Apar Industries Share Girawat : अपार इंडस्ट्रीज के शेयरों में मंगलवार को 20 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई, जिससे निवेशकों को झटका लगा।
बीएसई पर इन शेयरों की कीमत 7,173 रुपये तक गिर गई, जो कि पिछले सात महीनों में इसका सबसे निचला स्तर था।
यह गिरावट कंपनी द्वारा दिसंबर 2024 की तिमाही के परिणामों का खुलासा करने के बाद आई,
जिसमें कर के बाद लाभ (PAT) में साल दर साल 19.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
इस दौरान कंपनी का लाभ 175 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के मुकाबले काफी कम था।
Apar Industries Share Girawat
यह गिरावट ऐसे समय में आई है, जब भारतीय बाजार मजबूत प्रदर्शन कर रहा था,
और बीएसई सेंसेक्स दिन के मध्य में 1.1 प्रतिशत बढ़कर 76,197 अंक पर पहुंच गया था।
हालांकि, पिछले वर्ष के अंत में अपार इंडस्ट्रीज ने बाजार से बेहतर प्रदर्शन किया था
और बेंचमार्क इंडेक्स के मुकाबले 71 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की थी, जबकि सेंसेक्स ने केवल 8 प्रतिशत की बढ़त पाई थी।
कंपनी के राजस्व में हालांकि वृद्धि हुई है, जो पिछले वर्ष की तिमाही के मुकाबले 17.7 प्रतिशत बढ़कर 4,716 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
विशेष रूप से घरेलू कारोबार में 31.8 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला।
बावजूद इसके, निर्यात से कंपनी के कुल राजस्व में योगदान कम हुआ,
जो पिछले वर्ष की तिमाही में 40.7 प्रतिशत था, वह अब घटकर 33.5 प्रतिशत रह गया है।
फायनेंशियल डेटा से साफ होता है कि अपार इंडस्ट्रीज के ईबिटडा (ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की आय) मार्जिन में भी गिरावट आई है,
जो पिछले वर्ष की समान तिमाही से 230 आधार अंक घटकर 8.5 प्रतिशत पर आ गया है।
ऑर्डर बुक में भी एक सकारात्मक खबर
कंपनी की ऑर्डर बुक में भी एक सकारात्मक खबर है। इसके पास 7,601 करोड़ रुपये के लंबित ऑर्डर हैं,
जिनमें से निर्यात का हिस्सा 31.9 प्रतिशत है। नए ऑर्डर के आने की दर में भी वृद्धि हुई है,
जो पिछले साल की तिमाही के मुकाबले 62.3 प्रतिशत अधिक रही है,
जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि अगले कुछ महीनों में कंपनी के लिए हालात सुधर सकते हैं।
अपार इंडस्ट्रीज का प्रबंधन इस समय घरेलू विकास की गति के स्थिर रहने की उम्मीद करता है,
क्योंकि बुनियादी ढांचे में पूंजीगत व्यय जारी रहने की संभावना है। इसके अलावा, निर्यात व्यापार में जो मुश्किलें आ रही थीं,
उनमें धीरे-धीरे सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।
हालांकि, चीन से प्रतिकूल प्रतिस्पर्धी कीमतों और कम निर्यात मांग के कारण इस तिमाही में मार्जिन पर दबाव बना रहा।
मिश्र धातु कंडक्टरों के क्षेत्र में सबसे बड़ी निर्माता
अपार इंडस्ट्रीज, जो कि एल्युमीनियम और मिश्र धातु कंडक्टरों के क्षेत्र में सबसे बड़ी निर्माता है, के पास 350 से अधिक ग्रेड के विशेष तेल, केबल, स्नेहक, और ऑटोमोटिव उत्पादों की रेंज है।
कंपनी का मानना है कि भारत के ट्रांसमिशन और वितरण क्षेत्र में उच्च दक्षता वाले कंडक्टरों की बढ़ती मांग से उसे लाभ मिल सकता है।
इस समय कंपनी के निवेशक उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले महीनों में कंपनी के कारोबार में सुधार होगा,
खासकर पवन और सौर ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में अपार इंडस्ट्रीज की मजबूत पकड़ को देखते हुए।
हालांकि, वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल और उच्च प्रतिस्पर्धा के कारण कुछ जोखिम बने हुए हैं।
कुल मिलाकर, अपार इंडस्ट्रीज के लिए इस तिमाही के परिणाम निराशाजनक रहे हैं,
लेकिन कंपनी के पास भविष्य में सुधार की संभावनाएं हैं,
खासकर अपने विशेष उत्पादों और निर्यात में वृद्धि की वजह से।