चंडीगढ़, 29 मई: मनोरंजन जगत से एक और बेहद दुखद और भावनात्मक खबर सामने आई है। तमिल फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने अभिनेता और हर दिल अज़ीज़ कलाकार राजेश अब हमारे बीच नहीं रहे। गुरुवार सुबह उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। 74 वर्षीय अभिनेता ने चेन्नई में अंतिम सांस ली।
जैसे ही उनके निधन की खबर सामने आई, तमिल फिल्म इंडस्ट्री समेत देशभर के फिल्म प्रेमियों और उनके चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गई। सोशल मीडिया से लेकर तमिलनाडु की सड़कों तक, हर जगह उनके निधन की चर्चा और उनकी यादें ताजा हो गईं। फैंस, उनके साथी कलाकार और तमाम सेलेब्स ने सोशल मीडिया पर गहरा शोक जताया और अपने प्रिय कलाकार को श्रद्धांजलि दी।
एक बेहतरीन इंसान, एक बेमिसाल कलाकार
राजेश केवल एक कलाकार नहीं थे, बल्कि वे उन चंद अदाकारों में से थे जिन्होंने दशकों तक तमिल सिनेमा में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने अपने लंबे फिल्मी करियर में एक से बढ़कर एक यादगार किरदार निभाए — कभी नायक के रूप में, कभी खलनायक के रूप में और कई बार एक संवेदनशील, साधारण लेकिन दिल को छू लेने वाले किरदार में।
उनका अभिनय हमेशा वास्तविकता के करीब रहा और यही वजह थी कि दर्शकों के दिलों में वे एक खास जगह बना पाए। इंडस्ट्री के कई दिग्गजों के साथ उन्होंने स्क्रीन साझा की और अपनी कला से हर दृश्य में जान फूंक दी।
रजनीकांत भी हुए भावुक, बोले – ‘करीबी दोस्त की असामयिक मृत्यु से स्तब्ध हूं’
राजेश के निधन की खबर मिलते ही सुपरस्टार रजनीकांत ने शोक व्यक्त करते हुए तमिल भाषा में ट्वीट किया। उन्होंने लिखा,
“मेरे करीबी मित्र और सहकलाकार राजेश की अचानक मृत्यु की खबर ने मुझे भीतर तक झकझोर दिया। वे न सिर्फ एक शानदार अभिनेता थे, बल्कि एक महान इंसान भी थे। उनकी आत्मा को शांति मिले। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।”
व्यक्तिगत जीवन में भी आया अकेलापन, पीछे छोड़ गए बेटे-बेटी
राजेश के जीवन में निजी मोर्चे पर भी कई उतार-चढ़ाव रहे। उनकी पत्नी जोन सिल्विया पहले ही इस दुनिया को अलविदा कह चुकी थीं। अब उनके पीछे उनका बेटा दीपक और बेटी दिव्या रह गए हैं, जो इस समय गहरे सदमे में हैं। राजेश का पार्थिव शरीर उनके चेन्नई के रामपुरम स्थित आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है, जहां उनके चाहने वाले, प्रशंसक और इंडस्ट्री के साथी उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे।
फिल्मी सफर: सादगी, प्रतिभा और समर्पण से भरा एक गौरवपूर्ण करियर
राजेश ने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1974 में की थी, जब उन्होंने फिल्म निर्देशक के. बालाचंदर की फिल्म ‘अवल ओरु थोड़ार कथई’ में एक छोटी सी भूमिका निभाई। यह उनका डेब्यू था, जिसने तमिल सिनेमा में उनके प्रवेश का मार्ग प्रशस्त किया।
इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और 150 से अधिक फिल्मों में अपने अभिनय की छाप छोड़ी। उन्होंने ‘महानदी’, ‘इरुवर’, ‘नेरुक्कू नेर’, ‘दीना’, ‘सिटीजन’, ‘रमना’, ‘रेड’, ‘विरुमांडी’, ‘ऑटोग्राफ’, ‘शिवकाशी’, ‘रेन’, ‘ई’, ‘तिरुपति’, ‘परमासिवन’, ‘सेवल’, ‘गॉड’, ‘धर्मदुराई’, ‘सर्कार’, ‘मास्टर’, ‘एलीफेंट’, ‘यदुम ऊरे यावरुम केलिर’ जैसी चर्चित फिल्मों में काम किया।
उनकी खासियत थी कि वे जिस किरदार को निभाते थे, उसमें पूरी तरह डूब जाते थे। चाहे वह एक आम आदमी हो, पुलिस ऑफिसर, खलनायक या एक पिता – राजेश हर भूमिका को अपने अंदाज़ में जीवंत कर देते थे।
राजेश को उनकी सहजता और सरल जीवनशैली के लिए भी जाना जाता था। वे भले ही एक बड़े अभिनेता थे, लेकिन कभी स्टारडम उनके स्वभाव पर हावी नहीं हुआ। वे इंडस्ट्री में नए आने वाले कलाकारों के लिए प्रेरणा बने और हमेशा सहयोग के लिए तैयार रहते।
उनके साथ काम करने वाले कलाकार उन्हें एक “उदात्त हृदय वाला” इंसान मानते थे। वे सच्चे अर्थों में एक ‘मूल्यनिष्ठ अभिनेता’ थे, जिन्होंने अभिनय को सिर्फ पेशा नहीं, बल्कि साधना माना।
एक युग का अंत, लेकिन यादें अमर रहेंगी
राजेश का यूं अचानक जाना निश्चित रूप से तमिल फिल्म इंडस्ट्री के लिए अपूरणीय क्षति है। वे उन कलाकारों में शामिल थे, जिनकी उपस्थिति मात्र से सीन का असर गहरा हो जाता था। उनकी अदायगी, उनकी वाणी और उनके किरदार आने वाले वर्षों तक दर्शकों के ज़ेहन में ज़िंदा रहेंगे।
उनका जाना एक युग के अंत जैसा है, लेकिन उनके द्वारा निभाए गए किरदार, उनके शब्द, उनके मुस्कुराते चेहरे और दर्शकों से मिला प्रेम, उन्हें हमेशा हमारे बीच जीवित रखेगा।