चंडीगढ़, 7 मई: बुधवार का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए असामान्य घटनाओं से भरा रहा। सप्ताह के तीसरे कारोबारी दिन की शुरुआत हल्की कमजोरी के साथ हुई थी, लेकिन जैसे ही भारतीय सेना द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर किए गए हमले की खबरें सामने आईं, बाजार में जैसे उबाल आ गया। शुरुआत में घबराए निवेशकों की बेचैनी कुछ ही घंटों में उम्मीद में बदल गई।
सुस्त शुरुआत, फिर जबरदस्त उछाल
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स सुबह करीब 80 अंकों की गिरावट के साथ खुला था, जो बाजार में फैले अनिश्चितता के माहौल को दर्शा रहा था। लेकिन जैसे ही ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की खबरें स्पष्ट होने लगीं और यह सामने आया कि यह एक सटीक, संयमित और सीमित कार्रवाई थी, सेंसेक्स ने तेजी से पलटवार किया। देखते ही देखते इसमें 200 अंकों की जबरदस्त छलांग लगी और यह 80,828 के स्तर तक पहुंच गया।
वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी शुरुआत में थोड़ी गिरावट के साथ खुला था लेकिन जल्द ही इसमें भी 70 अंकों की मजबूती देखी गई, और यह 24,449 के आसपास ट्रेड करता नजर आया।
सैन्य कार्रवाई का बाजार पर असर
6 मई की रात भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम देते हुए पाकिस्तान और POK में मौजूद 9 आतंकी अड्डों को तबाह कर दिया, जिसमें 70 से अधिक आतंकवादियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। इस खबर ने शुरुआती समय में बाजार को थोड़ा हिला जरूर दिया, लेकिन जब यह स्पष्ट हुआ कि भारत का इरादा युद्ध नहीं, बल्कि केवल आतंकवाद के खिलाफ संदेश देना है, तो निवेशकों में एक नई उम्मीद जगी।
हालांकि, पाकिस्तान की तरफ से आए बयानों और “जवाबी कार्रवाई” की धमकियों ने अस्थिरता की आशंका को पूरी तरह खत्म नहीं होने दिया।
सेक्टोरल प्रदर्शन: आईटी और मेटल में गिरावट, ऑटो और बैंकिंग में हल्की राहत
इस हलचल भरे दिन में मेटल और आईटी सेक्टर सबसे ज्यादा दबाव में दिखे। टाटा स्टील, टाटा मोटर्स और इंफोसिस जैसे दिग्गज शेयरों में तेजी से बिकवाली देखी गई। यह गिरावट मुख्य रूप से वैश्विक अस्थिरता और निवेशकों की सतर्कता के कारण आई। वहीं, ऑटो और बैंकिंग सेक्टर में कुछ हद तक खरीदारी देखने को मिली, जिससे इन क्षेत्रों में मामूली रिकवरी देखी गई।
निवेशकों के लिए सलाह: घबराएं नहीं, सोच-समझकर कदम उठाएं
वित्तीय विशेषज्ञों और बाजार विश्लेषकों का कहना है कि इस समय बाजार में भावनात्मक उतार-चढ़ाव ज्यादा हैं। सुरक्षा से जुड़ी बड़ी घटनाओं का सीधा असर निवेशकों की मानसिकता पर पड़ता है। ऐसे में सलाह दी गई है कि:
-
लंबी अवधि की रणनीति पर टिके रहें।
-
कोई भी निर्णय भावनाओं में बहकर न लें।
-
बुनियादी मजबूत कंपनियों पर भरोसा रखें।
-
और सबसे जरूरी, वैश्विक और घरेलू घटनाओं पर पैनी नजर बनाए रखें।
बाजार भले डगमगाए, लेकिन आत्मविश्वास बरकरार
‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने यह दिखा दिया है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक और आत्मविश्वासी है। इस भावना का असर केवल कूटनीतिक क्षेत्र में नहीं, बल्कि आर्थिक जगत में भी साफ-साफ नजर आ रहा है। बाजार भले ही अस्थिर रहे, लेकिन जैसे ही स्पष्टता आती है, उसमें वापस जान भी आ जाती है।