हरियाणा सरकार ने की एचकेआरएन कर्मचारियों के वेतन में 8% की वृद्धि की घोषणा

हरियाणा सरकार ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम (एचकेआरएन) के कर्मचारियों को एक बड़ा तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह ने आज की बैठक में घोषणा की कि पहली जुलाई, 2024 से एचकेआरएन के लेवल-1, 2 और 3 श्रेणी के कर्मचारियों के वेतन में 8 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी। इस वृद्धि के बाद, श्रेणी-1 के लेवल-1 कर्मचारियों को 19,872 रुपये, लेवल-2 को 23,382 रुपये और लेवल-3 को 24,084 रुपये वेतन मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने इस निर्णय के पीछे कांग्रेस सरकार के समय लगी आउटसोर्सिंग पॉलिसी का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय कच्चे कर्मचारियों का शोषण होता था, जिससे उन्हें ईपीएफ और ईएसआई के लाभ नहीं मिलते थे। इसके बजाय, उन्हें ठेकेदार के चक्कर में रहना पड़ता था। हालांकि, एचकेआरएन के गठन से अब कर्मचारियों को समय पर वेतन और अन्य लाभ मिल रहे हैं।

इस अवसर पर भारतीय मजदूर संघ, हरियाणा इकाई के अध्यक्ष श्री अशोक सहित अन्य श्रम विभाग के प्रमुख अधिकारी मौजूद थे। विभिन्न श्रेणियों में कर्मचारियों के वेतन में होने वाली वृद्धि को लेकर सभी अधिकारियों ने समर्थन जताया।

एचकेआरएन ने भी सभी कर्मचारियों को समान रूप से लाभ प्रदान किया है, साथ ही अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के युवाओं को भी वेतन में समानता का लाभ मिल रहा है।

हरियाणा में बाजरा प्रसंस्करण के लिए ‘ब्याज अनुदान योजना’ की शुरुआत

हरियाणा सरकार ने बाजरा के प्रसंस्करण इकाइयों के लिए ‘ब्याज अनुदान योजना’ की शुरुआत की है। यह योजना बाजरा के प्रसंस्करण, प्रबंधन और ब्रांडिंग को बढ़ावा देने के लक्ष्य से शुरू की गई है, ताकि बाजरा के उत्पाद को बाजार में मजबूत किया जा सके और बाजरा के किसानों की आजीविका में सुधार हो सके।

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस योजना के तहत बाजरा प्रसंस्करण इकाइयों को उनके लिए लिए गए ऋणों पर ब्याज सहायता प्रदान की जाएगी। बाजरा प्रसंस्करण इकाइयों को प्रति वर्ष 7 प्रतिशत या भुगतान की गई वास्तविक ब्याज दर, जो भी कम हो, के रूप में सहायता प्राप्त होगी। इस योजना के अंतर्गत, बाजरा प्रसंस्करण इकाइयों को एमएसएमई द्वारा लिए गए अवधि ऋण पर अधिकतम 25 लाख रुपये तक की सहायता प्रदान की जाएगी।

इस योजना में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम, 2006 के तहत विभिन्न प्रकार के उद्यम शामिल हैं। योजना के अनुसार, सूक्ष्म उद्यम के लिए निवेश 1 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए और कारोबार 5 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए। लघु उद्यम के लिए, निवेश 10 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए और कारोबार 50 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए। मध्यम उद्यम के लिए, निवेश 50 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए और कारोबार 250 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए।

योजना के अंतर्गत सभी बाजरा प्रसंस्करण एमएसएमई इकाइयां, जो हरियाणा राज्य में बाजरा के प्राथमिक और द्वितीयक प्रसंस्करण के क्षेत्रों में सक्रिय हैं, और जिन्होंने बाजरा प्रसंस्करण के लिए ऋण लिया है, इस योजना के तहत पात्र हो सकती हैं। आवेदन के लिए अधिकारिक प्रपत्र और आवश्यक दस्तावेजों के साथ, संबंधित वित्तीय वर्ष के समापन के तीन महीने के भीतर विभाग के वेब पोर्टल पर एमएसएमई निदेशालय के महानिदेशक को प्रस्तुत किया जाना चाहिए।

