पंजाब में गेस्ट फैकल्टी का हल्ला बोल: नई भर्ती के खिलाफ नौकरी बचाने की जंग तेज!

पंजाब के सरकारी कॉलेजों में बड़ा संकट खड़ा हो गया है, क्योंकि लंबे समय से छात्रों को पढ़ा रहे गेस्ट फैकल्टी (Guest Faculty) प्रोफेसरों की नौकरी खतरे में है।

बता दे की ये प्रोफेसर, जो सालों से कम वेतन पर काम कर रहे हैं, अब अपनी नौकरी बचाने के लिए मजबूर हो गए हैं।

आज, गेस्ट फैकल्टी प्रोफेसरों ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।

उन्होंने गेस्ट फैकल्टी साझा फ्रंट पंजाब के बैनर तले सुबह 9 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक सामूहिक अवकाश लेकर विरोध धरना दिया।

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 1158 प्रोफेसरों की भर्ती

इस विरोध की मुख्य वजह है हाल ही में की गई 1158 प्रोफेसरों की भर्ती।

चन्नी सरकार के कार्यकाल के दौरान इस भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत की गई थी,

लेकिन इसमें कई गड़बड़ियों का आरोप लगा। मामला कोर्ट में गया, जहां हाईकोर्ट ने इस भर्ती को खारिज कर दिया।

हालांकि, सरकार ने बाद में इस फैसले को डबल बेंच में चुनौती दी और प्रोफेसरों को जॉइन कराने का आदेश मंज़ूर किया गया।

अब जब इन नए प्रोफेसरों ने कॉलेजों में काम शुरू कर दिया है,

तो सालों से सेवाएं दे रहे गेस्ट फैकल्टी प्रोफेसरों की नौकरी पर तलवार लटक गई।

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Guest Faculty: बेहद कम वेतन पर काम किया

गेस्ट फैकल्टी प्रोफेसरों का कहना है कि उन्होंने दशकों तक बेहद कम वेतन पर काम किया है,

और जब अब सम्मानजनक वेतन पाने का समय आया है, तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है।

उनका आरोप है कि सरकार उनकी सेवाओं को नजरअंदाज कर रही है

और नए प्रोफेसरों की भर्ती करके उन्हें नौकरी से निकालने की साजिश रच रही है।

प्रोफेसरों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया,

तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे। उनका कहना है

कि इस संघर्ष में अगर किसी प्रोफेसर की जान जाती है,

तो इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

अब सवाल यह उठता है कि क्या पंजाब सरकार इन जरूरतमंद शिक्षकों की आवाज सुनेगी,

जो सालों से पंजाब के छात्रों की शिक्षा का भार उठा रहे हैं, या फिर उन्हें बेरोजगारी के अंधेरे में धकेल देगी?

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