Industrial Area के व्यापारियों द्वारा आयोजित धरना आज उग्र हो गया,
जिससे पुलिस प्रशासन को वाटर कैनन और बैरिकेड्स लगाने पड़े।
धरना इतना बढ़ गया कि ट्रिब्यून चौक को जाम करने की नौबत आ गई,
जिससे आम जनता को लगभग डेढ़ घंटे तक परेशानियों का सामना करना पड़ा।
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Industrial Area : धरने के मुद्दे को राजनीतिक विवाद
कांग्रेस अध्यक्ष एच एस लक्खी और भाजपा अध्यक्ष जतिंदर मल्होत्रा ने धरने के मुद्दे को राजनीतिक विवाद से ऊपर उठकर व्यापारियों के समर्थन में आकर मामले को हल करवाने की बात कही।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे जेल भी जा सकते हैं। गवर्नर साहब शहर से बाहर थे,
इसलिए उन्होंने अपने प्रतिनिधि एडिशनल डिप्टी कमिश्नर अमनदीप भट्टी को व्यापारियों से मिलकर उन्हें आश्वासन देने के लिए भेजा।
भट्टी ने व्यापारियों से कहा कि वे गवर्नर हाउस की ओर कूच न करें और उनका मेमोरेंडम स्वीकार कर लिया।
व्यापारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि वे धरना स्थल से तब तक नहीं हटेंगे जब तक उनके नोटिस तुरंत प्रभाव से नहीं रुक जाते।
एडिशनल डिप्टी कमिश्नर अमनदीप भट्टी ने व्यापारियों को आश्वासन दिया कि वे गवर्नर साहब के प्रतिनिधि हैं
और कल उनकी मीटिंग व्यापारियों के प्रतिनिधियों के साथ करवा देंगे।
उन्होंने कहा कि इस मीटिंग में व्यापारियों की सभी समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
व्यापारी एकता मंच ने धरना जारी रखने का फैसला किया है, जो तब तक चलेगा जब तक मीटिंग का परिणाम सामने नहीं आता।
व्यापारियों का कहना है कि वे सरकार को करोड़ों रुपये राजस्व के रूप में दे रहे हैं,
इसलिए सरकार को उनकी जरूरतों पर ध्यान देना चाहिए।
उनका आरोप है कि एमएसएमई पॉलिसी लागू कर नोटिस रद्द करने का प्रावधान एक्ट में है
और यह अधिकार चंडीगढ़ के प्रशासक के पास है, लेकिन फिर भी नोटिस रद्द नहीं किए जा रहे हैं।