अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति की लंबित राशि मिले शीघ्र – हरियाणा मुख्यमंत्री

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग कल्याण एवं अंत्योदय (सेवा) विभाग तथा उच्चत शिक्षा विभाग के अधिकारियों की शीघ्र ही संयुक्त बैठक बुलाई जाए और अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों की पिछले वर्ष की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति की लंबित राशि जारी की जाए। इसके अलावा, इस वर्ष से दाखिले के साथ ही छात्रवृत्ति की राशि जारी की जाए, ताकि विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई जारी रखने में आर्थिक दिक्कत का सामना न करना पड़े।

मुख्यमंत्री यहां सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग कल्याण एवं अंत्योदय (सेवा) विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। बैठक में विभाग के राज्य मंत्री श्री बिशम्बर सिंह भी उपस्थित थे।

बैठक में जानकारी दी गई कि पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों, जिनकी पारिवारिक आय ढ़ाई लाख रुपये वार्षिक से कम है, आवेदन के लिए पात्र हैं। यह योजना केंद्र-राज्य सरकार 60ः40 अनुपात में क्रियान्वित है। वर्ष 2023-24 में 82,248 विद्यार्थियों को 151.46 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति दी गई। इसी प्रकार, पिछड़े वर्ग पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत 55,998 विद्यार्थियों को 36.32 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति दी गई।

हरियाणा राज्य के सभी सरकारी व प्राइवेट कॉलेजों में सोलर सिस्टम लगाए जाएं : सीमा त्रिखा

हरियाणा की शिक्षा मंत्री श्रीमती सीमा त्रिखा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य के सभी सरकारी व प्राइवेट कॉलेजों में सोलर सिस्टम लगाए जाएं ताकि बिजली के खर्चे की बचत हो सके और साथ ही इससे पर्यावरण संतुलन में सहयोग मिलेगा। इसके अलावा, उन्होंने उच्चत्तर शिक्षा विभाग की एक मासिक पत्रिका प्रकाशित करने के भी निर्देश दिए जिसमें विभिन्न कॉलेज, यूनिवर्सिटी और उनमें पढ़ने वाले विद्यार्थियों की विशेष अर्जित उपलब्धियों का विवरण हो।

श्रीमती त्रिखा आज पंचकूला के शिक्षा सदन में उच्चत्तर शिक्षा विभाग की बैठक की अध्यक्षता कर रही थी। इस अवसर पर उच्चत्तर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विनीत गर्ग, महानिदेशक श्री राजीव रतन के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

शिक्षा मंत्री ने आज की बैठक में उच्चत्तर शिक्षा विभाग के अधिकारियों से उनके सम्मुख आने वाली समस्याओं और सुझावों पर भी विस्तार से बातचीत की।

उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “मन की बात” कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि जिस प्रकार प्रधानमंत्री अपने इस कार्यक्रम के माध्यम से 2 – 3 विषयों के बारे में बात करके उन क्षेत्रों में किसी व्यक्ति द्वारा प्राप्त की गई उपलब्धि की सराहना करते हैं , ठीक इसी प्रकार उच्चत्तर शिक्षा विभाग द्वारा प्रकाशित की जाने वाली प्रत्येक पत्रिका में भी अनुकरणीय उदाहरण दे सकते हैं। उन्होंने कॉलेजों और यूनिवर्सिटी की उपलब्धियों के आधार पर ग्रेडिंग देकर पत्रिका में प्रकाशित करवाने की बात कही , इससे उनमे सुधार करके प्रतियोगिता की भावना पैदा होगी।

श्रीमती सीमा त्रिखा ने बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग के प्रति चिंता जाहिर करते हुए अधिकारियों को सुझाव दिया कि वे कॉलेज, यूनिवर्सिटी में अध्ययन करने वाले युवाओं को जल संरक्षण के साथ-साथ पेड़-पौधे लगाने के लिए भी प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि युवा अपने संस्थान के आस-पास के क्षेत्र में पौधारोपण के लिए रूपरेखा बनाएं और अपने द्वारा लगाए गए पौधा के साथ फ़ोटो खींचकर सोशल मीडिया पर अपलोड करें। उन्होंने इस बात के लिए ख़ुशी जताई कि एनएसएस यूनिट द्वारा पौधारोपण को बढ़ावा दिया जा रहा है।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि कुछ पौधों की किस्म ऐसी होती है जो जमीन से अधिक पानी सोखती है जबकि कुछ पौधे कम पानी में तैयार हो सकते हैं ,ऐसे में वन विभाग के अधिकारियों से सलाह करके ही अपने -अपने क्षेत्र में युवाओं से पौधारोपण करवाएं।

