प्लॉट रजिस्ट्री के लिए NOC की शर्त खत्म: Bhagwant Mann सरकार

Bhagwant Mann: पंजाब में एक ऐतिहासिक बिल ने हलचल मचा दी है, जिसे अब तक का सबसे बड़ा राहत पैकेज कहा जा रहा है। (NOC)

पंजाब अपार्टमेंट एंड प्रॉपर्टी रेगुलेशन (संशोधन) बिल, 2024 ने अवैध कॉलोनियों में प्लॉट खरीदने वालों को एक नई उम्मीद दी है।

Bhagwant Mann की जनकल्याण के प्रति अडिग प्रतिबद्धता

पंजाब के कैबिनेट मंत्री श्री अमन अरोड़ा ने इस बिल को मुख्यमंत्री श्री Bhagwant Mann की जनकल्याण के प्रति

अडिग प्रतिबद्धता और राज्य के रियल एस्टेट सेक्टर को पटरी पर लाने के लिए एक चमत्कारिक कदम बताया है।

श्री अमन अरोड़ा ने बयान देते हुए कहा कि इस बिल को लाने के लिए राज्य सरकार ने ढाई साल की अथक मेहनत की है,

और अब यह बिल अवैध कॉलोनियों में प्लॉट खरीदने वाले लोगों के लिए जीवनदायिनी साबित होने जा रहा है।

यह कदम न केवल उनकी समस्याओं का समाधान करेगा, बल्कि भविष्य में अवैध कॉलोनियों के निर्माण पर भी रोक लगाएगा।

मानो एक जादुई चिराग की तरह, यह बिल अवैध कॉलोनियों के दैत्य को समाप्त करने का वादा करता है।

अवैध कॉलोनियों को बढ़ावा देने वाली नीतियों

अमित अरोड़ा ने पूर्व सरकारों की अवैध कॉलोनियों को बढ़ावा देने वाली नीतियों की जमकर आलोचना की,

जिससे आज शहरों में झुग्गी बस्तियां और अवैध कॉलोनियों का जाल बिछ चुका है।

उन्होंने कहा, “पिछली सरकारों ने अवैध कॉलोनियों को प्रमोट किया,

जिससे पूरे राज्य में लगभग 14,000 अवैध कॉलोनियां बन गईं। यह बेशर्मी और लापरवाही का पराकाष्ठा है।

उनके द्वारा किए गए संशोधन केवल समस्याओं को बढ़ाने का काम करते रहे।”

नए बिल के तहत, जो व्यक्ति 500 गज तक के प्लॉटों के लिए 31 जुलाई, 2024 तक लिखित बयाना

(सेल एग्रीमेंट), मुख्तियारनामा (पावर ऑफ अटॉर्नी) और बैंक के माध्यम से लेन-देन कर चुके हैं,

Bhagwant Mann: बिना किसी आपत्ति प्रमाणपत्र NOC के रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे

वे इस साल 2 नवंबर तक बिना किसी आपत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) के रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।

यह आदेश जैसे उन लाखों लोगों के लिए एक चमकदार आशा की किरण है

जो वर्षों से अपनी समस्याओं का समाधान ढूंढ रहे थे।

विपक्ष की चिंताओं पर लगाम लगाते हुए, श्री अमन अरोड़ा ने जोर देकर कहा कि इस एक्ट का उद्देश्य अवैध कॉलोनियों को नियमित करना नहीं है।

बल्कि, यह एक्ट केवल 500 गज तक के प्लॉटों के रजिस्ट्रेशन पर केंद्रित है,

जिन्होंने 31 जुलाई, 2024 तक लेन-देन किया है। श्री अरोड़ा ने स्पष्ट किया कि इस बिल का उद्देश्य पिछली सरकारों की ‘खराब प्रथाओं’ का अंत करना है

और भविष्य में ऐसी समस्याओं को जन्म देने वाले तत्वों पर कड़ी निगरानी रखना है।

इस बिल के तहत, जिन्होंने समय पर बयाना या बैंक लेन-देन नहीं किया,

उनके प्लॉट इस एक्ट के दायरे में नहीं आएंगे। यह बिल एक ऐतिहासिक धारा की तरह राज्य के रियल एस्टेट क्षेत्र में

बदलाव लाएगा और अवैध कॉलोनियों के निर्माण पर पूरी तरह से रोक लगाएगा।

पंजाब सरकार ने इस महत्वपूर्ण कदम के माध्यम से यह स्पष्ट कर दिया है कि वे अवैध कॉलोनियों की समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।

इस नए बिल के साथ, पंजाब में रियल एस्टेट सेक्टर में एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है,

जो हरियाणा के निवासियों को एक नई और सुरक्षित राह प्रदान करेगा।

Assembly General Election 2024: नामांकन प्रक्रिया की पूरी तैयारियाँ

हरियाणा Assembly General Election 2024 की तैयारियों में तेजी आ गई है,

और जिला की दोनों विधानसभाओं के लिए नामांकन प्रक्रिया की तैयारियाँ पूरी हो गई हैं।

यह चुनावी प्रक्रिया लोकतंत्र के महापर्व का एक अहम हिस्सा है,

और इसके सफल आयोजन के लिए व्यापक योजनाएं बनाई गई हैं।

उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डा. यश गर्ग ने आज इस संदर्भ में महत्वपूर्ण जानकारी दी और

सभी संबंधित पक्षों को सूचित किया कि नामांकन प्रक्रिया 5 सितम्बर से शुरू हो जाएगी।