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड: सीनियर सेकेंडरी कम्पार्टमेंट परीक्षाएं 3 जुलाई से

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी ने सीनियर सेकेंडरी (शैक्षिक) कम्पार्टमेंट की परीक्षाओं के आयोजन के लिए तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। इन परीक्षाओं का संचालन 3 जुलाई से शुरू हो रहा है। इसमें कुल 20,707 छात्र और छात्राएं भाग लेंगे, जो कि प्रदेशभर में 75 परीक्षा केंद्रों पर वितरित हैं। परीक्षा का समय दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक रहेगा।

इस परीक्षा की शुद्धता और विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए, बोर्ड ने सभी परीक्षा केंद्रों पर ऑब्जर्वर की नियुक्ति कर दी है। इसके साथ ही, 26 उड़नदस्तों का गठन भी किया गया है। सभी परीक्षा केंद्रों के आसपास धारा-144 लागू किया गया है और 500 मीटर की परिधि तक फोटो स्टेट की दुकानें और कोचिंग सेंटर बंद रहेंगे।

बोर्ड ने सभी पात्र परीक्षार्थियों को अपने प्रवेश-पत्र पर उनकी सत्यता को सत्यापित करने के लिए अनुक्रमांक जारी किए हैं। छात्रों को प्रवेश-पत्र पर चिपकाए गए फोटो को सत्यापित करवाना होगा। परीक्षा देने से 30 मिनट पहले परीक्षा केंद्र पहुंचना सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।

हरियाणा सरकार देगी उच्च न्यायालय को स्थानीय कानूनों की सॉफ्ट कॉपी

हरियाणा सरकार ने अब स्थानीय कानूनों की सॉफ्ट कॉपी को उच्च न्यायालय के लिए उपलब्ध करवाने का फैसला किया है। इस निर्णय के अनुसार, सभी विभागाध्यक्षों को दिया गया है कि वे अपने राज्य के सभी अधिनियमों और अधीनस्थ विधानों का नवीनतम संस्करण, जिसमें सभी संशोधन शामिल हों, पीडीएफ प्रारूप में एक सिंगल फाइल के रूप में रजिस्ट्रार जनरल के पास सीधे उपलब्ध कराएं। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए उन्हें अपने विभागों के नोडल अधिकारी को निर्देश देने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि इस प्रक्रिया को सात दिनों के भीतर पूरा करना होगा। सभी विभागाध्यक्षों से अनुरोध किया गया है कि वे इस कार्य को गंभीरता से लें और प्रदेश के कानूनी प्रक्रियाओं में कोई विलंब न होने दें। उन्हें इस कार्य में मानव संसाधन विभाग की सहायता भी लेनी होगी।

यह निर्णय हरियाणा सरकार के उद्देश्य को साबित करता है कि स्थानीय कानूनों की व्यवस्था में सुधार करने और जनता को सुविधाएं प्रदान करने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत रहती है। इसके अलावा, विभागाध्यक्षों को समय-समय पर अपडेट करने का निर्देश भी दिया गया है ताकि सरकारी कार्यक्रमों और योजनाओं की समय-सीमा का पालन किया जा सके।

हरियाणा में बच्चों के लिए चिकित्सा सुविधाओं में 44.1 करोड़ रुपये की मंजूरी

हरियाणा के बाल चिकित्सा एचडीयू/आईसीयू इकाइयों को विशेष मजबूती देने के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए, मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह ने राज्य भर के विभिन्न जिला अस्पतालों में बाल चिकित्सा एचडीयू/आईसीयू इकाइयों के सुदृढ़ीकरण के लिए 44.1 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। इस उत्तरदायित्वपूर्ण निर्णय का ऐलान आज स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने किया।

