कुरुक्षेत्र को पर्यटन के लिहाज से विकसित करने की योजना: डॉ. अरविंद शर्मा

हरियाणा के सहकारिता, जेल एवं पर्यटन मंत्री Dr. Arvind Sharma ने कहा कि कुरुक्षेत्र और इसके आसपास के जिलों को पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित किया जाएगा।

महाभारत काल से जुड़े ऐतिहासिक स्थल, जिनका महत्व धार्मिक और पौराणिक दृष्टि से भी अत्यधिक है,

अब योजनाबद्ध तरीके से विकसित किए जाएंगे।

केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय और हरियाणा पर्यटन विभाग के अधिकारियों द्वारा इस दिशा में कार्य किया जा रहा है।

Dr. Arvind Sharma : करनाल में आयोजित द्वितीय महाभारत सर्किट सम्मेलन

यह जानकारी डॉ. अरविंद शर्मा ने करनाल में आयोजित द्वितीय महाभारत सर्किट सम्मेलन में दी।

इस सम्मेलन का आयोजन केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय (उत्तर क्षेत्र) ने किया था,

जिसका उद्देश्य कुरुक्षेत्र और इसके आसपास के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों को पर्यटन के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित करना है।

महाभारत सर्किट से जुड़ी योजनाओं पर प्रकाश डाला

सम्मेलन में पर्यटन मंत्री डॉ. शर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया और पर्यटन विभाग के अधिकारियों, पर्यटन हितधारकों और सेवा प्रदाताओं के साथ गहन चर्चा की।

इस दौरान उन्होंने महाभारत सर्किट से जुड़ी योजनाओं पर प्रकाश डाला।

मंत्री ने कहा कि कुरुक्षेत्र को श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाने के लिए सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।

उनका उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, “जिस तरह वृंदावन में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की आवागमन की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है,

उसी तरह धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र को भी एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल बनाया जाएगा।”

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि महाभारत सर्किट के अंतर्गत कुरुक्षेत्र के साथ-साथ करनाल

और पानीपत के काला अम्ब जैसे महत्वपूर्ण स्थलों को भी शामिल किया जाए,

क्योंकि इन क्षेत्रों में भी पर्यटकों की संख्या काफी अधिक रहती है।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी : पर्यटकों को सभी सुविधाएं आसानी से उपलब्ध

डॉ. शर्मा ने राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में प्रदेश में पर्यटन स्थलों के विकास के लिए लगातार काम किया जा रहा है।

आने वाले समय में इन स्थलों को और भी बेहतर तरीके से विकसित किया जाएगा,

ताकि पर्यटकों को सभी सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हो सकें।

केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के क्षेत्रीय निदेशक (उत्तर) आरके सुमन ने इस अवसर पर कहा

कि पर्यटन मंत्रालय कुरुक्षेत्र को वैश्विक मानचित्र पर लाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

उन्होंने कहा कि इस मिशन में मंत्रालय को कुछ हद तक सफलता भी मिली है, और भविष्य में इसे और गति दी जाएगी।

इस सम्मेलन में हरियाणा पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. सुनील कुमार, पीपी खन्ना, कर्नल मनबीर चौधरी, मोहन गुरुचंद्रा प्रभु,

डॉ. इंद्रजीत सिंह, संदीप शुक्ला, किशोर नागपाल, कृष्ण गर्ग और अन्य गणमान्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

डॉ. शर्मा ने इस अवसर पर “द्वितीय महाभारत सर्किट कॉन्फ्रेंस कुरुक्षेत्र, हरियाणा” नामक पुस्तक का विमोचन भी किया,

जो इस महत्वाकांक्षी परियोजना के उद्देश्यों और योजनाओं को विस्तार से प्रस्तुत करती है।

यह सम्मेलन और संबंधित योजनाएं कुरुक्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों को एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य बनाने के दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होंगी।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंचकूला में किया तृतीय पुस्तक मेले का शुभारंभ

Panchkula Book Fair : हरियाणा के CM Saini ने पंचकूला में आयोजित तृतीय पुस्तक मेले का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कुरुक्षेत्र, करनाल और झज्जर में बने तीन नए सरदार पटेल पुस्तकालयों का उद्घाटन भी किया।