जिला की कालका और पंचकूला विधानसभाओं में नामांकन के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं।

कालका विधानसभा के प्रत्याशियों को नामांकन के लिए एसडीएम कार्यालय कालका में जाना होगा,

जबकि पंचकूला विधानसभा के प्रत्याशियों के लिए लघु सचिवालय पंचकूला स्थित एसडीएम कोर्ट रूम में नामांकन होगा।

इन दोनों स्थानों पर प्रत्याशी अपने नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं।

Assembly General Election 2024 की अधिसूचना जारी

डा. यश गर्ग ने बताया कि नामांकन की प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी को निश्चित किया गया है।

इसके साथ ही, नामांकन प्रक्रिया की रिहर्सल भी की गई है ताकि कोई भी तकनीकी या प्रशासनिक अड़चन न आए।

उन्होंने यह भी बताया कि 5 सितम्बर को हरियाणा विधानसभा आम चुनाव-2024 की अधिसूचना जारी होगी,

और इसके साथ ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

प्रत्याशियों को 12 सितम्बर तक किसी भी कार्यदिवस में सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक अपने नामांकन पत्र दाखिल करने की सुविधा होगी।

निर्धारित फार्मों के साथ कई दस्तावेज जमा करने होंगे

नामांकन के दौरान प्रत्याशियों को निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित फार्मों के साथ कई दस्तावेज जमा करने होंगे।

इसमें फार्म-2बी, फार्म-26 एफिडेविट, नया बैंक अकाउंट, तीन फोटो, वोट का ब्योरा और व्यक्तिगत जानकारी के दस्तावेज शामिल हैं।

इसके अतिरिक्त, प्रत्याशियों को जमानत राशि भी जमा करनी होगी। अनारक्षित सीटों के लिए जमानत राशि 10 हजार रुपये है,

जबकि अनुसूचित जाति या आरक्षित वर्ग के प्रत्याशियों के लिए यह राशि 5 हजार रुपये है।

जमानत राशि केवल चालान या नकद रूप में स्वीकार की जाएगी; अन्य किसी मोड से राशि स्वीकार नहीं की जाएगी।

जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि जिले की दोनों विधानसभाओं में कुल 4,33,369 वोटर हैं।

इनमें 2,27,053 पुरुष, 2,06,290 महिला और 26 थर्ड जेंडर वोटर शामिल हैं।

कालका विधानसभा में 2,00,297 वोटर हैं, जबकि पंचकूला विधानसभा में 2,33,072 वोटर हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा नये वोटर लिस्ट बनाने की प्रक्रिया जारी है और यह जल्द ही पूरी हो जाएगी।

डा. यश गर्ग ने सभी मतदाताओं से की अपील

इस अवसर पर, डा. यश गर्ग ने सभी मतदाताओं से अपील की है कि वे 5 अक्टूबर को मतदान केन्द्रों पर जाकर अपने मत का प्रयोग अवश्य करें।

यह एक महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक जिम्मेदारी है, और हर मतदाता को इसे निभाना चाहिए।

हरियाणा विधानसभा आम चुनाव-2024 की इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया को सफल और निष्पक्ष रूप से सम्पन्न कराने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि चुनाव प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की बाधा न आए, सभी अधिकारी तत्पर हैं और सभी आवश्यक तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं।

यह समय है जब हम सभी को मिलकर लोकतंत्र के इस महापर्व का उत्सव मनाना चाहिए और अपने लोकतांत्रिक अधिकार का सही ढंग से उपयोग करना चाहिए।

 

कृषि मंत्री Gurmeet Singh Khuddian की किसानों से मुलाकात

पंजाब के कृषि और किसान कल्याण मंत्री  Gurmeet Singh Khuddian ने मटका चौक पर एक बहुत  महत्वपूर्ण बैठक की।

इस बैठक का आयोजन बीकेयू (उगराहा) और पंजाब खेत मजदूर यूनियन  द्वारा किया गया था,  जिसमें कई किसान और उनके प्रतिनिधि शामिल हुए।

कृषि मंत्री ने इस अवसर पर किसानों से उनके मुद्दों और मांगों को सुना और राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी दी।

Gurmeet Singh Khuddian ने किसानों से उनके मांग पत्र

बैठक में, स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने किसानों से उनके मांग पत्र प्राप्त किए,

जिसमें कृषि क्षेत्र से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दे और समस्याएं शामिल थीं।

किसानों ने पानी की किल्लत, उचित मूल्य की कमी, और खेती के आधुनिक साधनों की आवश्यकता जैसे मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया।

मंत्री ने किसानों को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उनकी समस्याओं और मांगों को प्राथमिकता देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार किसानों के मुद्दों

मंत्री ने बैठक के दौरान बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार किसानों के मुद्दों को गंभीरता से ले रही है

और उनकी समस्याओं का समाधान निकालने के लिए कड़ी मेहनत करेगी।

स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि यह बैठक केवल एक शुरुआत है।

इसका उद्देश्य किसानों के मुद्दों को समझना और उनके समाधान के लिए एक स्पष्ट योजना बनाना है।

उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में, पंजाब सरकार किसानों की भलाई और खुशहाली को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता मानती है।

किसान हमारे समाज की नींव हैं, और उनकी समस्याओं का समाधान करना हमारी जिम्मेदारी है।”

उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार किसानों के साथ एक मजबूत और प्रभावी संवाद स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि यह बैठक सरकार और किसान समुदाय के बीच एक स्थायी संवाद की शुरुआत है।

उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसानों की समस्याओं का समाधान निकालने के लिए सरकार हर संभव प्रयास करेगी।

Gurmeet Singh Khuddian ने किसानों को दिया आश्वासन

स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने किसानों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं पर संवेदनशीलता और

सकारात्मक दृष्टिकोण से विचार किया जाएगा।

मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि पंजाब सरकार किसान समुदाय की समस्याओं को समझती है और

उन्हें सशक्त बनाने के लिए ठोस कदम उठाएगी।

उनका कहना था कि सरकार का लक्ष्य न केवल किसानों की समस्याओं को हल करना है,

बल्कि उन्हें एक उन्नत और समर्थ कृषि ढांचे के तहत सशक्त बनाना भी है।

गुरमीत सिंह खुड्डियां ने इस बात की पुष्टि

स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने इस बात की पुष्टि की कि पंजाब सरकार किसान समुदाय की मदद और

उनके सशक्तिकरण के प्रति पूरी तरह से समर्पित है।

उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेगी

ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके और उनका जीवन स्तर बेहतर हो सके।

इस बैठक ने यह स्पष्ट कर दिया कि पंजाब सरकार किसानों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेती है

और उनके मुद्दों को हल करने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए तैयार है।

यह बैठक किसानों और सरकार के बीच एक मजबूत और प्रभावी संबंध स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है,

और इससे उम्मीद है कि किसानों की समस्याओं का समाधान निकलेगा और उनका जीवन सुधार होगा।

Voter ID Card: 18 वर्ष के हुए? अभी जुड़वाएं वोटर लिस्ट में अपना नाम ..

Voter ID Card: उपायुक्त और जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. यश गर्ग ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है जो हर 18 वर्षीय युवा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

यदि आपने अभी हाल ही में 18 साल की उम्र पूरी की है और आपका नाम मतदाता सूची में दर्ज नहीं है,

तो यह आपके लिए सुनहरा अवसर है! आप आज, 2 सितंबर तक आवेदन कर सकते हैं

और अपने नाम को फोटोयुक्त मतदाता सूची में शामिल करा सकते हैं।

Voter ID Card: 27 अगस्त को मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन

डॉ. यश गर्ग ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग की हिदायतों के अनुसार,

मतदाता सूचियों के संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत दावे और आपत्तियों के निपटारे के बाद,

27 अगस्त को मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन कर दिया गया है। यह अंतिम प्रकाशन इस बात का संकेत है

कि अब समय आ गया है कि हर योग्य नागरिक अपनी मताधिकार की प्रक्रिया में शामिल हो जाए।

उन्होंने बताया किया कि निर्वाचन आयोग की हिदायतों के अनुसार,

नए पात्र व्यक्तियों के नाम मतदाता सूचियों में शामिल करने के लिए आवेदन आज 2 सितंबर तक स्वीकार किए जाएंगे।

यह तिथि हरियाणा विधानसभा आम चुनाव 2024 के नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि से 10 दिन पहले की है।

इस समय सीमा का पालन करके आप अपनी नागरिक जिम्मेदारियों को निभा सकते हैं

और लोकतंत्र के इस महत्वपूर्ण हिस्से में योगदान दे सकते हैं।

डॉ. यश गर्ग ने यह भी बताया कि जिला प्रशासन ने विभिन्न स्तरों पर काम करके यह सुनिश्चित किया है

कि हर पात्र व्यक्ति, विशेषकर युवा, अपने नाम मतदाता सूचियों में दर्ज करवा सकें। चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार,

लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए यह आवश्यक है कि हर व्यक्ति अपना वोट डाले और चुनाव प्रक्रिया में भाग ले।

Voter ID Card: हरियाणा विधानसभा के लिए आम चुनाव

हरियाणा विधानसभा के लिए आम चुनाव की अधिसूचना 5 सितंबर को जारी की जाएगी।

इसके साथ ही नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, जो 12 सितंबर 2024 तक चलेगी।

इच्छुक उम्मीदवार निर्धारित तिथि को सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक संबंधित रिटर्निंगअधिकारी के कार्यालय में जाकर अपने नामांकन पत्र जमा कर सकते हैं।

नामांकन पत्रों की जांच 13 सितंबर को की जाएगी, और उम्मीदवार 16 सितंबर तक अपने नामांकन पत्र वापस ले सकते हैं।

हरियाणा विधानसभा आम चुनाव 2024 के लिए मतदान 5 अक्टूबर को होगा,

और मतगणना के बाद 8 अक्टूबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे। पूरी चुनावी प्रक्रिया 10 अक्टूबर 2024 को समाप्त होगी।

इस समय सीमा के भीतर सभी चुनावी गतिविधियों को पूरा किया जाएगा,

जिससे जनता को उचित समय पर चुनावी प्रक्रिया की जानकारी मिल सके। इसके अतिरिक्त, डॉ. यश गर्ग ने एक महत्वपूर्ण बदलाव की जानकारी दी है

जो चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए लागू होगा।अब उम्मीदवारों को चुनावी नामांकन पत्र के साथ एक ही शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा,

जिसे नोटरी या एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के सामने शपथ लेनी होगी।

