एक बार फिर टला Axiom-4 मिशन, शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष उड़ान को लगा ब्रेक!

चंडीगढ़, 11 जून: भारत के होनहार अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और उनके साथियों को लेकर रवाना होने वाला Axiom-4 मिशन एक बार फिर टाल दिया गया है। यह चौथी बार है जब यह मिशन रुक गया है – और इस बार वजह है ‘फाल्कन-9’ रॉकेट में लिक्विड ऑक्सीजन का रिसाव

मंगलवार को जैसे ही पूरी टीम उड़ान भरने को तैयार थी, स्पेसएक्स ने आखिरी पल में घोषणा की कि तकनीकी गड़बड़ी के कारण लॉन्च संभव नहीं है। अब इस बहुप्रतीक्षित मिशन की नई तारीख तय नहीं की गई है।

क्या हुआ? क्यों फिर टला मिशन?

स्पेसएक्स ने जानकारी दी कि ‘फाल्कन-9’ बूस्टर रॉकेट के “पोस्ट-स्टैटिक फायर टेस्ट” के दौरान लिक्विड ऑक्सीजन का रिसाव देखा गया। यह एक बेहद संवेदनशील तकनीकी समस्या है, जो मिशन की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती है।

ISRO के अध्यक्ष वी. नारायणन ने बताया कि लॉन्च पैड पर 7 सेकंड की “हॉट टेस्टिंग” के समय यह रिसाव पकड़ में आया। इसके बाद इंजीनियरों की टीम ने तत्काल सभी परीक्षण रोके और सुधार कार्य शुरू किया।

स्पेसएक्स ने कहा, “हम तब तक लॉन्च नहीं करेंगे, जब तक सभी खामियां पूरी तरह ठीक न हो जाएं। मरम्मत के बाद हम नई तारीख साझा करेंगे।”

कौन-कौन थे इस मिशन के यात्री?

इस मिशन में चार अंतरिक्ष यात्री शामिल थे:

  • 🇮🇳 शुभांशु शुक्ला (भारत) – मिशन के पायलट

  • 🇺🇸 पैगी व्हिटसन (अमेरिका) – कमांडर और अनुभवी अंतरिक्ष यात्री

  • 🇭🇺 टिबोर कपू (हंगरी) – अंतरिक्ष विशेषज्ञ

  • 🇵🇱 स्लावोज उज्नान्सकी विस्नीव्स्की (पोलैंड) – अनुसंधान वैज्ञानिक

इन सभी का लक्ष्य था – 14 दिन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में रहकर विज्ञान, तकनीक और मानव व्यवहार पर शोध करना।

Axiom-4 की टाइमलाइन: कैसे-कैसे रुका मिशन

  • मूल लॉन्च तिथि: 29 मई

  • पहली देरी: तकनीकी परीक्षण में खामी

  • दूसरी देरी: 8 जून तक टाला गया

  • तीसरी देरी: 10 जून – मौसम खराब

  • चौथी बार: 11 जून – लिक्विड ऑक्सीजन लीक

हर बार जब लॉन्च करीब आया, किसी न किसी वजह से उसे टालना पड़ा। यह न सिर्फ तकनीकी चुनौती है, बल्कि इन यात्रियों और उनकी टीमों के लिए भावनात्मक संघर्ष भी।

भारत के लिए कितना अहम था यह मिशन?

शुभांशु शुक्ला का यह मिशन सिर्फ एक उड़ान नहीं, बल्कि भारत के लिए एक निजी भारतीय नागरिक का अंतरिक्ष में पहुंचने का सपना था। यह भारत, हंगरी और पोलैंड – तीनों देशों के लिए गर्व का क्षण बनने वाला था।

ISRO और Axiom Space इस मिशन के ज़रिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग, निजी अंतरिक्ष उड़ान और विज्ञान की दिशा में एक बड़ा कदम रखने जा रहे थे।

अगला कदम क्या होगा?

स्पेसएक्स की इंजीनियरिंग टीम रॉकेट की सभी प्रणालियों की फिर से गहन जांच कर रही है। मरम्मत के बाद ही अगली लॉन्च तिथि तय की जाएगी। तब तक मिशन स्थगित रहेगा। सभी यात्रियों को लॉन्च तक विशेष निगरानी में रखा जाएगा।

क्या महसूस कर रहे होंगे शुभांशु?

हर बार जब गिनती उलटी दिशा में चलती है और आखिरी पल में “होल्ड” सुनाई देता है — एक अंतरिक्ष यात्री का दिल धड़कता है। शुभांशु शुक्ला के लिए यह सिर्फ देरी नहीं, उनके वर्षों की तैयारी, प्रशिक्षण और उम्मीदों का पल है।

लेकिन जैसा कि अंतरिक्ष विज्ञान सिखाता है — सुरक्षा सर्वोपरि है। और यही कारण है कि NASA, SpaceX और Axiom जैसी एजेंसियां हर पहलू की 100% जांच के बाद ही हरी झंडी देती हैं।