हरियाणा के सिंचाई एवं जल संसाधन राज्य मंत्री, डॉ. अभय सिंह यादव ने कहा कि हरियाणा, दिल्ली को पूरा पानी दे रहा है, बल्कि जितना उनके पानी का हक है उससे अधिक पानी उन्हें दिया जा रहा है। हरियाणा सरकार ने ना कभी पहले पानी देने में कोताही की है और ना आगे कोई कोताही करेंगे।
डॉ. अभय सिंह यादव ने कहा कि हम जागरूक हैं कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी में किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न फैले, हमारी कोशिश यही रहती है कि दिल्ली को पूरा पानी दिया जाए। दिल्ली पानी का कैसे इस्तेमाल करता है उसकी मैनेजमेंट कैसे करते हैं, वह उनकी जिम्मेवारी है। प्रदेश द्वारा पूरा पानी देने के बाद भी उन्हें (दिल्ली) पानी की कमी रहती है, तो वे अपने मैनेजमेंट को देखें कि कहां पर कमी है।
राज्य मंत्री ने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय ने जो आदेश दिया था कि यमुना नदी बोर्ड, हिमाचल से आने वाले पानी का सत्यापन करेगा। लेकिन हिमाचल से पानी आया ही नहीं है, तो उसका सत्यापन नहीं हुआ है। अगर हिमाचल प्रदेश से हरियाणा को पानी आता, तो हम तुरंत उस पानी को दिल्ली को भेज देते।
डॉ. अभय सिंह यादव ने कहा कि हम पानी के विषय को समग्र रूप से देखते हैं। उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2002 में स्पष्ट आदेश दिए थे कि एसवाईएल नहर बने और इसका पानी हरियाणा को मिले, लेकिन उच्चतम न्यायालय के आदेश के बावजूद आज तक भी उस फैसले पर अमल नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि एसवाईएल का मुद्दा महत्वपूर्ण है, एसवाईएल नहर बनना हरियाणा के लिए ना केवल राजनीतिक मुद्दा है बल्कि हरियाणा प्रदेश की जीवन रेखा से जुड़ा हुआ है और इसको बनवाने का प्रयास जारी रखेंगे। पंजाब सरकार उच्चतम न्यायालय के स्पष्ट आदेश के बावजूद भी एसवाईएल का निर्माण नहीं होने दे रही है और दिल्ली की सरकार को हम पूरा पानी दे रहे हैं, तो हमारे से और पानी की डिमांड भी करते हैं।
डॉ. अभय सिंह यादव ने कहा कि दिल्ली के पानी का जो आंतरिक वितरण है, उसमें उन्हें सुधार करने की जरूरत है। बिजली और पानी के मामले में जब तक लगातार उसके आधारभूत ढांचे में सुधार नहीं करेंगे, तो व्यवस्था और खराब हो सकती है। उन्होंने कहा कि दूसरों पर आरोप लगाना बहुत आसान है, आरोप ठीक है या गलत है, उसका फैसला कोर्ट करेगा।