फॉर्म-26 में संशोधित शपथ पत्र शामिल

पहले दो शपथ पत्र प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती थी,

लेकिन अब एक ही फॉर्म-26 में संशोधित शपथ पत्र शामिल किया गया है।

इस शपथ पत्र में कोई भी कॉलम खाली छोड़ना अनुमेय नहीं है। यदि कोई कॉलम खाली छोड़ दिया जाता है,

तो नामांकन पत्र अस्वीकृत किया जा सकता है।

उम्मीदवारों को शपथ पत्र में आपराधिक पृष्ठभूमि, संपत्तियां, देनदारियां, शिक्षा आदि की पूरी जानकारी देनी होती है।

यह शपथ पत्र स्टैंप पेपर पर प्रस्तुत किया जाना होता है और इसमें किसी भी प्रकार की चूक की संभावना नहीं होनी चाहिए।

इस महत्वपूर्ण सूचना को ध्यान में रखते हुए,

सभी पात्र व्यक्तियों को अपने नाम को मतदाता सूची में शामिल कराने के लिए आज ही आवेदन करना चाहिए।

यह आपके लोकतांत्रिक अधिकार का हिस्सा है और इससे आप अपने देश के भविष्य को प्रभावित कर सकते हैं

Gurmeet Singh Khuddian: पंजाब में पशुओं की नस्ल सुधारने और दूध

Gurmeet Singh Khuddian: पंजाब के पशुपालन विभाग ने राज्य के डेयरी सेक्टर को एक नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए एक अभूतपूर्व योजना बनाई है।

विभाग ने राज्यभर में हर साल 30 लाख दुग्ध पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान का विशाल लक्ष्य निर्धारित किया है।

इसका उद्देश्य पशुओं की नस्ल में सुधार करके दूध उत्पादन को बढ़ाना और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना है।

Gurmeet Singh Khuddian ने कहा कि राज्य में पशुधन की नस्ल में सुधार

आज इस योजना की घोषणा करते हुए, पंजाब के पशुपालन, डेयरी विकास और मछली पालन मंत्री श्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि

राज्य में पशुधन की नस्ल में सुधार के लिए नाभा और रोपड़ में दो अत्याधुनिक सीमेन स्टेशन स्थापित किए गए हैं।

इन सीमेन स्टेशनों पर उच्च गुणवत्ता वाले वीर्य का उत्पादन किया जाएगा, जो पशुधन के आनुवंशिक गुणों को बेहतर बनाएगा।

नाभा के ए-ग्रेड सीमेन स्टेशन में कुल 93 सांड रखे गए हैं।

इनमें 60 मुर्रा नस्ल के, 10 नीली रावी नस्ल के, 7 होल्सटाइन फ्रीजियन (एच.एफ.), 4 एच.एफ. क्रॉस, 3 जर्सी और 9 साहिवाल नस्ल के सांड शामिल हैं।

इन सांडों के माध्यम से एक नई दिशा में बदलाव होगा, जिससे पशुधन की नस्ल में गुणात्मक सुधार होगा।

वहीं, रोपड़ के बी-ग्रेड सीमेन स्टेशन में 46 सांड रखे गए हैं,

जिनमें 26 मुर्रा नस्ल के, 8 नीली रावी नस्ल के, 4 होल्सटाइन फ्रीजियन (एच.एफ.), 1 एच.एफ. क्रॉस और 7 साहिवाल नस्ल के सांड शामिल हैं।

इन सांडों की मदद से भी नस्ल में सुधार होगा और दूध उत्पादन में वृद्धि होगी।

राज्य सरकार ने तीन विशेष परियोजनाएं शुरू

मंत्री श्री खुड्डियां ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने तीन विशेष परियोजनाएं शुरू की हैं:

नीली रावी के लिए पैडिग्री सिलेक्शन, मुर्रा के लिए प्रोजनी टेस्टिंग (पी.टी.), और साहिवाल के लिए भी प्रोजनी टेस्टिंग।

ये परियोजनाएं राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत चल रही हैं

और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एन.डी.डी.बी.) के माध्यम से संचालित की जा रही हैं।

इन परियोजनाओं का लक्ष्य मुर्रा, साहिवाल और नीली रावी नस्लों के आनुवंशिक गुणों में सुधार करना है।

पी.टी.-मुर्रा परियोजना पटियाला, बरनाला और संगरूर जिलों में लागू की गई है।

वहीं, पी.टी.-साहिवाल परियोजना श्री मुक्तसर साहिब और फाजिल्का जिलों में और पी.एस.-नीली रावी परियोजना अमृतसर,

तरनतारन और फिरोजपुर जिलों में लागू है।

इन परियोजनाओं में 2019 से लेकर 2026 तक कुल 57 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।

इनमें से 28.5 करोड़ रुपये पी.टी.-मुर्रा के लिए, 20.88 करोड़ रुपये पी.टी.-साहिवाल के लिए

और 7.55 करोड़ रुपये पी.एस.-नीली रावी परियोजना के लिए हैं।

अब तक इन परियोजनाओं के तहत कुल 25.8 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।

इनमें से 16.25 करोड़ रुपये पी.टी.-मुर्रा, 6.89 करोड़ रुपये पी.टी.-साहिवाल और 2.66 करोड़ रुपये पी.एस.-नीली रावी परियोजनाओं में लगाए गए हैं।

इस अवधि में 419 मुर्रा नस्ल, 194 साहिवाल नस्ल और 19 नीली रावी नस्ल के उच्च गुणवत्ता वाले बछड़े खरीदे गए हैं।

