Stock Market Decline : भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को जबरदस्त गिरावट देखी गई। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही शुरुआती घंटों में तेजी से नीचे आए, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
शुरुआती दो घंटों में ही 9 लाख करोड़ रुपये से अधिक बाजार पूंजीकरण स्वाहा हो गया।
Stock Market Decline – सेंसेक्स-निफ्टी में भारी गिरावट
सोमवार को सेंसेक्स 490 अंकों की गिरावट के साथ 75,700.43 पर खुला और लगातार गिरते हुए 842 अंकों तक टूट गया।
सुबह 11 बजे तक सेंसेक्स 781.14 अंकों की गिरावट के साथ 75,409.32 पर कारोबार कर रहा था।
वहीं, निफ्टी 150 अंकों की गिरावट के साथ खुला और शुरुआती दो घंटों में ही 265 अंकों तक गिर गया।
सुबह 11 बजे निफ्टी 238 अंकों की गिरावट के साथ 22,854 पर कारोबार कर रहा था।
Stock Market Decline – 9 लाख करोड़ रुपये का नुकसान
इस गिरावट से निवेशकों को 9.48 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण घटकर 410.03 लाख करोड़ रुपये रह गया।
किन कंपनियों को हुआ सबसे ज्यादा नुकसान?
शुरुआती कारोबार में जोमैटो, इंडसइंड बैंक, एमएंडएम, अडानी पोर्ट्स, इंफोसिस और टाटा स्टील के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई।
इन कंपनियों के शेयर 2% तक गिर गए।
हालांकि, एचयूएल, आईसीआईसीआई बैंक और टीसीएस के शेयरों ने हल्की बढ़त दिखाई और हरे निशान में कारोबार किया।
शेयर बाजार में गिरावट की वजहें
1.विदेशी निवेशकों की बिकवाली – विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) भारतीय शेयर बाजार से अपनी पूंजी निकाल रहे हैं।
जनवरी में अब तक 64,156 करोड़ रुपये के शेयर बेचे जा चुके हैं।
2.रुपये में कमजोरी – रुपये की कमजोरी के कारण विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं।
3.अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़त – अमेरिका में बॉन्ड यील्ड में मजबूती आने से विदेशी निवेशकों का रुझान वहां बढ़ गया है।
4.कॉर्पोरेट नतीजे कमजोर – दिसंबर तिमाही में कंपनियों के प्रदर्शन उम्मीद से कमजोर रहे हैं, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ा है।
5.अमेरिकी टैरिफ नीतियां – अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा कोलंबिया, कनाडा और मैक्सिको से आयातित उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा ने वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बढ़ा दी है।
आगे क्या होगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ दिनों में बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है।
अगर विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रही और वैश्विक संकेत कमजोर रहे, तो बाजार में और गिरावट संभव है।
वहीं, बजट 2025 और भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति बैठक भी बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे।