पी एम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय (Navodaya Vidyalaya) मौली में हाल ही में एक शानदार कला कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य छात्रों में कलात्मक क्षमता को बढ़ावा देना और शिक्षा में कला के महत्व को समझाना था।
छात्रों को अपनी रचनात्मकता को व्यक्त करने का मौका दिया गया,
जिससे वे अपने विचारों को कला के माध्यम से प्रकट कर सकें।
Navodaya Vidyalaya: कार्यशाला का आयोजन 23 अगस्त से 22 सितंबर 2024 तक
कार्यशाला का आयोजन 23 अगस्त से 22 सितंबर 2024 तक चला और इसका उद्घाटन तथा समापन विद्यालय के प्राचार्य, रूपचंद जी ने किया।
इस कार्यक्रम में विद्यालय के कला शिक्षक पद्मवीर सिंह के साथ चंडीगढ़ से आए
आर्टिस्ट मोहित और कनिष्क ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस कार्यशाला में कुल 70 छात्रों ने भाग लिया, जिन्होंने 30 दिनों के दौरान कई पेंटिंग और लकड़ी की मूर्तियां बनाई।
बच्चों ने अपने चित्रों के माध्यम से यह दर्शाया कि शिक्षा में कला का क्या महत्व है।
उनकी कड़ी मेहनत और रचनात्मकता ने इस कार्यशाला को सफल बनाया।
कार्यशाला के अंत में कला प्रदर्शनी का आयोजन
कार्यशाला के अंत में एक कला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया,
जहां छात्रों द्वारा बनाई गई मूर्तियों और पेंटिंग्स को सभी विद्यार्थियों और अध्यापकों के सामने प्रदर्शित किया गया।
प्राचार्य रूपचंद जी ने सभी छोटे कलाकारों और मूर्तिकारों को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
उन्होंने कला अध्यापक पद्मवीर सिंह और चंडीगढ़ से आए आर्टिस्ट मोहित तथा कनिष्क को भी इस सफल आयोजन के लिए बधाई दी।
पद्मवीर सिंह ने इस प्रतियोगिता में शामिल सभी बच्चों और सहयोगियों का धन्यवाद किया।
उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताएं बच्चों के लिए जरूरी हैं,
जिससे वे कला के क्षेत्र में अपने कौशल का विकास कर सकें।
इस कला कार्यशाला ने न केवल छात्रों की रचनात्मकता में इजाफा किया
बल्कि उन्हें अपने विचारों को व्यक्त करने का भी अवसर प्रदान किया।
ऐसे आयोजनों से बच्चों में कला के प्रति रुचि बढ़ती है और वे अपने अंदर छिपे प्रतिभा को उजागर कर पाते हैं।
कार्यशाला में छात्रों ने न सिर्फ कला के नए आयाम सीखे, बल्कि उनके आत्मविश्वास में भी वृद्धि हुई।
इस तरह के कार्यक्रम बच्चों की सोचने की क्षमता को बढ़ाते हैं और उन्हें प्रेरित करते हैं कि वे अपने विचारों को स्वतंत्रता से व्यक्त करें।
कुल मिलाकर, यह कला कार्यशाला छात्रों के लिए एक अद्भुत अनुभव रही,
जिसने उन्हें न केवल नई कला विधाओं से परिचित कराया,
बल्कि उनके भीतर छिपी रचनात्मकता को भी बाहर लाने का काम किया।
इस तरह के आयोजनों से बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलता है
और वे कला की दुनिया में अपनी पहचान बना सकते हैं।