पशुपालन मंत्री ने इस योजना की सफलता

पशुपालन मंत्री ने इस योजना की सफलता पर जोर देते हुए कहा कि

यह न केवल पशुधन के आनुवंशिक गुणों को सुधारने में मदद करेगी,

बल्कि दूध उत्पादन और गुणवत्ता में भी सुधार लाएगी।

इससे किसानों की आय में भी वृद्धि होगी और पंजाब का डेयरी सेक्टर मजबूती के साथ नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगा।

पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. गुरशरनजीत सिंह बेदी ने भी कहा

कि विभाग ने एक मजबूत निगरानी और रिकॉर्डिंग प्रणाली स्थापित की है।

यह प्रणाली पंजाब को एक आदर्श डेयरी राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और किसानों की प्रगति सुनिश्चित करेगी।

VITAMIN B12 की कमी के कारण और उपचार

VITAMIN B12 : आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी मे इंसान पैसा कमाने के चक्कर मे अपनी सेहत से खिलवाड़ कर रहा है

अक्सर लोग प्राकृतिक चीज़ो से हटकर बाज़ारी चीज़ो का ज्यादा सेवन कर रहे है

जिससे खासकर VITAMIN B12 की कमी काफी घातक हो सकती है ।

VITAMIN B12 की कमी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है,

खासकर बुज़ुर्गों, शाकाहारियों और कुछ चिकित्सा स्थितियों वाले लोगों में।

आये जानिए VITAMIN B12 की कमी के कारण-

VITAMIN B12 की कमी के कारण विभिन्न न्यूरोलॉजिकल लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं,

हाथ-पैरों में सुन्नता और झुनझुनी, मांसपेशियों में कमजोरी, भ्रम, धुंधली दृष्टि, समन्वय की हानि, चिड़चिड़ापन, चलते समय असंतुलन और अवसाद।

इन लक्षणों का सही समय पर उपचार न किया जाए तो यह स्थिति गंभीर हो सकती है,

और इसका इलाज समय पर शुरू करना बहुत महत्वपूर्ण है।

VITAMIN B12 की कमी का उपचार

विटामिन बी 12 की कमी के उपचार के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं: आये जानिए

B12 इंजेक्शन: विटामिन बी 12 की कमी को सुधारने के लिए सबसे प्रभावी उपचार B12 के इंजेक्शन हैं।

शुरूआत में, ये इंजेक्शन आमतौर पर हर हफ्ते दिए जाते हैं और फिर मासिक आधार पर जारी रहते हैं।

इंजेक्शन के द्वारा VITAMIN B12 का सीधा रक्त में प्रवेश होता है, जिससे कमी को जल्दी ठीक किया जा सकता है।

मौखिक सप्लीमेंट्स:

इंजेक्शन के बाद, मौखिक B12 सप्लीमेंट्स का उपयोग किया जा सकता है।

ये गोलियों या कैप्सूल के रूप में होते हैं

और विटामिन बी 12 की कमी को पूरा करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, कुछ लोगों के लिए,

जिनका शरीर विटामिन बी 12को अच्छी तरह से अवशोषित नहीं कर पाता, मौखिक सप्लीमेंट्स कम प्रभावी हो सकते हैं।

अवशोषण की समस्याओं का इलाज: यदि विटामिन बी 12 को अवशोषित करने में समस्या है,

जैसे कि आंतरिक फैक्टर की कमी या अन्य जठरांत्र समस्याएँ, तो इन अंतर्निहित स्थितियों का इलाज भी आवश्यक है।

इसके लिए डॉक्टर आवश्यक परीक्षण और इलाज का सुझाव देंगे।

आहार में बदलाव:

आहार में VITAMIN B12 युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करना भी महत्वपूर्ण है।

मांस, मछली, डेयरी उत्पाद और फोर्टिफाइड अनाज VITAMIN B12 के अच्छे स्रोत हैं।

शाकाहारी लोग जो इन खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करते, उन्हें विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है

और फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ या सप्लीमेंट्स का सेवन करना चाहिए।

समय की आवश्यकता:

VITAMIN B12 की कमी से होने वाले न्यूरोलॉजिकल लक्षणों का इलाज शुरू करने के बाद पूरी तरह से ठीक होने में समय लग सकता है।

आमतौर पर, उपचार शुरू करने के बाद छह से बारह महीने तक का समय लग सकता है,

लेकिन ठीक होने की अवधि व्यक्ति की कमी की गंभीरता और उसके पहले के स्वास्थ्य पर निर्भर करती है।

इससे न केवल न्यूरोलॉजिकल लक्षणों में सुधार होता है बल्कि मरीज का समग्र स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।

समय पर इलाज और उचित आहार के साथ, B12 की कमी को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है।

Punjab Aerospace और रक्षा क्षेत्र के लिए नई कौशल विकास नीति

Punjab Aerospace और रक्षा क्षेत्र में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए एक नई और व्यापक नीति लाने का निर्णय लिया है।

इस पहल का उद्देश्य प्रदेश को रक्षा उद्योग में अग्रणी बनाना और दीर्घकालिक विकास और स्थिरता के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार करना है।

आज, सेंटर फॉर ट्रेनिंग एंड एम्प्लॉयमेंट ऑफ पंजाब यूथ (सी-पाइट) द्वारा एसोचैम उत्तरी क्षेत्र की सहायता से आयोजित

एक सम्मेलन में रोजगार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण मंत्री श्री अमन अरोड़ा ने इस नीति की जानकारी दी।

इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य एयरोस्पेस और डिफेंस, साथ ही एमएसएमई क्षेत्र के लिए कौशल विकास को लेकर विचार-विमर्श करना था।

Punjab Aerospace: श्री अमन अरोड़ा ने बताया

श्री अमन अरोड़ा ने बताया कि प्रमुख सचिव रोजगार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण श्रीमती जसप्रीत तलवार

और सी-पाइट के महानिदेशक मेजर जनरल रामबीर मान को एयरोस्पेस और

डिफेंस तथा एमएसएमई क्षेत्र में कौशल विकास की नीति तैयार करने के लिए सभी हितधारकों का एक समूह बनाने का निर्देश दिया है।

उन्होंने कहा कि एयरोस्पेस क्षेत्र में अधिकतर नौकरियां सिविल एविएशन, जनरल एविएशन, सैन्य विमान, मिसाइल,

संचार उपग्रह और सैन्य तथा वाणिज्यिक लॉन्च वाहनों में हैं।

राज्य सरकार की नीति इन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगी ताकि युवाओं के लिए अधिक रोजगार के अवसर प्रदान किए जा सकें।

Punjab Aerospace: पंजाब की रक्षा क्षेत्र में एक धनी विरासत

श्री अमन अरोड़ा ने उद्योगपतियों को इस क्षेत्र में प्रवेश करने का निमंत्रण दिया और बताया कि

पंजाब की रक्षा क्षेत्र में एक धनी विरासत है।

इसके साथ ही, पंजाब में औद्योगिक विकास के लिए एक मजबूत बुनियादी ढांचा उपलब्ध है,

जिसमें मोहाली और अमृतसर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, लुधियाना, बठिंडा और जालंधर में घरेलू हवाई अड्डे और

आदमपुर में एक प्रमुख वायु सेना अड्डा शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि पंजाब में उन्नत निर्माण, इंजीनियरिंग और स्थापित एविएशन क्लबों का भी समर्थन है।

श्री अमन अरोड़ा ने कहा कि कौशल विकास पंजाब की रक्षा क्षेत्र की क्षमता को उजागर करने के लिए महत्वपूर्ण है।

इस सम्मेलन से कौशल मंडल की पहचान करने और लक्षित प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित करने में मदद मिलेगी।

प्रमुख सचिव श्रीमती जसप्रीत तलवार ने उद्योग के नेताओं से अपील की कि वे इस क्षेत्र की आवश्यकताओं पर अपने विचार साझा करें।

उन्होंने कहा कि सरकार, शैक्षणिक संस्थानों और उद्योग के नेताओं के बीच सहयोग अत्यंत आवश्यक है ताकि उद्योग की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।

यह सहयोग ज्ञान और उभरते रुझानों के आदान-प्रदान में भी सहायक होगा।

श्रीमती अमृत सिंह ने राज्य सरकार के प्रयासों की दी जानकारी

उद्योगपतियों और विभिन्न प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए रोजगार सृजन निदेशक

श्रीमती अमृत सिंह ने राज्य सरकार के प्रयासों की जानकारी दी,

जो युवाओं को रोजगार के योग्य बनाने के लिए किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि

पंजाब में की जा रही शोध और विकास पहलें रक्षा तकनीकों के उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

इस मौके पर एडीजी आर्मी डिज़ाइन ब्यूरो मेजर जनरल सीएस मान,

चीफ नोडल ऑफिसर उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर मेजर जनरल आईएम लाम्बा (सेवानिवृत्त),

कल्याणी स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स लिमिटेड के अध्यक्ष श्री राजिंदर सिंह भाटिया, रीजनल हेड एनएसडीसी इंटरनेशनल श्री रजत भटनागर,

एसोचैम पंजाब के अध्यक्ष श्री अभि बंसल, और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार साझा किए।

Chhatrapati Shivaji Maharaj की मूर्ति के ढहने पर नई UPDATE

Chhatrapati Shivaji Maharaj : महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में 26 अगस्त को हुए एक विवादास्पद घटना ने पूरे राज्य में तूफान मचा दिया है।

फोर्ट राजकोट पर स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की भव्य मूर्ति अचानक ढह गई, जिससे पूरे इलाके में आक्रोश फैल गया।

इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को आहत किया,

बल्कि राज्य सरकार और विपक्ष के बीच तीखी राजनीति की शुरुआत कर दी है।

इस घटना के बाद, पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए नामित इंजीनियर चेतन पाटिल के खिलाफ FIR दर्ज की।

पाटिल ने दावा किया है कि उनका काम केवल मूर्ति के प्लेटफॉर्म का डिजाइन देना था,

मूर्ति से संबंधित काम एक थाणे की कंपनी ने किया था। पाटिल का कहना है कि उन्हें केवल प्लेटफॉर्म तक सीमित किया गया था,

और मूर्ति का निर्माण और स्थापना संबंधित कंपनी द्वारा किया गया था।

हालांकि, इस दावे के बावजूद, घटनास्थल पर हुए नुकसान को लेकर सवाल उठ रहे हैं और

कई राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे पर जोरदार प्रतिक्रिया दी है।

राज्य सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों ने मोर्चा खोल दिया है।

उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से इस्तीफा देने की मांग की है, यह कहते हुए कि

Chhatrapati Shivaji Maharaj के प्रति एक गंभीर अपमान

मूर्ति का ढहना 17वीं सदी के मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रति एक गंभीर अपमान है।

विपक्षी दलों का कहना है कि इस घटना ने न केवल छत्रपति शिवाजी महाराज की श्रद्धांजलि को प्रभावित किया है,

बल्कि यह राज्य सरकार की असमर्थता को भी उजागर करता है।

इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता K C Venugopal ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया है कि क्या वे इस घटना पर माफी मांगेंगे।

उन्होंने X पर एक ट्वीट करते हुए कहा, “सच्चे मोदी अंदाज में, प्राथमिकता 3 महीने के नोटिस पर जल्दबाजी में एक मूर्ति बनाने की थी,

ताकि चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री इसका उद्घाटन कर सकें। इतना ही नहीं, इस घटिया काम पर 236 करोड़ रुपये खर्च हुए!

