पुलिस महानिदेशक ने सीसीटीएनएस तथा आईसीजेएस प्रणाली को लेकर स्टेट एंपावर्ड कमेटी के सदस्यों के साथ की समीक्षा बैठक

हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने सीसीटीएनएस तथा आईसीजेएस प्रणाली को लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। विभिन्न तकनीकी पहलों के बारे में विचार-विमर्श किया गया।

नए कानूनों के अनुसार केस डायरी मॉड्यूल में किए गए बदलाव ताकि डिजिटल साक्ष्यों को रखा जा सके सुरक्षित। इसके साथ ही, नेटवर्किंग सिस्टम को और अधिक सुदृढ़ और प्रभावी बनाने के लिए विचार-विमर्श किया गया।

बैठक में सीसीटीएनएस तथा आईसीजेएस परियोजना के तहत तैयार किए गए स्टेट एक्शन प्लान में नेटवर्क सिस्टम को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा की गई। इसके साथ ही, नए तकनीकी बदलावों के बारे में पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।

अधिकारियों ने बैठक में नए कानूनों के अनुसार सीसीटीएनएस सिस्टम में बदलाव करके केस डायरी माड्यूल पर काम करने के निर्देश दिए। इससे डिजिटल साक्ष्यों को सुरक्षित रखा जा सकेगा और अपराधियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया में सुधार होगा।

हरियाणा के मुख्य सचिव ने ग्रुप-सी और डी पदों के लिए दिए मांग प्रस्तुत करने के निर्देश

हरियाणा के मुख्य सचिव श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने सभी विभागाध्यक्षों, बोर्डों और निगमों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने विभागों या संगठनों में ग्रुप-सी और डी के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के समक्ष मांग अपलोड व प्रस्तुत करें। इस प्रक्रिया के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया गया है जिस पर मांग अपलोड की जाएगी।

हरियाणा के मुख्य सचिव श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने सभी विभागाध्यक्षों, बोर्डों और निगमों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने विभागों या संगठनों में ग्रुप-सी और डी के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के समक्ष मांग अपलोड व प्रस्तुत करें। इस प्रक्रिया के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया गया है जिस पर मांग अपलोड की जाएगी।

आतिथ्य सुविधाओं के लिए हरियाणा लागू करेगा स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग सिस्टम

हरियाणा के मुख्य सचिव श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने बताया कि राज्य सरकार ने आतिथ्य सुविधाओं के लिए स्वैच्छिक आधार पर स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग सिस्टम लागू करने का निर्णय लिया है। यह प्रणाली उन्हें “सुरक्षित तौर पर प्रबंधित स्वच्छता” को बढ़ावा देने वाली प्रथाओं का पालन करने और स्टार-रेटिंग प्रणाली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी। इसके लक्ष्य समूह में सभी तरह की सार्वजनिक और निजी पर्यटक सुविधाएं शामिल हैं, जिसमें होटल, होम स्टे, धर्मशालाएं, लॉन्ज, पोर्टेबल शौचालय सुविधाएं या ट्रैकिंग समूह सहित शिविर भी शामिल हैं।

उन्होंने इस अधिकार का वर्णन करते हुए कहा कि स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग प्रणाली ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) प्लस का दर्जा प्राप्त करने के साथ-साथ स्वच्छता और सफाई के प्रोत्साहक के रूप में आतिथ्य संस्थाओं के लिए एक सकारात्मक छवि और ब्रांडिंग बनाने के लिए डिजाइन की गई है।

उन्होंने जानकारी दी कि सार्वजनिक और निजी पर्यटक सुविधाओं में आम जनता, विशेषकर पर्यटकों के लिए साफ-सफाई सुनिश्चित करने के लिए सड़क के साथ लगती सुविधाओं और सड़क के साथ अपशिष्ट निपटान के निर्माण के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा।

अधिकारी ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए प्रत्येक जिले में एक ढाबा और एक पेट्रोल पंप को पायलट आधार पर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि युवाओं को विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के माध्यम से स्वच्छता ग्रीन लीफ कार्यकर्ता के रूप में प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग प्रणाली के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने के लिए, एक त्रि-स्तरीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति, उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति और एस.डी.एम. की अध्यक्षता वाली सत्यापन उप-समिति शामिल हैं।

उपाध्यक्ष डॉ. अमित अग्रवाल ने बताया कि केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा पर्यटन मंत्रालय के साथ मिलकर देश की आतिथ्य सुविधाओं में स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग प्रणाली शुरू की गई है।

