श्याम सिंह राणा का कृषि अधिकारियों को निर्देश: किसानों को वर्टिकल बागवानी की ओर करें प्रेरित !

चंडीगढ़, 7 मई: हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री श्याम सिंह राणा ने आज एक महत्वपूर्ण बैठक में राज्य के कृषि और बागवानी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे किसानों को “वर्टिकल बागवानी” यानी ऊर्ध्वाधर खेती की ओर प्रेरित करें। shrinking (घटती) कृषि जोतों और बढ़ती जनसंख्या के मद्देनज़र यह तरीका कम भूमि में अधिक उत्पादन और आय प्राप्त करने का एक प्रभावी विकल्प बन सकता है।

यह निर्देश उन्होंने “हरियाणा राज्य बागवानी विकास एजेंसी” की दूसरी जनरल बॉडी बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। यह बैठक एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) के अंतर्गत बुलाई गई थी। बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, बागवानी विशेषज्ञ और एजेंसी के सदस्य किसान भी उपस्थित रहे।

बैठक में मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि हरियाणा सरकार किसानों की आमदनी को दुगुना करने के लक्ष्य की ओर लगातार काम कर रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में चल रही किसान-हितैषी योजनाओं का हवाला देते हुए कहा कि यदि आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाया जाए, तो खेती को बेरोजगारी मिटाने का मजबूत जरिया बनाया जा सकता है।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इजराइल और जापान जैसी तकनीकी उन्नत कृषि प्रणालियों से प्रेरणा लेते हुए किसानों को प्रशिक्षित करें—जिससे कम पानी, कम रासायनिक खाद और उन्नत तरीके से खेती की जा सके।

बजट का पूर्ण उपयोग और लक्ष्य आधारित कार्य की सलाह

कृषि मंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि बागवानी क्षेत्र के लिए तय बजट का पूर्ण रूप से सदुपयोग किया जाए और प्रत्येक परियोजना को सुनियोजित समयसीमा में पूरा किया जाए। साथ ही, किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी सीधे उनके खातों में डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से भेजी जाए ताकि पारदर्शिता और गति बनी रहे।

राज्य में बागवानी क्लस्टर और नई पहल

बैठक में बताया गया कि हरियाणा में करीब 400 बागवानी क्लस्टर चिन्हित किए गए हैं, जिनमें सब्जी और फलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों और उनके समूहों को पैक हाउस निर्माण हेतु अनुदान दिया जाएगा।

प्रदेश के दक्षिणी क्षेत्रों में खजूर की खेती को विशेष रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके तहत सरकार 1.60 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान दे रही है। साथ ही, मशरूम की खेती को भी प्राथमिकता दी जा रही है—विशेषकर सोनीपत में एक मशरूम क्लस्टर स्थापित किया जा रहा है, और अन्य जिलों में भी इसी प्रकार के प्रोजेक्ट को बढ़ाया जा रहा है।

बागवानी मिशन की समीक्षा और आगे की योजना

श्री श्याम सिंह राणा ने पिछले तीन वर्षों की वित्तीय प्रगति की समीक्षा की, जिसमें बागवानी के विभिन्न उपखंडों—बीज उत्पादन, नए बागों की स्थापना, मशीनरी, मधुमक्खी पालन, खुम्ब परियोजनाएं (मशरूम), उत्कृष्टता केंद्र—का आकलन किया गया।

मंत्री ने विभिन्न जिलों से आए किसानों से सीधा संवाद भी किया, जो एजेंसी के सदस्य हैं। उन्होंने किसानों की समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को उनके समाधान के लिए तुरंत कदम उठाने के निर्देश दिए।

पंचायतों को भी जोड़ा जाएगा बागवानी मिशन से

बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को सलाह दी कि वे ग्राम पंचायतों को भी प्रोत्साहित करें कि वे अपनी पंचायत भूमि पर फलदार वृक्ष लगाएं। इससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ गांवों में हरियाली और आय के नए स्रोत विकसित हो सकते हैं।