Surajkund Mela 2025 : हरियाणा के फरीदाबाद में चल रहे 38वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में इस साल रिकॉर्डतोड़ भीड़ उमड़ रही है।
महज 10 दिनों में 11.70 लाख पर्यटक इस मेले का हिस्सा बन चुके हैं।
यह संख्या पिछले साल के 13 लाख पर्यटकों के रिकॉर्ड को छूने के बेहद करीब है।
मेला अभी 23 फरवरी तक जारी रहेगा और उम्मीद है कि यह अपने पुराने रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए नया इतिहास रचेगा।
Surajkund Mela 2025 : रविवार को 2 लाख से ज्यादा पर्यटक पहुंचे
हरियाणा के विरासत एवं पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि रविवार को मेले में 2 लाख पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ी।
पर्यटकों का उत्साह देखकर साफ है कि मेला इस साल अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी की ओर बढ़ रहा है।
मुख्य चौपाल, मिनी चौपाल, नाट्यशाला और विभिन्न पवेलियन में दिनभर चहल-पहल बनी रही।
मंत्री ने बताया, “पिछले साल 13 लाख लोग मेले में आए थे,
लेकिन इस बार 10 दिनों में ही 11.70 लाख पर्यटक पहुंच चुके हैं।
आने वाले 7 दिनों में यह आंकड़ा नया रिकॉर्ड बनाएगा।”
पर्यटन मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्रीय एकता, कला और संस्कृति को बढ़ावा देने की सोच को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में सूरजकुंड मेला के माध्यम से साकार किया जा रहा है।
“सूरजकुंड मेला न सिर्फ कला और शिल्प का उत्सव है,
बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विविधता को एक मंच पर लाने का अवसर भी है,” उन्होंने कहा।
Surajkund Mela 2025 : तकनीक और पारदर्शिता का नया रंग
इस साल मेले में कई तकनीकी बदलाव किए गए हैं, जिन्होंने पर्यटकों को और आकर्षित किया है।
•ऑनलाइन टिकटिंग व्यवस्था से अब टिकट काउंटर पर लंबी लाइनें नहीं लगानी पड़ रही हैं।
•शिल्पकारों और बुनकरों को ऑनलाइन स्टॉल आवंटन से पारदर्शिता आई है
और ज्यादा से ज्यादा कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला है।
मंत्री ने कहा, “पर्यटकों को हरियाणा की मेहमाननवाज़ी, भारत की कला और दुनिया की विविधता एक साथ देखने को मिल रही है।”
ओडिशा और मध्य प्रदेश बने आकर्षण का केंद्र
हर साल की तरह इस बार भी मेले में दो राज्य थीम स्टेट के रूप में शामिल किए गए हैं।
•ओडिशा की समृद्ध शिल्प परंपरा, पुरी की पत्थर की मूर्तियां और रघुराजपुर की पट्टचित्र कला लोगों को बेहद पसंद आ रही हैं।
•मध्य प्रदेश के महेश्वरी साड़ी, गोंड पेंटिंग और भील जनजातीय कला ने भी पर्यटकों का दिल जीत लिया है।
अंतरराष्ट्रीय कलाकारों ने बढ़ाई मेले की रौनक
सूरजकुंड मेला सिर्फ राष्ट्रीय नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मशहूर हो चुका है।
•इस बार बिम्सटेक देशों – नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, थाईलैंड और म्यांमार से आए कलाकारों ने अपने स्टॉल और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सभी का ध्यान खींचा है।
•50 से अधिक देशों के कलाकारों की कला और उनके लोकनृत्य ने सांस्कृतिक मंचों पर लोगों को बांधे रखा।
मुख्य चौपाल पर नेपाल की नेपाली लोक नृत्य प्रस्तुति और श्रीलंका की कैंडियन डांस परफॉर्मेंस ने दर्शकों को खूब लुभाया।
संगीत, नृत्य और लोककला का जादू
मेले में हर दिन अलग-अलग राज्यों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां आयोजित की जा रही हैं।
•महा मंच पर देश के मशहूर कलाकारों की लाइव परफॉर्मेंस हो रही हैं।
•मिनी चौपाल पर पर्यटक पंजाब का भांगड़ा, महाराष्ट्र का लावणी नृत्य, गुजरात का गरबा और राजस्थान का घूमर नृत्य देखकर झूम रहे हैं।
व्यवसाय के लिए भी बड़ा मंच
सूरजकुंड मेला न सिर्फ एक सांस्कृतिक उत्सव है, बल्कि यह व्यापारिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण हो गया है।
•देश-विदेश से आए हस्तशिल्प, वस्त्र, गहने और फर्नीचर विक्रेताओं को यहां अपने उत्पादों की सीधी बिक्री का मौका मिल रहा है।
•पर्यटकों को शुद्ध हाथ से बनी कलाकृतियां और हस्तनिर्मित उत्पाद खरीदने का अवसर मिल रहा है।
खानपान में भी दिखी विविधता
मेले में घूमते हुए लोग विभिन्न राज्यों के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद चख रहे हैं।
•राजस्थान की दाल-बाटी चूरमा, पंजाब का मक्के दी रोटी-सरसो दा साग, महाराष्ट्र का पोहा और वड़ा पाव और बंगाल की मिष्टी दोई यहां बेहद पसंद की जा रही है।
•विदेशी व्यंजनों में थाईलैंड के पाइनएप्पल फ्राइड राइस और नेपाल के मोमो लोगों को खासा लुभा रहे हैं।
Surajkund Mela 2025 : आखिरी 7 दिन होंगे खास
मेला प्रबंधन ने आखिरी 7 दिनों को खास बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं।
•लोक कलाकारों की विशेष प्रस्तुतियां
•रंग-बिरंगे परेड शो
•पारंपरिक पोशाक प्रतियोगिता
डॉ. शर्मा ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि 23 फरवरी तक पर्यटकों की संख्या पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी।
अगर आपने अब तक इस भव्य मेले का आनंद नहीं लिया है, तो अभी भी समय है।
सूरजकुंड मेला 23 फरवरी तक चलेगा और इसमें भारत की सांस्कृतिक विरासत का अनूठा संगम आपको देखने को मिलेगा।