पंजाब राजभवन द्वारा एनएएसी रिफॉर्म्स पर सेमिनार का आयोजन!

NAAC Reforms Seminars

NAAC Reforms Seminars – पंजाब राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया का उद्घाटन भाषण

पंजाब राजभवन, चंडीगढ़ में 19 दिसंबर को आयोजित एक दिवसीय सेमिनार में, राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया ने एनएएसी (नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल) द्वारा किए गए सुधारों को लेकर महत्वपूर्ण विचार रखे।

इस सेमिनार का उद्देश्य उच्च शिक्षा संस्थानों को गुणवत्ता के स्तर पर सुधारने के लिए प्रोत्साहित करना था।

राज्यपाल ने अपने उद्घाटन भाषण में शिक्षा के महत्व पर जोर दिया और बताया कि आधुनिक दुनिया की जरूरतों के अनुसार शिक्षा प्रणाली को विकसित करना अत्यंत आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल रोजगार प्राप्त करने का एक साधन नहीं है,

बल्कि यह एक परिवर्तनकारी शक्ति है जो समाज के हर पहलू में सुधार ला सकती है।

राज्यपाल ने अपने भाषण में भारतीय शिक्षा की ऐतिहासिक धरोहर को भी याद किया।

उन्होंने नालंदा, विक्रमशिला और तक्षशिला जैसे प्राचीन भारतीय शिक्षा केंद्रों का उल्लेख करते हुए कहा

कि इन संस्थानों ने समावेशिता और उत्कृष्टता के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में वैश्विक मानक स्थापित किए थे।

उन्होंने ये भी बताया कि भारत की शिक्षा नीतियों में समय-समय पर बदलाव आया है,

जैसे कि 1968, 1986 और 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीतियों के संशोधन ने शिक्षा की दिशा को एक नई दिशा दी है।

NAAC Reforms Seminars – एनईपी 2020 और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का महत्व 

राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया ने 2020 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की विशेष सराहना की।

उन्होंने कहा कि एनईपी 2020 का उद्देश्य बहु-विषयक शिक्षा को बढ़ावा देना है

और यह शिक्षा के क्षेत्र में लचीलेपन, समावेशिता और प्रौद्योगिकी के एकीकरण की ओर एक कदम है।

उन्होंने एनईपी के तहत विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पाठ्यक्रम में लचीलापन और बहु-विषयक दृष्टिकोण को स्वीकार करने का समर्थन किया,

ताकि विद्यार्थियों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार किया जा सके।

इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य 4 (एसडीजी 4) के साथ जोड़ा गया है,

जो यह सुनिश्चित करता है कि शिक्षा सभी के लिए सुलभ हो और समाज के हर वर्ग को समाहित करे।

NAAC Reforms Seminars – पंजाब की शिक्षा प्रणाली और सरकार की प्रतिबद्धता 

इस अवसर पर पंजाब के शिक्षा मंत्री श्री हरजोत बैंस ने भी अपने विचार रखे।

उन्होंने पंजाब राज्य सरकार के शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में उठाए गए कदमों को साझा किया।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य पंजाब को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है,

ताकि पंजाब के छात्रों को विदेशों में शिक्षा प्राप्त करने के लिए न जाना पड़े।

मंत्री बैंस ने इस सेमिनार को एक उत्कृष्ट मंच मानते हुए इसे नवाचार, समावेशिता और शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

उन्होंने यह भी बताया कि पंजाब सरकार शिक्षा के क्षेत्र में समावेशिता

और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है।

उनका मानना था कि शिक्षा में परिवर्तनशीलता, तकनीकी सुधार और छात्रों की समग्र भलाई के लिए ऐसी पहलें बहुत महत्वपूर्ण हैं।

एनएएसी के सुधार और भविष्य की दिशा:

एनएएसी की सलाहकार डॉ. के. रमा ने इस सेमिनार में एनएएसी की 25 वर्षों की यात्रा पर विस्तार से बात की।

उन्होंने बताया कि एनएएसी अब केवल एक ग्रेडिंग सिस्टम नहीं है,

बल्कि यह उच्च शिक्षा संस्थानों में निरंतर सुधार के लिए एक उपकरण के रूप में काम कर रहा है।

इस दौरान, उन्होंने बताया कि एनएएसी अब बाइनरी ग्रेडिंग प्रणाली से परिपक्वता-आधारित मान्यता प्रणाली की ओर बढ़ने की योजना बना रहा है।

उन्होंने नई प्रणाली के बारे में बताया कि यह पांच प्रगतिशील स्तरों पर आधारित होगी।

पहले चार स्तर स्थानीय और राष्ट्रीय मानकों के अनुसार होंगे, जबकि पांचवां स्तर अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार होगा।

इससे भारतीय विश्वविद्यालयों के लिए वैश्विक प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित होगी।

यह प्रणाली हर विश्वविद्यालय को एक संरचित प्रणाली से जोड़ने का प्रयास करेगी,

जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और भारत के विश्वविद्यालय वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकेंगे।

डीजीपी चंडीगढ़ का संदेश:

इस सम्मेलन में चंडीगढ़ के डीजीपी श्री सुरेंद्र यादव ने भी छात्रों में नशे की लत और मानसिक कल्याण को लेकर जागरूकता अभियान पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि शिक्षा संस्थानों को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए और छात्रों को समग्र मार्गदर्शन देने के लिए जागरूकता अभियानों में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए,

ताकि उनके शारीरिक और मानसिक कल्याण को सुनिश्चित किया जा सके।

सम्मेलन का समापन और भविष्य की दिशा:

इस सेमिनार में राज्यपाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव के. शिव प्रसाद, पंजाब के शिक्षा सचिव श्री के.के. यादव, सेमिनार के समन्वयक श्री ललित जैन,

पंजाब के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों के कुलपति, उप-कुलपति, रजिस्ट्रार और प्रिंसिपल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

यह सेमिनार पंजाब की शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

इसके माध्यम से राज्य सरकार और एनएएसी दोनों मिलकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने

और पंजाब को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में वैश्विक मानक तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।