SGPC Leadership Change 2025 : शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
उनका यह निर्णय सिख धार्मिक और प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।
बताया जा रहा है कि यह इस्तीफा श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह की पेशकश और धार्मिक असहमति के चलते दिया गया है।
SGPC के भीतर इस अप्रत्याशित घटनाक्रम से हड़कंप मचा हुआ है।
धामी ने अपने इस्तीफे में धार्मिक गरिमा और सिख परंपरा की रक्षा को प्रमुख कारण बताया।
उन्होंने कहा कि वह सात सदस्यीय कमेटी से भी हटना चाहते हैं।
SGPC Leadership Change 2025 : क्या है इस्तीफे की वजह?
सूत्रों के मुताबिक, धामी ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ हाल में हुई कार्रवाई से असहमत थे।
उन्होंने सार्वजनिक रूप से इस पर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी।
धामी ने कहा, “धर्म की सेवा सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
मैंने जत्थेदार साहिब के सम्मान और सिख मर्यादा की रक्षा के लिए यह कदम उठाया है।”
धामी का मानना था कि धार्मिक संस्थानों में ऐसे निर्णयों से सिख समुदाय की भावनाएं आहत होती हैं।
SGPC Leadership Change 2025 : SGPC में आंतरिक खींचतान?
धामी के इस्तीफे ने SGPC में अंदरूनी मतभेदों को उजागर कर दिया है।
•कई सदस्यों ने इसे आंतरिक राजनीतिक संघर्ष बताया है।
•धार्मिक नीतियों और प्रशासनिक फैसलों को लेकर भी मतभेद सामने आ रहे हैं।
SGPC के एक वरिष्ठ सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “यह सिर्फ इस्तीफा नहीं, बल्कि एक चेतावनी है
कि धार्मिक संस्थानों में पारदर्शिता और एकता बनाए रखना अब और भी जरूरी हो गया है।”
धामी का कार्यकाल: उपलब्धियां और विवाद
हरजिंदर सिंह धामी ने 2022 में SGPC की बागडोर संभाली थी। उनके कार्यकाल में:
•गुरुद्वारा प्रबंधन में डिजिटल सुधार किए गए।
•सिख छात्रों के लिए शैक्षिक कार्यक्रम शुरू किए गए।
•पंथक एकता को मजबूत करने के प्रयास हुए।
हालांकि, ज्ञानी हरप्रीत सिंह से जुड़ी विवादित कार्रवाई और धार्मिक मसलों पर मतभेद उनके कार्यकाल की प्रमुख चुनौतियां बनीं।
संगत की प्रतिक्रिया
धामी के इस्तीफे के बाद सिख संगत में अलग-अलग राय देखने को मिल रही है।
•लुधियाना गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष जसपाल सिंह ने कहा,
“धामी साहिब ने जो फैसला लिया, वह सिख परंपराओं की रक्षा के लिए लिया है। हम उनके साहस को सलाम करते हैं।”
•वहीं, SGPC की आंतरिक टीम के कुछ सदस्यों ने इसे प्रशासनिक अस्थिरता की ओर बढ़ता कदम करार दिया।
धामी के इस्तीफे के बाद अब SGPC को जल्द ही नया प्रधान नियुक्त करना होगा।
•जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह और SGPC महासचिव करनैल सिंह पंजोली इस प्रक्रिया को देख रहे हैं।
•आगामी बैठक में संभावित उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की जाएगी।
सिख समुदाय की नजरें अब इस बात पर हैं कि यह धार्मिक और प्रशासनिक बदलाव पंथक एकता को किस दिशा में ले जाता है।
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