Supreme Court ने आज भारत माला परियोजना के तहत बन रहे दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे के एक हिस्से पर रोक लगाने का फैसला सुनाया है।
यह फैसला मोगा जिले के गांव बुग्गीपुरा और खेड़ा सवाद में जमीन अधिग्रहण को लेकर किसानों द्वारा दायर याचिका पर आया है।
किसानों का आरोप है कि उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिल रहा और उनकी दी गई मांगों के हिसाब से मुआवजा कम है।
Supreme Court : बरकरार रखने का आदेश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आदेश दिया है कि जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया को तब तक रोक दिया जाए,
जब तक इस मुद्दे का हल नहीं निकलता। कोर्ट ने मौजूदा स्थिति को बरकरार रखने का आदेश दिया है,
जिससे किसानों को एक बड़ी राहत मिली है।
यह प्रोजेक्ट दिल्ली से अमृतसर और कटरा तक के मार्ग को जोड़ने के लिए अहम है,
जो 669 किलोमीटर लंबा है और इसे नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा विकसित किया जा रहा है।
हालांकि, पंजाब में इस प्रोजेक्ट की प्रगति धीमी रही है,
क्योंकि कई इलाकों में मुआवजे के मुद्दे के कारण काम रुक चुका है।
दिल्ली से पंजाब और जम्मू क्षेत्र में यात्रा करना आसान
पंजाब में यह प्रोजेक्ट विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह पंजाब के अधिकांश हिस्से से होकर गुजरेगा और जम्मू-कटरा तक पहुंचेगा।
इसके माध्यम से दिल्ली से पंजाब और जम्मू क्षेत्र में यात्रा करना आसान होगा।
हालांकि, यह प्रोजेक्ट अब तक विभिन्न चरणों में चल रहा है,
और कुछ हिस्सों में मुआवजे को लेकर विवाद होने की वजह से काम प्रभावित हुआ है।
हरियाणा में इस प्रोजेक्ट का एक हिस्सा केएमपी (सोनीपत से पातड़ां, कैथल) तक 113 किलोमीटर तक पूरा हो चुका है,
लेकिन पंजाब और जम्मू-कश्मीर के हिस्सों में धीमी प्रगति के कारण पूरा प्रोजेक्ट अभी भी अधूरा है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद किसानों की मांग है कि उन्हें उचित मुआवजा मिलें और इसके बाद ही जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया आगे बढ़े।
यह मामला राज्य सरकार और केंद्र के लिए एक चुनौती बन सकता है,
क्योंकि यह प्रोजेक्ट आर्थिक और सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।