इस प्रणाली के तहत, सभी सार्वजनिक शौचालयों की मैपिंग की जाएगी ताकि लोगों को इस सुविधा का उपयोग करने में आसानी हो।

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि आतिथ्य सुविधा को रैंकिंग देने के लिए तीन केंद्रित थीम हैं, जिनमें सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, फेकल स्लज मैनेजमेंट (मानव मल का प्रबंधन) और ग्रे वाटर मैनेजमेंट शामिल हैं। बैठक में धरोहर एवं पर्यटन विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती कला रामचंद्रन, ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक श्री जय कृष्ण अभीर तथा पर्यटन विभाग के निदेशक श्री प्रभजोत सिंह समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन मुद्दों को हल करने के लिए शुरू किया ‘स्वीप’ कार्यक्रम

हरियाणा के मुख्य सचिव श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने गुरुग्राम में अपशिष्ट प्रबंधन की समस्याओं को हल करने के लिए ‘स्वीप’ कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य अपशिष्ट संग्रह, पृथक्करण, परिवहन, प्रसंस्करण और निपटान के लिए गुरुग्राम में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को सुनिश्चित करना है।

गुरुग्राम में बढ़ते अपशिष्ट के चिंताजनक स्तर को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा-22 के तहत गुरुग्राम में पालिका ठोस अपशिष्ट की नितांत आवश्यकता घोषित की है।

‘स्वीप’ कार्यक्रम के अंतर्गत गुरुग्राम में अपशिष्ट प्रबंधन को दुरुस्त करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। इस समिति के तहत 35 वार्डों में अपशिष्ट संग्रह, पृथक्करण, परिवहन, प्रसंस्करण और निपटान के लिए तीन स्तरीय प्रणाली को लागू किया जा रहा है।

इस कार्यक्रम में सक्रिय निगरानी, एक 24X7 नियंत्रण कक्ष, अपशिष्ट ट्रैकिंग के लिए जीआईएस-आधारित मानचित्र, और एक मजबूत शिकायत निवारण तंत्र शामिल हैं।

यह कार्यक्रम हरियाणा सरकार के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है जो पर्यावरण संरक्षण और सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

हरियाणा मुख्यमंत्री ने दी प्रदेश में 976 खेल नर्सरियों की मंजूरी

हरियाणा के मुख्यमंत्री ने आज वित्त वर्ष 2024-25 के लिए प्रदेश में 976 खेल नर्सरियों को मंजूरी प्रदान की है। इनमें सरकारी स्कूलों, ग्राम पंचायतों, निजी संस्थानों, और निजी स्कूलों को आवंटित किया गया है। ये नर्सरियां प्रदेश के सभी जिलों में आवंटित की गई हैं, जहां खिलाड़ियों को पारंगत किया जाएगा।

हरियाणा के खेल राज्य मंत्री ने इसे खेलों की बढ़ावा देने का एक और कदम बताया। इस साल से खेल नर्सरियों की संख्या 1500 तक बढ़ाई गई है, जो कि पिछले वर्ष से अधिक है।

खेल नर्सरियों के आवंटन में विभिन्न खेलों को शामिल किया गया है, जिससे खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारा जा सके। इसके साथ ही, सरकारी और निजी संस्थानों में खेल नर्सरियों की मंजूरी देने के बाद, अब औद्योगिक घराने भी इसमें शामिल हो रहे हैं।

खेल नर्सरियों की योजना के तहत, इच्छुक स्कूलों/संस्थानों को खेल नर्सरी के लिए सरकार हर साल आवेदन आमंत्रित करती है। ये खेल नर्सरियां विभिन्न खेलों की अच्छी प्रशिक्षण सुविधा प्रदान करती हैं, जो खिलाड़ियों को उनकी प्रतिभा को बढ़ावा देने में मदद करती हैं।

हरियाणा में अब विवाह पंजीकरण करवाना हुआ आसान

हरियाणा सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना के अनुसार, अब हरियाणा में विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में सिटी मजिस्ट्रेट (सीटीएम), तहसीलदार, नायब तहसीलदार, और खंड विकास पंचायत अधिकारी (बीडीपीओ) सहित ग्राम सचिव को मैरिज रजिस्ट्रार के रूप में नामित किया गया है।

नागरिक संसाधन सूचना विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि अब विवाह पंजीकरण करवाने वाले लोग लोकल स्तर पर अपनी सुविधा के अनुसार ग्राम सचिव से लेकर बीडीपीओ, नायब तहसीलदार, तहसीलदार, और सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मैरिज रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।

