चंडीगढ़, 7 मार्च: हरियाणा पुलिस ने एक ऐसे ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो बॉलीवुड फिल्म स्पेशल-26 की तर्ज पर बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी का झांसा देकर ठगी कर रहा था। ये गिरोह फर्जी वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन आवेदन मंगवाता था, परीक्षा और इंटरव्यू करवाता था और फिर नकली नियुक्ति पत्र देकर लाखों रुपये ऐंठ लेता था। पुलिस ने इस गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है और बड़ी मात्रा में नकदी, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।
कैसे करता था गिरोह ठगी?
भिवानी साइबर थाना के सब-इंस्पेक्टर विकास के मुताबिक, गिरोह शगुन ग्रामीण हेल्थ एंड फैमिली काउंसिल नाम से एक फर्जी सरकारी विभाग बनाकर युवाओं को ठग रहा था। ये लोग केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का हवाला देकर ग्रामीण इलाकों में रजिस्ट्रेशन के नाम पर ठगी करते थे। उन्होंने भिवानी, यमुनानगर और जींद में अपने फर्जी कार्यालय भी खोल रखे थे।
गिरोह ने नवंबर 2024 में एरिया इंस्पेक्टर, फील्ड सुपरवाइजर और एमपीएस जैसे पदों पर भर्ती के नाम पर ऑनलाइन आवेदन मंगवाए। करीब 960 युवाओं ने आवेदन किया, जिनमें से 500 ने परीक्षा दी। गिरोह ने 25 युवाओं को फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर नौकरी दी और हर कैंडिडेट से 2 से 4 लाख रुपये तक ठग लिए।
फर्जी भर्ती का भंडाफोड़ ऐसे हुआ
भिवानी जिले के जाटु लोहारी गांव के नीरज नामक युवक को जब इस संस्था की सच्चाई का संदेह हुआ, तो उसने अपने वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की। जब उसे उनसे मिलने नहीं दिया गया, तो उसने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए गिरोह के मुख्य सरगना बलजीत (बड़ेसरा निवासी), रीतू, संजय (सरसाना निवासी), गुलशन (चंडीगढ़ निवासी) और बलकार (जींद निवासी) को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने क्या बरामद किया?
गिरोह के पास से भारी मात्रा में आपत्तिजनक सामान बरामद हुआ है, जिसमें—
✅ 1.57 लाख रुपये नकद
✅ 1.21 लाख रुपये बैंक खातों में फ्रीज
✅ दो चांदी के सिक्के और दो अंगूठियां
✅ 13 मोबाइल फोन, 11 पासबुक, 11 एटीएम कार्ड
✅ 43 रजिस्टर और 8 पेमेंट स्लिप
✅ कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान
फर्जी योजनाओं के नाम पर ठगी
गिरोह ग्रामीण युवाओं से मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना, लड़की सम्मान योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना और प्रधानमंत्री शादी शगुन योजना के नाम पर ठगी कर रहा था। वे युवाओं से फॉर्म भरवाकर उनसे 2000-3000 रुपये तक की उगाही करते थे।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाया जा रहा है कि इस गिरोह के तार और कहां-कहां जुड़े हुए हैं। साइबर सेल ने युवाओं से अपील की है कि वे नौकरी के नाम पर किसी भी संदिग्ध वेबसाइट या संस्था से सतर्क रहें।