उन्होंने अधिकारियों से आह्वान किया कि वे राज्य की उच्चत्तर शिक्षा को और अधिक बेहतर करने का प्रयास करें ताकि प्रदेश के युवा अच्छी शिक्षा हासिल करके अपने लक्ष्य को हासिल करने में कामयाब हो सकें।

हरियाणा के मुख्यमंत्री ने दी मानसून सीजन की तैयारियों के लिए अधिकारियों को निर्देश

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मानसून सीज़न की शुरुआत से पहले 30 जून तक बाढ़ रोकथाम की तैयारियां पूरी कर लें। पिछले वर्ष बाढ़ से अंबाला, कुरुक्षेत्र जिले काफी प्रभावित हुए थे। शार्टटर्म स्कीमों के कार्य पूरा करवाना सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री बाढ़ रोकथाम की तैयारियों को लेकर बुलाई गई बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री डॉ. अभय सिंह यादव भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रजवाहों व नालों के तटबंधों को मजबूत करने के लिए मिट्टी भराई का काम तत्काल शुरू कर दें क्योंकि 15 जून के बाद धान रोपाई भी शुरू हो जाती है और खेतों में पानी भरा होने के कारण मिट्टी उठाने के कार्य में दिक्कत आएगी। जमींदार का खेत भी खाली नहीं रहते।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि अगर पिछले वर्ष की तरह बाढ़ के हालात हुए तो दोषी अधिकारियों को बख्शा नहीं जायेगा। नहर की गाद की मिट्टी निकालने के लिए विभाग द्वारा जितनी भी जरूरी हो जेसीबी किराए पर ली जाएँ। उन्होंने कहा कि अंबाला के हरड़ा- हरड़ी, शेरगढ़, चांदपुरा, शाहपुर, हेमामाजरा, रामपुर ससेड़ी , कुरुक्षेत्र के झांसा, जलबेहड़ा तथा कैथल के गुहला चीका तक के गांव काफी प्रभावित हुए थे। इस बार मानसून से पहले की जा रही तैयारियों में लापरवाही के चलते अगर बाढ़ के हालात बने तो सख्त कार्यवाही की जाएगी।

बैठक में जानकारी दी गई कि बाढ़ संभावित 320 हॉटस्पॉट चिन्हित किये गए थे और शॉर्टटर्म स्कीमें तैयार की गई थीं। अब तक 44 स्कीमें पूरी हो चुकी हैं तथा 179 स्कीमों पर कार्य चल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कड़ा संज्ञान लेते हुए कहा कि समय की कमी को देखते हुए बाकी काम विभाग अपने स्तर पर युद्धस्तर पर करवाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकारीयों को एक पोर्टल बनाया जाये और मॉनसून से पहले बाढ़ से संबंधित जितने भी कार्य किये जा रहे हैं उसकी प्रतिदिन की रिपोर्ट इस पोर्टल पर अपलोड हो। गांव के सरपंच को भी साथ में लेकर विडियो बनाकर इस पोर्टल पर अपलोड किया जाए। वे स्वयं भी इस पोर्टल की मॉनिटरिंग करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कल ही सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री डॉ. अभय सिंह यादव, विभाग के आयुक्त एवं सचिव श्री पंकज अग्रवाल व मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री भारत भूषण भारती, अंबाला, कुरुक्षेत्र व कैथल जिलों के बाढ़ संभावित क्षेत्रों का दौरा कर उसकी रिपोर्ट तैयार करेंगे। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि बाढ़ रोकथाम को लेकर की जा रही तैयारियां लोगों को धरातल पर नजर आनी चाहिए और वे स्वयं 13 जून को तैयारियों का जायजा लेंगे।

बैठक में मुख्य सचिव श्री टीवीएसएन प्रसाद, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, प्रधान सचिव श्री वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री के सलाहकार (सिंचाई) श्री देवेंद्र सिंह, सलाहकार श्री बी बी भारती, विभाग के तीनों अभियंता प्रमुख, सर्कल अभियंता व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

रोहतक जोन की उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच की कार्यवाही 13 जून को

उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) ने उपभोक्ताओं के लिए विश्वसनीय, अच्छी वोल्टेज और निर्बाध बिजली की आपूर्ति के लिए समर्पित की है। ‘पूर्ण उपभोक्ता संतुष्टि’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उन्होंने अनेक महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों की शुरुआत की है। इसके माध्यम से उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान तेजी से हो सके।

बिजली निगम के प्रवक्ता ने बताया कि जोनल उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच रेगुलेशन 2.8.2 के अनुसार हर मामले में एक लाख रुपये से अधिक और तीन लाख रुपये तक की राशि के वित्तीय विवादों से संबंधित शिकायतों की सुनवाई की जाएगी। इसका प्रारंभिक चरण 13 जून को 33 केवी, पावर हाउस लघु सचिवालय सेक्टर-6, पानीपत में होगा।

उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान करने के लिए इस मंच पर रोहतक जोन के अंतर्गत करनाल, पानीपत, सोनीपत, झज्जर और रोहतक जिलों के उपभोक्ताओं की शिकायतों का निपटान किया जाएगा।

इसके अलावा, रोहतक जोन के उपभोक्ताओं के गलत बिलों, बिजली की दरों, मीटर सिक्योरिटी, खराब हुए मीटरों, और वोल्टेज से संबंधित मामलों का समाधान भी होगा।

औद्योगिक इकाइयों में बॉयलर समेत अन्य उपकरणों के सुरक्षा मानदंडों को करें सुनिश्चित

हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य और श्रम मंत्री मूल चंद शर्मा ने उद्योगिक इकाइयों में बॉयलर समेत अन्य उपकरणों के सुरक्षा मानदंडों को गंभीरता से सुनिश्चित करने के लिए सख्त निर्देश दिए।

उन्होंने उद्योग और श्रम विभाग के अधिकारियों को आवाजाही किया कि सुरक्षा मानदंडों का पालन निगरानी में किया जाए, ताकि किसी भी जान-माल के नुकसान से बचा जा सके।

इंडस्ट्रियल एस्टेट में जन सुविधाओं पर जोर

मंत्री ने इंडस्ट्रियल एस्टेट में जन सुविधाओं के महत्व पर भी दिया जोर। उन्होंने अधिकारियों को सलाह दी कि इंफ्रास्ट्रक्चर कार्यों को दुरुस्त रखा जाए और नए कार्यों को तेजी से पूरा किया जाए।

केएमपी पर उतार-चढ़ाव जंक्शनों की मरम्मत हो सुनिश्चित

श्री मूल चंद शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि केएमपी एक्सप्रेस-वे पर टोल कलेक्शन के कार्य को जल्द से जल्द अंतिम रूप दिया जाए और उतार-चढ़ाव जंक्शनों की मरम्मत सुनिश्चित की जाए।

नए उद्योगों को प्रोत्साहन

उद्योग मंत्री ने बताया कि हरियाणा सरकार विभिन्न प्रोत्साहन नीतियों के तहत नए उद्योगों को समर्थन दे रही है। इस अहम बैठक में उपस्थित थे उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के मुख्य सचिव श्री अरूण कुमार गुप्ता, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक सी.जी. रजनीकांथन, हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री सुशील सारवान सहित अन्य अधिकारी।

प्रदेश सरकार की योजनाएं गरीब परिवार के जीवन में भर रही खुशियां – ऊर्जा मंत्री

सिरसा में आयोजित कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री चौधरी रणजीत सिंह ने कहा कि हर परिवार का सपना होता है कि उसका अपना घर हो। लेकिन गरीब परिवार के लिए मकान बनाने का कार्य बड़ा मुश्किल होता है। प्रदेश सरकार ने गरीब परिवारों की इस चिंता को समझा और महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत पात्र परिवारों को 100-100 वर्ग गज के प्लाट देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। यह योजना गरीब परिवारों में खुशियां भरने का काम किया है।

हरियाणा के ऊर्जा मंत्री चौधरी रणजीत सिंह आज सिरसा में महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित लाभार्थियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने योजना के तहत लाभार्थियों को 100-100 वर्ग गज के प्लाट कब्जा आवंटन पत्र वितरित किए।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह प्रदेश की जनकल्याणकारी योजनाओं को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना गरीब परिवारों के हित के लिए बेहतर योजना है। उन्होंने कहा कि जिला में 756 परिवारों को इस योजना के तहत प्लॉट कब्जा आवंटन पत्र दिये गये है। उन्होंने गरीब पात्र परिवारों को प्लाट आवंटन के लिये मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया और लाभार्थियों को शुभकामनाएं दी। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि जो परिवार योजना से वंचित रह गए, उन्हें भी योजना से जोड़ा जाएगा।