क्या प्रधानमंत्री मोदी छत्रपति शिवाजी महाराज से अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को महाराज की विरासत से ऊपर रखने के लिए माफ़ी मांगेंगे?

क्या प्रधानमंत्री 2024 के चुनावों से पहले जल्दबाजी में किए गए उद्घाटनों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर सफाई देंगे?

प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा द्वारा चुनावी उद्देश्यों

प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा द्वारा चुनावी उद्देश्यों के लिए उद्घाटन किए गए सभी काम अब ढह रहे हैं।”

वहीं, कांग्रेस के जयराम रमेश ने X पर एक वीडियो साझा किया

जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू 1957 में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति का उद्घाटन करते हुए दिखाए गए हैं।

इस वीडियो के माध्यम से उन्होंने वर्तमान सरकार पर एक तीखा तंज कसा और यह दिखाया कि

कैसे तत्कालीन नेतृत्व ने भी शिवाजी महाराज की मूर्ति का उद्घाटन किया था, लेकिन आज के नेता इस पर नजरअंदाज कर रहे हैं।

इस मुद्दे ने केवल राजनीतिक गलियारों में हलचल नहीं मचाई है, बल्कि आम जनता में भी नाराजगी और असंतोष पैदा कर दिया है।

लोगों का कहना है कि इस घटना ने न केवल छत्रपति शिवाजी महाराज के सम्मान को ठेस पहुंचाई है,

बल्कि यह सरकारी ठेकेदारों और नेताओं की कार्यशैली की भी पोल खोल दी है।

इस पूरे मामले ने राज्य और केंद्र सरकार के बीच एक नई राजनीतिक लड़ाई को जन्म दे दिया है,

जिसमें आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है।

क्या यह विवाद सुलझेगा या यह एक नई राजनीतिक उथल-पुथल का रूप लेगा, यह देखने वाली बात होगी।

skill development camp: महिलाओं के लिए पंजाब में जॉब स्किल कैंप

skill development camp: अब महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए व्यापक जॉब स्किल कैंप शुरू होंगे!

पंजाब सरकार ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए एक ऐतिहासिक और दूरदर्शी कदम उठाया है।

राज्य सरकार ने फैसला किया है कि जल्द ही सभी जिलों में जॉब स्किल कैंप (skill development camp) शुरू किए जाएंगे,

जो महिलाओं के रोजगार और उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से होंगे।

यह पहल पंजाब की महिलाओं को नए अवसर प्रदान करने और उनके आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है।

मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने महिला एवं बाल विकास की दी  जानकारी

सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने इस पहल की जानकारी देते हुए बताया

कि 10 सितंबर को ज़िला श्री मुक्तसर साहिब में पहले कैंप की शुरुआत की जाएगी।

इस कैंप को लेकर खास तैयारियाँ की गई हैं और यह एक बड़ी शुरुआत का प्रतीक है। इ

स पहल का लक्ष्य महिलाओं को कौशल, प्रशिक्षण और संसाधनों से लैस करना है

ताकि वे विभिन्न क्षेत्रों में अपना करियर संवार सकें और आत्मनिर्भर बन सकें।

पंजाब सरकार महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने (skill development camp)

डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि पंजाब सरकार महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने और

उनके आर्थिक सशक्तिकरण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

इन जॉब स्किल कैंपों का उद्देश्य महिलाओं को रोजगार की नई संभावनाओं से परिचित कराना और उन्हें आवश्यक कौशल सिखाना है।

ये कैंप रोजगार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण विभाग के सहयोग से शैक्षणिक संस्थानों में आयोजित किए जाएंगे।

मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि इन कैंपों का मुख्य उद्देश्य लिंग आधारित असमानताओं को समाप्त करना,

महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार करना और उनमें आत्मविश्वास पैदा करना है। उन्होंने बताया कि

आज के समय में महिलाओं के कौशल को विकसित करना और उन्हें रोजगार के समान अवसर प्रदान करना अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है।

यह पहल महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने के सपने को साकार करने में सहायक होगी।

कैबिनेट मंत्री ने महिलाओं के सशक्तिकरण पर

कैबिनेट मंत्री ने महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए पंजाब सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दूरदर्शी नेतृत्व में राज्यभर में महिलाओं के समग्र विकास के लिए कई पहलें लागू की जा रही हैं।

इन जॉब स्किल कैंपों के माध्यम से सरकार का उद्देश्य न केवल महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना है,

बल्कि उनके आत्म-संवर्धन को भी बढ़ावा देना है।

इस पहल के तहत, महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में काम के लिए तैयार किया जाएगा,

जिससे वे रोजगार बाजार में प्रतिस्पर्धी बन सकें। यह कदम महिलाओं के लिए एक नई उम्मीद और अवसर लेकर आया है,

