकसभा चुनाव में जीतने के बाद उन्होंने विधानसभा और मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

अब उनकी जगह एक नए चेहरे को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।

इसके अलावा चार और नए मंत्री भी कैबिनेट का हिस्सा बन सकते हैं,

जो कि सरकार के कामकाज को और मज़बूत बना सकते हैं।

आम आदमी पार्टी का बढ़ता प्रभाव…

पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में ‘आप’ ने 92 सीटों पर जीत हासिल कर पहली बार राज्य में सरकार बनाई थी।

फिलहाल भगवंत मान सरकार में 15 मंत्री हैं, जबकि पंजाब कैबिनेट में कुल 18 मंत्री हो सकते हैं।

इस बदलाव के बाद सरकार की नीति और प्रशासन पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है।

आम आदमी पार्टी का यह फेरबदल पंजाब की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।

अब देखना यह होगा कि यह फेरबदल पार्टी और सरकार के लिए किस तरह से फायदेमंद साबित होता है,

और जनता के बीच इसका क्या प्रभाव पड़ता है।

क्या Governor Kataria की मंजूरी से बदलेगी पंजाब की पंचायत राजनीति?

खबर सामने आ रही है की पंजाब के नए राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया (Governor Kataria ) ने ‘पंजाब पंचायती राज (संशोधन) विधेयक, 2024’ को मंजूरी दे दी है,

जिससे अब पंचायत चुनावों में पुराने आरक्षण की व्यवस्था फिर से लागू हो गई है।

खास बात ये है कि अब कोई भी उम्मीदवार पार्टी के चिन्ह पर चुनाव नहीं लड़ सकेगा।

राज्यपाल द्वारा इस विधेयक को मंजूरी देना, राजभवन और राज्य सरकार के बीच बेहतर संबंधों का संकेत भी माना जा रहा है।

Punjab Police की ड्रग बस्ट: 6000 से ज्यादा नशा तस्कर पकड़ में

Governor Kataria की स्वीकृति मिल चुकी है

आपको बता दें कि पंजाब विधानसभा के पिछले मानसून सत्र में इस विधेयक को पारित किया गया था,

जिसे अब राज्यपाल की स्वीकृति मिल चुकी है। साथ ही, ‘पंजाब पंचायती नियम, 1994’ में भी संशोधन किया गया है।

इस संशोधन के बाद पंचायत चुनावों की प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है

और पंजाब सरकार अक्टूबर के मध्य में चुनाव कराने की योजना बना रही है।

अब ‘पंजाब पंचायती राज अधिनियम, 1994’ की धारा 12 (4) में हुए संशोधन के तहत,

सरपंचों के आरक्षण के लिए ब्लॉक को इकाई माना जाएगा,

जबकि पहले जिले को इकाई माना जाता था।

इसके साथ ही, नया आरक्षण रोस्टर भी तैयार किया जाएगा।

संशोधन के बाद सरकार को सरपंचों के आरक्षण को अपनी नीति के अनुसार तय करने का अधिकार भी मिल गया है।

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