आध्यात्म या दिखावा? बाल संत Abhinav Arora की सच्चाई!
कौन हैं Abhinav Arora ?
10 साल की उम्र में, अभिनव अरोड़ा ने खुद को एक धार्मिक आध्यात्मिक प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में लोगों के सामने पेश किया है
और उनके इंस्टाग्राम पर 9.5 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं।
वह हिंदू त्योहारों का उत्सव, शास्त्रों का पाठ, और प्रतिष्ठित धार्मिक गुरुओं के साथ बातचीत के माध्यम से अपने आध्यात्मिक अनुभवों को साझा करते रहते हैं।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा भारत के सबसे युवा आध्यात्मिक वक्ता के रूप में सम्मानित किए गए अभिनव, उद्यमी और TEDx स्पीकर तरुण राज अरोड़ा के बेटे हैं।
उन्हें प्यार से “बाल संत” कहा जाता है, और वह खुद को बलराम के रूप में पहचानते हैं,
जिसमें वह श्री कृष्ण को अपने छोटे भाई के रूप में पूजते हैं।
एक साक्षात्कार में, अभिनव ने स्कूल में अपने अनुभव साझा किए,
जिसमें बताया कि उनके सहपाठी अक्सर उनसे दूर रहते हैं
क्योंकि वह सभी को “राधे राधे” या “जय श्री कृष्ण” के साथ अभिवादन करते हैं।
दिनचर्या भी ध्यान देने योग्य
उनका अनुशासित दिनचर्या भी ध्यान देने योग्य है, जिसमें वह सुबह 3:30 बजे उठकर ‘माला जाप’ और घर पर पूजा करते हैं।
6:30 बजे तक, वह तुलसी पूजा परिक्रमा करते हैं और बाल गोपाल को “भोग” अर्पित करते हैं, जो उनके गहरे आस्था का प्रतीक है।
आलोचना:
हाल ही में एक धार्मिक जुलूस के दौरान स्टेज की गरिमा को भंग करने पर, अभिनव एक बड़े विवाद में फंस गए।
हिंदू धर्मगुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने उनकी इस क्रिया की कड़ी आलोचना की,
जिससे उनके आध्यात्मिक प्रामाणिकता पर सवाल उठने लगे हैं
और उनके भक्ति के प्रदर्शन के पीछे की मंशा पर बहस छिड़ गई है।
साथ ही , उनकी पुरानी वीडियोस भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
जिसमे वह चिकन खाने की बात कर रहे है और आम बच्चो की तरह उनका रहना दिखाई देता है।
जिसको देख लोग काफी परेशान और गुस्से में नज़र आ रहे है।
आखिर क्या है सच्चाई ? क्या वह ये सब ढोंग रच रहे है
या फिर सच में उन्होंने एक धार्मिक आध्यात्मिक प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में खुद को ढाल लिया है।