सेम-ग्रस्त ज़मीन से समृद्धि तक, हरियाणा सरकार का संकल्प – झींगा पालन से बढ़ेगा किसानों का जल-आधारित मुनाफ़ा!

चंडीगढ़, 27 मई: हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण तथा मत्स्य पालन मंत्री श्री श्याम सिंह राणा ने आज राज्य की कृषि संरचना को मजबूत करने और मत्स्य पालन के लिए संभावनाओं को साकार करने की दिशा में अहम कदम उठाते हुए एक संयुक्त बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में कृषि एवं मत्स्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भूमि संरक्षण, जलभराव वाले क्षेत्रों के उपयोग और झींगा पालन जैसे विषयों पर गहन विचार-विमर्श हुआ।

सेम-ग्रस्त भूमि को उपयोगी बनाने का लक्ष्य – 1 लाख एकड़ सुधार का संकल्प

बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि राज्य में सेम (खारी और जलभराव युक्त) भूमि को कृषि योग्य बनाने की दिशा में गंभीरता से कार्य करें। उन्होंने कहा कि एक लाख एकड़ भूमि को सुधारने का जो लक्ष्य रखा गया है, उसे हासिल करने के लिए आपसी समन्वय और रणनीतिक योजना बेहद जरूरी है। उन्होंने जलभराव क्षेत्रों में तालाबों के निर्माण द्वारा झींगा मछली पालन को बढ़ावा देने की रणनीति पर बल दिया। यह उपाय न केवल खारे पानी की समस्या का समाधान प्रस्तुत करता है, बल्कि किसानों के लिए एक वैकल्पिक आय का स्रोत भी बनता है।

240 एकड़ जलभराव भूमि की हुई पहचान, 124 एकड़ पर तालाब निर्माण पूर्ण

मंत्री को जानकारी दी गई कि अब तक राज्य भर में लगभग 240 एकड़ जलभराव भूमि की पहचान की जा चुकी है, जिसमें से 124 एकड़ भूमि को तालाब निर्माण के माध्यम से मत्स्य पालन के लिए उपयोग में लाया गया है। विभागीय अधिकारी यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि शेष भूमि को भी शीघ्र उपयोग में लाया जाए और झींगा पालन जैसी परियोजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया जाए।

भूमि एवं जल संरक्षण कार्यों की की गई विस्तृत समीक्षा

बैठक में भूमि सुधार से जुड़ी अनेक तकनीकों और योजनाओं पर भी चर्चा हुई। इनमें वर्टिकल ड्रेनेज, सब-सर्फेस ड्रेनेज, जिप्सम उपचार, चेक डैम, रिचार्ज वैल, रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग, क्रेट वायर संरचनाएं, पारंपरिक जल स्रोतों का नवीनीकरण और सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली शामिल हैं।

मंत्री ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि इन तकनीकों का प्रयोग ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकाधिक किया जाए, ताकि खेतों की उत्पादकता बढ़े और जल संसाधनों का संरक्षण भी सुनिश्चित हो।

“हर खेत, स्वस्थ खेत” अभियान के तहत मृदा स्वास्थ्य रिपोर्ट अब मोबाइल पर

बैठक में बताया गया कि राज्य के मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं की सामूहिक क्षमता 30 लाख से अधिक सैंपल्स की जांच करने की है। ‘हर खेत, स्वस्थ खेत’ अभियान के तहत किसानों को उनकी भूमि की मृदा रिपोर्ट सीधे व्हाट्सएप के माध्यम से भेजी जा रही है, ताकि वे वैज्ञानिक आधार पर उर्वरकों और फसलों का चयन कर सकें।

आधुनिक तकनीक से होगा कृषि का कायाकल्प

श्री राणा ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कृषि, बागवानी, डेयरी और मछली पालन जैसे क्षेत्रों में नवाचार और आधुनिक तकनीक का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में तकनीकी दक्षता बढ़ाकर ही किसानों की आमदनी दोगुनी करने और आत्मनिर्भर कृषि तंत्र की स्थापना संभव है।

झींगा पालन में छिपा है ग्रामीण आर्थिक सशक्तिकरण का भविष्य

झींगा पालन को उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में आय का नया स्त्रोत बताया और कहा कि विशेषकर जलभराव से प्रभावित क्षेत्रों में यह तकनीक किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस दिशा में एक समेकित योजना बनाएं और दोनों विभाग मिलकर काम करें।

हरियाणा में होगा प्राकृतिक संसाधनों का सर्वश्रेष्ठ उपयोग

बैठक में कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजा शेखर वुंडरू, मत्स्य पालन विभाग की आयुक्त श्रीमती अमनीत पी. कुमार, कृषि निदेशक श्री राजनारायण कौशिक, मत्स्य पालन निदेशक श्रीपाल राठी, उप निदेशक श्री संदीप कुमार बेनीवाल और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यदि कृषि, मत्स्य और अन्य संबद्ध क्षेत्रों में नवाचार को अपनाया जाए, तो भारत बहुत जल्द विश्व की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बन सकता है।