VITAMIN B12 की कमी के कारण और उपचार

VITAMIN B12 : आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी मे इंसान पैसा कमाने के चक्कर मे अपनी सेहत से खिलवाड़ कर रहा है

अक्सर लोग प्राकृतिक चीज़ो से हटकर बाज़ारी चीज़ो का ज्यादा सेवन कर रहे है

जिससे खासकर VITAMIN B12 की कमी काफी घातक हो सकती है ।

VITAMIN B12 की कमी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है,

खासकर बुज़ुर्गों, शाकाहारियों और कुछ चिकित्सा स्थितियों वाले लोगों में।

आये जानिए VITAMIN B12 की कमी के कारण-

VITAMIN B12 की कमी के कारण विभिन्न न्यूरोलॉजिकल लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं,

हाथ-पैरों में सुन्नता और झुनझुनी, मांसपेशियों में कमजोरी, भ्रम, धुंधली दृष्टि, समन्वय की हानि, चिड़चिड़ापन, चलते समय असंतुलन और अवसाद।

इन लक्षणों का सही समय पर उपचार न किया जाए तो यह स्थिति गंभीर हो सकती है,

और इसका इलाज समय पर शुरू करना बहुत महत्वपूर्ण है।

VITAMIN B12 की कमी का उपचार

विटामिन बी 12 की कमी के उपचार के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं: आये जानिए

B12 इंजेक्शन: विटामिन बी 12 की कमी को सुधारने के लिए सबसे प्रभावी उपचार B12 के इंजेक्शन हैं।

शुरूआत में, ये इंजेक्शन आमतौर पर हर हफ्ते दिए जाते हैं और फिर मासिक आधार पर जारी रहते हैं।

इंजेक्शन के द्वारा VITAMIN B12 का सीधा रक्त में प्रवेश होता है, जिससे कमी को जल्दी ठीक किया जा सकता है।

मौखिक सप्लीमेंट्स:

इंजेक्शन के बाद, मौखिक B12 सप्लीमेंट्स का उपयोग किया जा सकता है।

ये गोलियों या कैप्सूल के रूप में होते हैं

और विटामिन बी 12 की कमी को पूरा करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, कुछ लोगों के लिए,

जिनका शरीर विटामिन बी 12को अच्छी तरह से अवशोषित नहीं कर पाता, मौखिक सप्लीमेंट्स कम प्रभावी हो सकते हैं।

अवशोषण की समस्याओं का इलाज: यदि विटामिन बी 12 को अवशोषित करने में समस्या है,

जैसे कि आंतरिक फैक्टर की कमी या अन्य जठरांत्र समस्याएँ, तो इन अंतर्निहित स्थितियों का इलाज भी आवश्यक है।

इसके लिए डॉक्टर आवश्यक परीक्षण और इलाज का सुझाव देंगे।

आहार में बदलाव:

आहार में VITAMIN B12 युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करना भी महत्वपूर्ण है।

मांस, मछली, डेयरी उत्पाद और फोर्टिफाइड अनाज VITAMIN B12 के अच्छे स्रोत हैं।

शाकाहारी लोग जो इन खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करते, उन्हें विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है

और फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ या सप्लीमेंट्स का सेवन करना चाहिए।

समय की आवश्यकता:

VITAMIN B12 की कमी से होने वाले न्यूरोलॉजिकल लक्षणों का इलाज शुरू करने के बाद पूरी तरह से ठीक होने में समय लग सकता है।

आमतौर पर, उपचार शुरू करने के बाद छह से बारह महीने तक का समय लग सकता है,

लेकिन ठीक होने की अवधि व्यक्ति की कमी की गंभीरता और उसके पहले के स्वास्थ्य पर निर्भर करती है।

इससे न केवल न्यूरोलॉजिकल लक्षणों में सुधार होता है बल्कि मरीज का समग्र स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।

समय पर इलाज और उचित आहार के साथ, B12 की कमी को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है।

Exit mobile version