शिवराज सिंह ने ब्राजील में देखी हाईटेक खेती!

चंडीगढ़, 17 अप्रैल: भारत के केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों ब्राजील के दौरे पर हैं, जहाँ वे ब्रिक्स (BRICS) देशों के कृषि मंत्रियों की 15वीं बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। इस दौरान उन्होंने ब्राजील में सोयाबीन उत्पादन संयंत्र, टमाटर के खेत और अन्य आधुनिक कृषि संस्थानों का भ्रमण किया।

इस यात्रा के दौरान श्री चौहान ने न केवल ब्राजील की खेती की उन्नत तकनीकों को नजदीक से देखा, बल्कि भारतीय कृषि में इन तकनीकों के समावेश की संभावनाओं को भी गहराई से समझने का प्रयास किया। उनका यह दौरा सिर्फ एक औपचारिक भेंट नहीं था, बल्कि भारत के किसानों के लिए एक ठोस दिशा और बेहतर भविष्य की नींव रखने की पहल थी।

सोयाबीन उत्पादन और प्रोसेसिंग पर हुआ विचार

ब्राजील के एक अत्याधुनिक सोयाबीन उत्पादन प्लांट में पहुँचकर मंत्री शिवराज सिंह ने चिंता जताई कि भारत में सोयाबीन का उत्पादन बढ़ाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि भारत और ब्राजील मिलकर सोयाबीन उत्पादन के साथ-साथ प्रोसेसिंग के क्षेत्र में भी गहरा सहयोग कर सकते हैं।

आज भारत ब्राजील से सोया तेल आयात करता है, लेकिन अब विचार किया जा रहा है कि भारत में ही निवेश कर प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किए जाएँ ताकि न केवल आत्मनिर्भरता बढ़े, बल्कि भारत से भी निर्यात संभव हो सके।

खेती में आधुनिकता की मिसाल है ब्राजील

शिवराज सिंह चौहान ने ब्राजील की पूरी तरह मशीनीकृत (मैकेनाइज्ड) खेती की तारीफ करते हुए कहा कि यहाँ खेती लगभग 100% मशीनों के जरिए होती है। कपास की फसल से लेकर कटाई-बुआई तक सब कुछ आधुनिक मशीनों से होता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में इस तरह की मैकेनाइजेशन की आवश्यकता है जिससे खेती कम समय और कम श्रम में अधिक उत्पादन देने वाली बन सके।

नई किस्मों पर चल रहा है गहन अनुसंधान

ब्राजील की शोध प्रणाली का अवलोकन करते हुए श्री चौहान ने बताया कि वे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के साथ मिलकर अच्छे बीजों के विकास पर काम करने की योजना बना रहे हैं। यहाँ उन्होंने कई प्रजेंटेशन देखे, जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि शोध के माध्यम से ऐसी बीज किस्में विकसित की जा रही हैं जो वायरस रोधी हैं और उच्च उत्पादन क्षमता रखती हैं।

टमाटर और मक्का की खेती का अवलोकन

शिवराज सिंह ने ब्राजील के फार्म हाउस में टमाटर की खेती का बारीकी से अवलोकन किया, जहाँ हजारों हेक्टेयर में यह फसल उगाई जा रही है। उन्होंने देखा कि एक ही खेत में अलग-अलग वैरायटीज उगाई जा रही हैं, जिनमें कुछ वायरस से प्रभावित थीं और कुछ पूरी तरह सुरक्षित थीं।

उन्होंने मक्का (कॉर्न) की खेती भी देखी और जानकारी दी कि यहाँ प्रति हेक्टेयर 22 टन उत्पादन होता है, जो वास्तव में चौंकाने वाला है। उन्होंने सिंचाई के उस सिस्टम को भी देखा, जिसमें यूरिया पानी में मिलाकर पाइपलाइन और स्प्रिंकलर सिस्टम से पौधों को सटीक मात्रा में पोषण और पानी दिया जाता है। यह पूरी प्रक्रिया पूरी तरह नियंत्रित और तकनीक-आधारित है।

भारत-ब्राजील कृषि सहयोग के लिए आमंत्रण

श्री चौहान ने ब्राजील को भारत के साथ मिलकर कृषि के क्षेत्र में काम करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि ब्राजील का एक प्रतिनिधिमंडल भारत आकर यहाँ की संभावनाओं का अध्ययन करे और दोनों देश मिलकर कृषि, व्यापार, रिसर्च, टेक्नोलॉजी और प्रोसेसिंग के क्षेत्रों में सहयोग को नई ऊँचाइयों तक ले जाएँ।

खाद्य सुरक्षा और वैश्विक योगदान की प्रतिबद्धता

श्री चौहान ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत ने न केवल अपनी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की है, बल्कि अब कई देशों को भी खाद्यान्न निर्यात कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत और ब्राजील साथ मिलकर वैश्विक खाद्य सुरक्षा को लेकर बड़ा योगदान दे सकते हैं।

शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय दृष्टिकोण को “वसुधैव कुटुंबकम” के माध्यम से याद दिलाया – पूरी दुनिया एक परिवार है – और इसी भावना से भारत दुनिया के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार है।

यह दौरा केवल एक राजनीतिक या कूटनीतिक यात्रा नहीं है, बल्कि भारत के कृषि भविष्य की एक मजबूत और दूरदर्शी पहल है। श्री शिवराज सिंह चौहान ने न केवल तकनीक को समझा, बल्कि उसे भारतीय जमीन पर कैसे उतारा जाए, उस दिशा में गंभीर मंथन किया। आने वाले समय में भारत की खेती को नया आयाम देने में यह यात्रा मील का पत्थर साबित हो सकती है।