जो उन्हें अपने सपनों को पूरा करने में मदद करेगा और समाज में उनकी स्थिति को मजबूत करेगा।

पंजाब सरकार की यह पहल महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक बदलाव का संकेत है।

इस ऐतिहासिक पहल के साथ, पंजाब सरकार ने दिखाया है कि वह महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके समग्र विकास के प्रति कितनी गंभीर है।

इस पहल से न केवल महिलाओं की व्यक्तिगत और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा,

बल्कि समाज में समानता और न्याय की भावना को भी बढ़ावा मिलेगा।

J. P. Nadda के निवास पर पंजाब प्रतिनिधिमंडल की महत्वपूर्ण बैठक

भारतीय राजनीति और कृषि की दुनिया में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर, केंद्रीय फर्टिलाइजर्स मंत्री जेपी नड्डा (J. P. Nadda) के निवास पर पंजाब का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल जुटा।

इस प्रतिनिधिमंडल में पंजाब के सीनियर अधिकारी केएपी सिन्हा और जीएस ब्रार, जॉइंट डायरेक्टर (इनपुट्स) शामिल थे।

बैठक के दौरान पंजाब के किसानों की समस्याओं पर गंभीर चर्चा हुई और कुछ बेहद महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

इस बैठक का महत्व सिर्फ इस बात में नहीं है कि फर्टिलाइजर्स की आपूर्ति पर चर्चा हुई,

बल्कि इसमें पंजाब के कृषि क्षेत्र के भविष्य की दिशा तय की गई।

पंजाब, जिसे भारत का ‘खाद्य कटोरा’ भी कहा जाता है

पंजाब, जिसे भारत का ‘खाद्य कटोरा’ भी कहा जाता है, के किसानों को फर्टिलाइजर्स की अनुपलब्धता का सामना करना पड़ रहा था।

मंत्री J. P. Nadda ने  मुद्दे की गंभीरता को समझा

इस गंभीर स्थिति को देखते हुए केंद्रीय फर्टिलाइजर्स मंत्री जेपी नड्डा ने व्यक्तिगत रूप से इस मुद्दे की गंभीरता को समझा और एक प्रभावी समाधान की दिशा में कदम बढ़ाए।

बैठक में केंद्रीय फर्टिलाइजर्स सचिव राजत मिश्रा और डायरेक्टर मूवमेंट हरविंदर सिंह भी उपस्थित थे।

इन अधिकारियों की उपस्थिति ने बैठक की गंभीरता को और भी बढ़ा दिया। मंत्री नड्डा ने बैठक के दौरान जोर देकर कहा

कि पंजाब की स्थिति को पूरी गंभीरता से लिया जाएगा और किसानों की जरूरतों को प्राथमिकता दी जाएगी।

उन्होंने आश्वासन दिया कि अगले दो महीनों में डीएपी (डायअमोनियम फास्फेट) की भरपूर आपूर्ति की जाएगी,

जिससे किसानों को किसी भी प्रकार की कमी का सामना न करना पड़े।

 मंगलवार को  मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने केंद्रीय मंत्रीJ. P. Nadda से की थी बातचीत

इससे पहले, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा से टेलीफोन पर बातचीत की थी।

मुख्यमंत्री मान ने डीएपी की आपूर्ति को लेकर तत्काल कार्रवाई की अपील की थी,

जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल को केंद्रीय फर्टिलाइजर्स मंत्रालय में भेजा गया।

मुख्यमंत्री की यह पहल और उनकी सक्रियता ने इस मुद्दे की तात्कालिकता को स्पष्ट कर दिया

और सरकार को एक ठोस निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया।

केएपी सिन्हा और जीएस ब्रार ने सचिव फर्टिलाइजर्स से मिलकर

बुधवार को, केएपी सिन्हा और जीएस ब्रार ने सचिव फर्टिलाइजर्स से मिलकर सितंबर 2024 के लिए डीएपी की बढ़ी हुई आवंटन की मांग की।

उन्होंने जोर दिया कि पंजाब के कृषि क्षेत्र की स्थिरता और किसानों की भलाई के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।

उनकी इस अपील को गंभीरता से लिया गया और मंत्रालय ने जल्द ही इस पर निर्णय लेने का आश्वासन दिया।

इस बैठक ने पंजाब के किसानों के लिए एक नई उम्मीद का संचार किया है।

केंद्र सरकार की तत्परता और संजीवनी प्रयासों से किसानों को मिलने वाली राहत और कृषि क्षेत्र में स्थिरता की उम्मीद जगी है।

यह बैठक इस बात का स्पष्ट संकेत है कि जब मुद्दे गंभीर होते हैं और किसानों की भलाई की बात आती है,

तो सरकार पूरी सक्रियता और प्रतिबद्धता के साथ समाधान के लिए तत्पर रहती है।

कृषि क्षेत्र की समस्याओं का समाधान संभव

यह बैठक इस बात का उदाहरण है कि प्रभावी संवाद और त्वरित कार्रवाई से कृषि क्षेत्र की समस्याओं का समाधान संभव है।

इस बैठक ने साबित कर दिया कि सकारात्मक संवाद और त्वरित निर्णय लेने की प्रक्रिया से समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है।

इस मामले में भी, सरकार और किसानों के बीच सहयोग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाने में मदद की,

जिससे पंजाब के कृषि क्षेत्र को नया जीवन मिला और किसानों की समस्याओं का समाधान हुआ।

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