चंडीगढ़, 4 जून: हरियाणा सरकार ने सरकारी प्रणाली को अधिक पारदर्शी और सुगम बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण पहल की है। आज राज्य सरकार ने सहायक जिला अटॉर्नी (एडीए) और उप जिला अटॉर्नी (डीडीए) के कर्मचारियों के लिए एक नई ऑनलाइन स्थानांतरण नीति का शुभारंभ किया। इसका उद्देश्य स्थानांतरण प्रक्रिया को आसान, निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना है।
इस महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत हरियाणा सरकार की गृह, जेल, आपराधिक जांच और न्याय प्रशासन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव, डॉ. सुमिता मिश्रा ने एक औपचारिक समारोह के माध्यम से की। उन्होंने बताया कि इस डिजिटल पहल को इस तरह से तैयार किया गया है कि स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी तरह से स्वचालित, नियम आधारित और कर्मचारियों की पसंद को ध्यान में रखकर हो सके।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि यह योजना मुख्य रूप से एडीए और डीडीए कैडर के कर्मचारियों पर केंद्रित है। राज्य में कुल 185 एडीए कार्यरत हैं, जिनमें से 117 कर्मचारियों को “डीम्ड ट्रांसफर” के लिए चिन्हित किया गया है — यानी सेवा की अवधि या अन्य तय मानदंडों के आधार पर उनके स्थानांतरण अनिवार्य हैं। शेष 68 कर्मचारियों ने स्वेच्छा से स्थानांतरण के लिए आवेदन किया है।
इसी तरह, डीडीए कैडर के अंतर्गत कुल 31 अधिकारी आते हैं, जिनमें से 15 डीम्ड ट्रांसफर और 16 वॉलंटरी ट्रांसफर के लिए इच्छुक पाए गए हैं। ख़ुशी की बात यह रही कि एडीए के 76% और डीडीए के 84% कर्मचारियों को उनके द्वारा चुने गए पहले पांच स्थानों में से कोई एक स्थान मिल गया है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि नई प्रणाली कर्मचारियों की प्राथमिकताओं का सम्मान करते हुए कार्य करती है।
डॉ. सुमिता मिश्रा ने अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि यह नीति मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के उस विजन का हिस्सा है जिसमें सरकारी कामकाज को डिजिटल और आधुनिक बनाने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह पोर्टल कर्मचारियों और विभाग दोनों के लिए लाभकारी होगा, क्योंकि इससे मैनुअल हस्तक्षेप पूरी तरह समाप्त हो जाएगा।
यह नीति स्थानांतरण में देरी, पक्षपात और अनावश्यक विवादों को भी काफी हद तक खत्म करेगी। कर्मचारियों को अब ट्रांसफर के लिए बार-बार कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। वे अपने मोबाइल या कंप्यूटर से ही पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इस पोर्टल की एक और खासियत यह है कि यह वास्तविक समय में खाली पदों की जानकारी भी उपलब्ध कराता है, जिससे मांग और आपूर्ति में संतुलन बना रहता है।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि इस ऑनलाइन स्थानांतरण प्रणाली को हरियाणा नॉलेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (HKCL) ने विकसित किया है। इस तकनीकी प्लेटफॉर्म ने योग्यता, सेवा अवधि और कर्मचारियों की वरीयताओं को ध्यान में रखते हुए स्थानांतरण आदेश तैयार किए हैं। इससे पूरी प्रक्रिया स्वचालित और तर्कसंगत बन गई है, जिससे शिकायतों की गुंजाइश भी बेहद कम रह गई है।
इस अवसर पर अभियोजन विभाग के अतिरिक्त निदेशक श्री मदन लाल शर्मा, नोडल अधिकारी (आईटी सेल) श्री गुरप्रीत सिंह, सहायक श्री संदीप समेत अन्य कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे। सभी ने इस नीति की सराहना की और इसे कर्मचारियों के हित में एक सराहनीय कदम बताया।