यह प्रक्रिया पहले के मुकाबले बहुत ही सरल हो गई है और अब नागरिक अपने विवाह को घर के नजदीक उक्त अधिकारियों के माध्यम से सरकारी कार्यालय में पंजीकृत करवा सकते हैं।

विवाह पंजीकरण पोर्टल पर 2.45 लाख से अधिक शादियां पंजीकृत

विवाह पंजीकरण पोर्टल https://shaadi.edisha.gov.in/ पर अब तक 2.45 लाख से अधिक शादियां पंजीकृत की गई हैं। इसमें दिसंबर 2020 से अप्रैल 2021 तक 12,416, वर्ष 2021-22 में 56,133, वर्ष 2022-23 में 67,604, वर्ष 2023-24 में 83,331 और अप्रैल 2024 से 10 जून तक 26,419 विवाह शामिल हैं।

इस प्रकार, हरियाणा सरकार ने सुशासन पहल के तहत विवाह पंजीकरण को बेहद सरल और सुविधाजनक बनाया है।

हरियाणा द्वारा दिल्ली को पूरा पानी दिया जा रहा है – डॉ. अभय सिंह यादव

हरियाणा के सिंचाई एवं जल संसाधन राज्य मंत्री, डॉ. अभय सिंह यादव ने कहा कि हरियाणा, दिल्ली को पूरा पानी दे रहा है, बल्कि जितना उनके पानी का हक है उससे अधिक पानी उन्हें दिया जा रहा है। हरियाणा सरकार ने ना कभी पहले पानी देने में कोताही की है और ना आगे कोई कोताही करेंगे।

डॉ. अभय सिंह यादव ने कहा कि हम जागरूक हैं कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी में किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न फैले, हमारी कोशिश यही रहती है कि दिल्ली को पूरा पानी दिया जाए। दिल्ली पानी का कैसे इस्तेमाल करता है उसकी मैनेजमेंट कैसे करते हैं, वह उनकी जिम्मेवारी है। प्रदेश द्वारा पूरा पानी देने के बाद भी उन्हें (दिल्ली) पानी की कमी रहती है, तो वे अपने मैनेजमेंट को देखें कि कहां पर कमी है।

राज्य मंत्री ने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय ने जो आदेश दिया था कि यमुना नदी बोर्ड, हिमाचल से आने वाले पानी का सत्यापन करेगा। लेकिन हिमाचल से पानी आया ही नहीं है, तो उसका सत्यापन नहीं हुआ है। अगर हिमाचल प्रदेश से हरियाणा को पानी आता, तो हम तुरंत उस पानी को दिल्ली को भेज देते।

डॉ. अभय सिंह यादव ने कहा कि हम पानी के विषय को समग्र रूप से देखते हैं। उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2002 में स्पष्ट आदेश दिए थे कि एसवाईएल नहर बने और इसका पानी हरियाणा को मिले, लेकिन उच्चतम न्यायालय के आदेश के बावजूद आज तक भी उस फैसले पर अमल नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा कि एसवाईएल का मुद्दा महत्वपूर्ण है, एसवाईएल नहर बनना हरियाणा के लिए ना केवल राजनीतिक मुद्दा है बल्कि हरियाणा प्रदेश की जीवन रेखा से जुड़ा हुआ है और इसको बनवाने का प्रयास जारी रखेंगे। पंजाब सरकार उच्चतम न्यायालय के स्पष्ट आदेश के बावजूद भी एसवाईएल का निर्माण नहीं होने दे रही है और दिल्ली की सरकार को हम पूरा पानी दे रहे हैं, तो हमारे से और पानी की डिमांड भी करते हैं।

डॉ. अभय सिंह यादव ने कहा कि दिल्ली के पानी का जो आंतरिक वितरण है, उसमें उन्हें सुधार करने की जरूरत है। बिजली और पानी के मामले में जब तक लगातार उसके आधारभूत ढांचे में सुधार नहीं करेंगे, तो व्यवस्था और खराब हो सकती है। उन्होंने कहा कि दूसरों पर आरोप लगाना बहुत आसान है, आरोप ठीक है या गलत है, उसका फैसला कोर्ट करेगा।

हरियाणा उड्डयन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता करेंगे हिसार में विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन

नागरिक उड्डयन मंत्री, डॉ. कमल गुप्ता ने बताया कि हरियाणा सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप हिसार में एयरपोर्ट सहित विभिन्न परियोजनाओं का उदघाटन और शिलान्यास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह महाराजा 20 जून को हिसार एयरपोर्ट के फेज-2 के विभिन्न सिविल कार्यों का लोकार्पण करेंगे।