मुख्यमंत्री ने पुस्तक मेले का अवलोकन किया और कई नई पुस्तकों का लोकार्पण किया।

Panchkula Book Fair : स्कृति और धरोहर किताबों में ही समाहित

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति और धरोहर किताबों में ही समाहित है और ज्ञान के बिना जीवन में अंधकार का निवारण नहीं हो सकता।

उन्होंने कहा, “ज्ञान की रोशनी से ही हम जीवन के अंधकार को दूर कर सकते हैं।

” उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह उद्धरण “जहां अंधेरा घना है,

वहां दीप जलाना कहां मना है” आज इस पुस्तक मेले में साकार हो रहा है,

क्योंकि एक किताब भी दीपक जलाने का काम करती है।

पुस्तक मेले में विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध

मुख्यमंत्री ने पुस्तक मेले में विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध हजारों पुस्तकों की सराहना की और कहा कि इस मेले का उद्देश्य लोगों में ज्ञान की प्यास को जागृत करना है।

उन्होंने कहा कि यहाँ आने वाले लोग अपनी रुचि के अनुसार किसी भी विषय पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

यह मेले समाज में किताबों की अहमियत और ज्ञान के महत्व को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

साथ ही, उन्होंने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में हरियाणा सरकार ने कई सकारात्मक कदम उठाए हैं।

ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा शिक्षा संस्थानों और पुस्तकालयों में होती है, और इन्हीं स्थानों से हम अपने विषयों की गहन जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम ने सीएसआर योजना के तहत पिछले तीन वर्षों में 25 से अधिक पुस्तकालय खोले हैं,

जो समाज में शिक्षा के प्रचार-प्रसार में सहायक साबित हो रहे हैं।

युवाओं के लिए की गई सरकार की पहल

मुख्यमंत्री ने युवाओं के लिए की गई सरकार की पहल का भी जिक्र किया, जिसमें भाजपा सरकार ने प्रदेश के युवाओं के लिए 2 लाख नौकरियों का वादा किया है।

उन्होंने कहा कि पुस्तकालयों की भूमिका इन भर्तियों और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में बेहद अहम है।

इसके अलावा, सरकार ने जिला मुख्यालयों और कॉलेजों में डिजिटल लाइब्रेरी की व्यवस्था भी शुरू की है,

ताकि युवा इंटरनेट और ई-बुक्स के माध्यम से अपनी पढ़ाई में और भी अधिक मदद पा सकें।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पिछले 10 वर्षों से हरियाणा के युवाओं को बिना किसी खर्च के नौकरियां मिल रही हैं,

जो प्रदेश के युवाओं के लिए एक सकारात्मक बदलाव लेकर आई हैं।

मुख्यमंत्री ने राज्य में “म्हारा गांव- जगमग गांव” योजना की सफलता का भी उल्लेख किया,

जिसके तहत 86 प्रतिशत गांवों को 24 घंटे बिजली प्रदान की जा रही है।

उन्होंने कहा कि आदर्श ग्राम योजना के तहत 200 से अधिक गांवों को आदर्श गांव बनाने का कार्य जारी है।

लाइब्रेरियों में कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधाएं

मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि सरदार पटेल पुस्तकालयों के निर्माण में 20-20 लाख रुपये की लागत आई है

और इन लाइब्रेरियों में कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधाएं प्रदान की गई हैं।

इससे आसपास के गांवों के युवाओं को लाभ होगा और वे अपनी पढ़ाई में अधिक उन्नति कर सकेंगे।

इस अवसर पर कालका की विधायक श्रीमती शक्तिरानी शर्मा, ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री ए के सिंह,

एसईआईएए के चेयरमैन श्री पीके दास, यूएचबीवीएन के प्रबंध निदेशक डॉ. साकेत कुमार और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री का संदेश: “ज्ञान की शक्ति से ही हम अंधकार से उबर सकते हैं और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

पुस्तकें ही हैं जो हमें ज्ञान की दिशा दिखाती हैं।”

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