डॉ. गुप्ता ने बताया कि ये नई इकाइयां आपातकालीन कोविड प्रतिक्रिया पैकेज चरण- II (ईसीआरपी- II) के तहत स्थापित की गईं थीं और अब इन्हें विशेष रूप से सुदृढ़ किया जाएगा। इन नई इकाइयों में 38.8 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष आवंटित किए जाएंगे, जिसमें 21 इंटेंसिविस्ट, 105 ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर, 420 आईसीयू प्रशिक्षित स्टाफ नर्स/नर्सिंग सिस्टर, 105 ओटी/एनेस्थीसिया तकनीशियन और 21 काउंसलर शामिल होंगे। ये सभी नौकरियाँ वॉक-इन इंटरव्यू के माध्यम से भरी जाएंगी, जिनका विज्ञापन स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय और एनएचएम पोर्टल पर जल्द ही किया जाएगा।

इसके अतिरिक्त, हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से सहायक कर्मचारियों की भर्ती भी की जाएगी, जिसका अनुमानित व्यय 5.3 करोड़ रुपये होगा। यह निर्णय सरकारी अस्पतालों में बाल चिकित्सा सेवाओं को मजबूत करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, ताकि राज्य के हर नागरिक को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त हो सकें।

हरियाणा में मुफ्त किडनी और लिवर ट्रांसप्लांट सेवाओं को मंजूरी

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, मुफ्त इलाज योजना (एमएमएमआईवाई) के तहत 3 लाख रुपये तक के मुफ्त किडनी और लिवर ट्रांसप्लांट सेवाएं प्रदान करने की स्वीकृति दे दी है। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना – आयुष्मान भारत (पीएमजेएवाई-एबी) योजना के तहत भी 3 लाख रुपये के विशेष फिक्स्ड किडनी और लिवर ट्रांसप्लांट पैकेज को मंजूरी दी गई है।

स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने इसे स्वीकारते हुए बताया कि यह नया कदम स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और रोगी कल्याण के लिए एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण उपाय है। इस योजना के तहत, चिंहित मरीज़ अब बिना वित्तीय बोझ के चिंता किए गंभीर चिकित्सा प्रत्यारोपण करवा सकेंगे, जोकि उन्हें उचित स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने में मदद करेगा।

डॉ. गुप्ता ने इस निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार का यह प्रयास स्वास्थ्य सेवाओं को उत्कृष्टता की दिशा में मार्गदर्शन करता है, ताकि प्रत्येक नागरिक को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवा प्राप्त हो सके। इस स्वास्थ्य योजना के तहत किडनी और लिवर प्रत्यारोपण की सुविधा पहली बार उपलब्ध होगी, जो गरीब और जरूरतमंद रोगियों के लिए वास्तविक राहत प्रदान करेगी।

हरियाणा में अंतरिम नियुक्तियों पर चरित्र सत्यापन की मंजूरी

हरियाणा सरकार ने नियुक्तियों में बदलाव के लिए नए नियम लागू किए हैं, 30 सितंबर, 2024 तक अन्यायपूर्ण प्रथाओं को खत्म करने का फैसला लिया गया है। अब हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग और हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा किसी भी पद पर अंतरिम नियुक्ति के लिए अनुशंसित उम्मीदवारों का चरित्र, पूर्ववृत्त और नियुक्ति संबंधी सभी दस्तावेजों का पूर्व सत्यापन आवश्यक नहीं होगा।

मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा जारी पत्र के अनुसार, अंतरिम नियुक्ति के बाद आवश्यक सभी अन्य दस्तावेजों का सत्यापन अब दो महीने के भीतर पूरा किया जाना होगा। सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, बोर्डों के मुख्य, निगमों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के प्रमुखों और प्रबंध निदेशकों, सभी मंडल आयुक्तों और उपायुक्तों, तथा राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को इन निर्देशों का सख्ती से पालन करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।