आज डॉ. कमल गुप्ता ने हिसार एयरपोर्ट और सिविल एन्क्लेव अम्बाला के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने अधिकारियों को समझाया कि कार्य को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न स्थानीय समूहों के साथ मिलकर काम किया जाए।

बैठक में बताया गया कि हिसार एयरपोर्ट से जुड़े प्रोजेक्ट का कार्य पूरा हो चुका है। हरियाणा एयरपोर्ट डेवलपमेंट कारपोरेशन का कार्यालय एटीसी टावर में तैयार हो गया है। महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट पर रनवे, कैटआई, एटीसी, जीएससी एरिया, पीटीटी, लिंक टैक्सी, एप्रेन, फ्यूल रूम, बेसिक स्पिट पैरामीटर रोड और बरसाती ड्रोन बनाने का कार्य लगभग पूरा हो गया है।

बैठक में नागरिक उड्डयन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल, एडवाइजर श्री शेखर विद्यार्थी, एयरफोर्स अम्बाला, नागरिक उड्डयन विभाग तथा एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

हरियाणा सरकार ने बनाई अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में जिला स्तर पर योग कार्यक्रमों की योजना

हरियाणा के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान मंत्री, डॉ. कमल गुप्ता, ने योग के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि योग साधना से मन, शरीर और बुद्धि का संयोजन होता है, जिससे जीवन में उमंग और उत्साह आता है।

डॉ. गुप्ता ने बताया कि हरियाणा सरकार ने 21 जून, 2024 को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर सभी जिलों में योग कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, प्रतिभागियों को योग प्रशिक्षण के लिए भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में सरकारी अधिकारी, पुलिस अधिकारी, नेहरू युवा केन्द्र स्टाफ और जनता को योग प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण योग विशेषज्ञों द्वारा दिया जाएगा।

उन्होंने इसके साथ ही बताया कि मुख्य कार्यक्रम के लिए पायलट रिहर्सल भी होगा, जिसमें विभिन्न स्थानीय समूह भाग लेंगे। योग मैराथन भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें विभिन्न स्कूली समूह शामिल होंगे।

बैठक में स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ ही हरियाणा योग आयोग के चेयरमैन डॉ. जयदीप आर्य और अन्य भी उपस्थित थे।

अध्यापकों की जायज़ मांगों को पूरा किया जाएगा : हरियाणा शिक्षा मंत्री

हरियाणा  प्रदेश के सरकारी स्कूलों के अध्यापकों की जायज मांगों को पूरा किया जाएगा ताकि अध्यापक मन लगाकर बच्चों को पढ़ा सकें। राज्य की शिक्षा मंत्री श्रीमती सीमा त्रिखा ने यह आश्वासन अपने कार्यालय में उनसे मिलने आए अध्यापक प्रतिनिधियों को दिया।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि वे खुद एक शिक्षक रही हैं, इसलिए उनको भली-भांति पता है समाज सुधार में एक शिक्षक का कितना महत्व होता है। अध्यापक स्कूल में बच्चों को पाठ्यक्रम की पढाई तो करवाते ही हैं, साथ ही वे संस्कारों की शिक्षा देने में भी महती भूमिका निभाते हैं। उन्होंने राज्य भर से आए अध्यापकों की विभिन्न यूनियन के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और बड़े ध्यान से उनकी मांगों के बारे में सुनवाई की।

शिक्षा मंत्री श्रीमती सीमा त्रिखा ने कहा कि वे विभाग से इन मांगों के बारे में अध्ययन करवाएंगी, नियमों के अनुसार तथा जायज मिलने वाली सभी मांगों को पूरा करने प्रयास किया जाएगा।

शिक्षा मंत्री से मिलने वाली अध्यापक यूनियनों में लेक्चरर वेलफेयर एसोसिएशन, एजुसेट चौकीदार एंड पार्ट टाइम एम्प्लॉई संघ, हरियाणा प्राइमरी टीचर एसोसिएशन,आरोही मॉडल स्टॉफ एसोसिएशन, हरियाणा कौशल अध्यापक एसोसिएशन, हरियाणा राजकीय संस्कृत टीचर संघ, हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन, गेस्ट अध्यापक संघर्ष समिति, स्कूल कैडर लेक्चरर एसोसिएशन हरियाणा, आल हरियाणा गवर्नमेंट कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन, एक्सटेंशन लेक्चरर वेलफेयर एसोसिएशन, हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन तथा वोकेशनल टीचर एसोसिएशन के प्रतिनिधि शामिल थे।

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