हरियाणा में अधीनस्थ विधानों को पीडीएफ में सीधे अपडेट करने की घोषणा

हरियाणा सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है जिसमें सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिया गया है कि वे राज्य के स्थानीय कानूनों की अंग्रेजी और संबंधित स्थानीय भाषा में सॉफ्ट कॉपी को एकल पीडीएफ फाइल में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के लिए उपलब्ध करवाएं। इस निर्णय के अंतर्गत, सभी प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों को अपने विभागीय नोडल अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने संबंधित अधिनियमों और विधानों के नवीनतम संस्करण को पीडीएफ फार्मेट में एकल फाइल के रूप में तैयार करें और इन्हें सीधे रजिस्ट्रार जनरल के द्वारा उपलब्ध कराएं।

मुख्य सचिव के कार्यालय ने इस बारे में जारी पत्र में उल्लेख किया है कि यह सभी विभागों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और सभी निर्देशकों को इसे ध्यान में रखते हुए कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। इस प्रक्रिया का पालन करने से न केवल संगठन की सामर्थ्य में सुधार होगा, बल्कि नये अधिनियमों के विश्वसनीय और स्पष्ट संस्करण की उपलब्धता भी होगी। यदि किसी भी समस्या या अन्य सवाल हो, तो विभागाध्यक्ष व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे और इसे गंभीरता से लिया जाएगा।

जनता की शिकायतों के समाधान के लिए हरियाणा सरकार की नई पहल

हरियाणा के मुख्य सचिव श्री टीवीएसएन प्रसाद ने बताया कि राज्य सरकार ने जनता की शिकायतों के समाधान के लिए मुख्य सचिव कार्यालय में “समाधान प्रकोष्ठ” की स्थापना की है। इस “प्रकोष्ठ” के द्वारा जनता की शिकायतों के समाधान के लिए प्रत्येक कार्य दिवस में सुबह 9:00 बजे से 11:00 बजे तक प्रत्येक जिला और उप-मंडल मुख्यालय में ‘समाधान शिविर’ का आयोजन किया जाएगा।

श्री प्रसाद ने मीडियाकर्मियों को बताया कि जनता की शिकायतों में दो चरण शामिल होते हैं – नीति निर्माण से संबंधित मुद्दे और कार्यान्वयन प्रक्रिया में अड़चनें। नीतिगत भाग से संबंधित मुद्दों को प्रशासनिक सचिवों के समन्वय से इस “समाधान प्रकोष्ठ” द्वारा राज्य मुख्यालय स्तर पर हल किया जाएगा, जबकि कार्यान्वयन की अड़चनों को जिला प्रशासन के माध्यम से “समाधान शिविरों” में दूर किया जाएगा।

श्री टीवीएसएन प्रसाद ने कहा कि सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में आम जनता के समक्ष आने वाली नीतिगत समस्याओं के समाधान के लिए वे स्वयं प्रशासनिक सचिवों के साथ “समाधान प्रकोष्ठ” की बैठकें करेंगे तथा योजना के क्रियान्वयन में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए जिला प्रशासन के माध्यम से आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।

मुख्य सचिव ने कहा कि “समाधान शिविरों” में उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक/पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय), अतिरिक्त उपायुक्त, जिला नगर आयुक्त, उपमंडल अधिकारी (नागरिक) (मुख्यालय) तथा एसडीओ (सिविल) और पुलिस उप अधीक्षक तथा जिले के उपमंडलों के अन्य अधिकारी प्रतिदिन उपायुक्त तथा एसडीओ (नागरिक) कार्यालय में एक साथ बैठेंगे तथा जनता की शिकायतों का समाधान करेंगे। इसके अलावा, संबंधित उपायुक्त आवश्यकतानुसार किसी अन्य अधिकारी की भी ड्यूटी लगा सकते हैं।

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